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Tuesday, April 9, 2013

पाकिस्तान में लड़की को मुसलमान बनाने पर हिंदुओं का प्रदर्शन

पाकिस्तान के सिंध में एक हिंदू युवती के इस्लाम स्वीकार करने और एक मुस्लिम युवक से शादी करने को लेकर अल्पसंख्यक हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि युवती का अपहरण कर उससे जबरन धर्मांतरण करवाया गया है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/world/pakistan/hindus-protest-after-woman-converted-to-islam-in-pakistan/articleshow/19291109.cms

पाकिस्तानी हिंदुओं को शरणार्थी का दर्जा नहीं: भारत

http://www.livehindustan.com/news/videsh/indiaabroad/article1-story-2-7-318797.html
पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले हिंदुओं को भारत द्वारा शरणार्थी का दर्जा देने से इनकार किए जाने पर अमेरिका स्थित हिंदू अमेरिकी संस्था (एचएएफ) ने कल निराशा जाहिर की।

Sunday, March 17, 2013

पाकिस्तान से पलायन कर रहे हिन्दू परिवार

http://www.pressnote.in/jodhpur-news_197003.html
पाकिस्तान से पलायन कर हिन्दू परिवार लगातार भारत का रूख कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय ट्रेन थार एक्सप्रेस में रविवार को 640 यात्रियों का जत्था भगत की कोठी स्टेशन पहुंचा।

कश्मीर नीति की नाकामी

http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-kashmir-policy-failure-10223896.html

श्रीनगर के एक पब्लिक स्कूल में सीआरपीएफ जवानों के शिविर पर किए गए आत्मघाती हमले ने जम्मू-कश्मीर में पिछले डेढ़-दो साल से चली आ रही शांति को तोड़ने के साथ ही यह भी साबित कर दिया कि इस राज्य में आतंकवाद का खतरा अभी भी कायम है। सच तो यह है कि घाटी का माहौल तभी से बिगड़ने लगा था जब संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने के बाद जम्मू-कश्मीर में संकीर्ण स्वार्थो वाली राजनीति का दौर आरंभ हो गया और उसकी चपेट में विधानसभा भी आ गई। संकीर्ण स्वार्थो की इस राजनीति में न तो सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कांफ्रेंस पीछे है और न विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी। ये दोनों ही दल अफजल की फांसी को लेकर अलग-अलग तरीके से जम्मू-कश्मीर की जनता को भावनात्मक रूप से भड़काकर अपने राजनीतिक स्वार्थो का संधान करना चाहते हैं, जबकि जरूरत वहां की जनता को यह समझाने की है कि अफजल ने भारत की अस्मिता की प्रतीक संसद पर हमलाकर जघन्य अपराध किया और इस अपराध के लिए वह फांसी की सजा का हकदार था। अगर कश्मीर के राजनीतिक दल ही इस हकीकत से मुंह चुराएंगे तो फिर जनता को सही बात कैसे समझ आएगी? राजनीतिक दलों के रवैये का लाभ हुर्रियत कांफ्रेंस समेत कश्मीर के अलगाववादी संगठन उठा रहे हैं। यासीन मलिक ने अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान जिस तरह भारत के खिलाफ आग उगली और यहां तक कि मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद के साथ मंच भी साझा किया उससे उनके इरादे साफ हो जाते हैं।
कश्मीर के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले शेख अब्दुल्ला के मन में अपनी रियासत को एक स्वतंत्र देश बनाने की ललक थी। इसी ललक के चलते उनके और प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के मधुर रिश्तों में कड़वाहट आई। ये रिश्ते तब और बिगड़े जब शेख अब्दुल्ला ने कश्मीर को विशेष दर्जा देने की मांग करने के साथ ही उसके भारत में विलय को नकारना शुरू कर दिया। इसके चलते एक दशक से अधिक समय तक उन्हें नजरबंद भी किया गया। शेख अब्दुल्ला के बाद उनके पुत्र फारुक अब्दुल्ला के साथ भी केंद्र के रिश्ते बनते-बिगड़ते रहे। ऐसा लगता है कि उनके बेटे उमर के साथ-साथ अन्य कश्मीरी दलों के नेता अभी भी आजाद कश्मीर के मोह से ग्रस्त हैं और शायद इसीलिए कश्मीर की जनता पर तथाकथित आजादी का फितूर सवार रहता है। यह भी स्पष्ट है कि पाकिस्तान इसे हवा देता रहता है। कश्मीर के प्रति पाकिस्तान के इरादे आजादी के बाद से ही सही नहीं है। कश्मीर के मुस्लिम बहुल होने के कारण पाकिस्तान प्रारंभ से ही इस राच्य को हड़पने की फिराक में है। सीधे युद्धों में बार-बार पराजित होने के कारण पाकिस्तान ने आतंकवाद के रूप में छद्म युद्ध की मदद से कश्मीर को हड़पने की अपनी कोशिशें जारी रखी हैं। दूसरी ओर कश्मीर के संदर्भ में भारत आज भी वहीं खड़ा है जहां वह आजादी के समय था। यह तब है जब कश्मीरियों का दिल जीतने के नाम पर अब तक भारत सरकार अरबों रुपये पानी की तरह बहा चुकी है। कश्मीरियों का मन बदलना तो दूर रहा, घाटी और उसके आसपास के क्षेत्रों से जिस तरह कश्मीरी पंडितों को बेदखल किया गया उससे उनकी पाकिस्तान परस्ती का ही प्रमाण मिलता है।
भारत को यह भी समझना होगा कि समस्या की जड़ में कश्मीर को मिला विशेष राच्य का दर्जा है। यह दर्जा भले ही कश्मीरियों को संतुष्ट करने और उन्हें आजादी की राह पर न जाने देने के नाम पर दिया गया हो, लेकिन हकीकत में यह उन्हें शेष भारत से अलग-थलग करने का कारण बन रहा है। इस विशेष दर्जे के कारण ही अंतरराष्ट्रीय जगत में यह संदेश जाता है कि भारत कश्मीर को अलग नजरिये से देखता है और चूंकि यह विवादित क्षेत्र है इसलिए उसे विशेष राच्य का दर्जा प्रदान किया गया है।
अब अगर भारत जम्मू-कश्मीर के विशेष राच्य के दर्जे को वापस लेने का फैसला करता है तो हो सकता है कि कुछ समय के लिए इसका प्रबल विरोध हो, लेकिन यह तय है कि धीरे-धीरे स्थितियां सुधर जाएंगी। कश्मीर के संदर्भ में नई दिल्ली ने अभी तक जो नीतियां अपनाई हैं वे वहां के लोगों का भारत के पक्ष में मन बदलने में नाकाम सिद्ध हुई हैं। विशेष राच्य के दर्जे का वहां के राजनीतिज्ञों ने ही लाभ उठाया है। वे केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए धन का जमकर दुरुपयोग करते हैं और साथ ही जनता के बीच ऐसा संदेश देने की कोशिश करते हैं मानो किसी दूसरे देश ने उनके लिए पैसा भेजा हो। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करना ही इस राच्य के शेष भारत के साथ सही मायने में एकीकरण के लिए एकमात्र विकल्प है।
चूंकि कश्मीर के कारण ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य होने की सूरत नजर नहीं आती इसलिए भारत को पाकिस्तान के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। कम से कम कूटनीतिक स्तर पर उसके प्रति कभी नरमी और कभी गरमी दिखाने का सिलसिला तो बंद होना ही चाहिए। पाकिस्तान के संदर्भ में व्यक्ति के साथ व्यक्ति के स्तर पर संबंध बढ़ाने की नीति तो ठीक है, लेकिन अन्य स्तरों पर रिश्ते मजबूत करने की पहल पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। जब भी देश में कोई आतंकी घटना घटती है और उसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने के संकेत सामने आते हैं या फिर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें होती हैं तो दोनों देशों के रिश्तों में फिर कड़वाहट आ जाती है और कुछ समय बाद नए सिरे से संबंध सुधारने की कोशिश की जाती रहती हैं। उतार-चढ़ाव भरे ये रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों को किसी नए मुकाम पर नहीं ले जाने वाले। इसका ताजा प्रमाण पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करना है। भारत ने भी जवाब में ऐसा ही किया, लेकिन क्या इससे पाकिस्तान को कोई सबक मिला होगा? यहां यह भी ध्यान रहे कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सख्ती से पेश आने का जो फैसला किया गया था उस पर टिके नहीं रहा गया। इसका कारण चाहे अंतरराष्ट्रीय दबाव हो या फिर भारत की अपनी कमजोरी, लेकिन यह किसी से छिपा नहीं कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के गुनहगारों को दंडित करने के लिए अपने स्तर पर कुछ भी नहीं किया। नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता और फिर हैदराबाद की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति फिर से सख्ती के संकेत दिए, लेकिन पाक प्रधानमंत्री की जयपुर यात्रा के दौरान विदेश मंत्री उन्हें दावत देने पहुंच गए। अब श्रीनगर में आतंकी हमले और पाक संसद के निंदा प्रस्ताव के बाद भारत ने फिर कठोर रवैया अपनाया है। इस सिलसिले से भारत की जनता अब आजिज आ गई है। बेहतर यह होगा कि सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाकर कश्मीर और पाकिस्तान के संदर्भ में भारत की नीति नए सिरे से निर्धारित की जाए। यह नीति देश की होनी चाहिए, किसी राजनीतिक दल या सरकार की नहीं और उस पर लंबे समय के लिए अमल भी होना चाहिए।
[लेखक संजय गुप्त, दैनिक जागरण के संपादक हैं]

बांग्लादेश में फूंक डाले 47 मंदिर व 700 हिंदुओं के घर

http://www.jagran.com/news/world-hindu-temples-attacked-in-bangladesh-10215337.html
बांग्लादेश में पिछले माह जब से कट्टरपंथी मुस्लिम नेता को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई गई तब से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पूरे बांग्लादेश में दर्जनों हिंदू मंदिरों और सैकड़ों घरों पर हमला कर उन्हें जला दिया है।

गाजियाबाद: योगी आदित्यनाथ को ट्रेन से उतारा गया

http://abpnews.newsbullet.in/ind/34-more/44935-2013-03-07-03-04-47
दिल्ली से गोरखपुर जा रहे बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ को बीती रात पुलिस ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतार दिया. 

हिंसा की चपेट में आए बांग्लादेश के हिंदू

http://www.jagran.com/news/world-violence-engulfed-bangladeshi-hindu-10181244.html
बांग्लादेश में जारी हिंसा ने वहां के हिंदुओं और मंदिरों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। जमात-ए-इस्लामी समर्थक माने जाने वाले अराजक तत्वों ने शनिवार को मोरेलगंज इलाके में एक मंदिर को आग लगाने के साथ हिंदू अवामी लीग के दो कार्यकर्ताओं के घर भी फूंक डाले।

अफजल की फांसी पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा, बीजेपी विधायक को थप्पड़ जड़ा

http://navbharattimes.indiatimes.com/india/north/-rashid-demands-plebiscite-in-jk/articleshow/18742736.cms
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गुरुवार को बेहद शर्मनाक घटना सामने आई। अफजल गुरु की फांसी पर गुरुवार को विधानसभा के भीतर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बीच निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने विधानसभा में ही बीजेपी विधायक चौधरी सुखनंदन को थप्पड़ जड़ दिया। रशीद अफजल को फांसी पर लटकाने से खासे नाराज थे। रशीद का कहाना था कांग्रेस ने साजिश के तहत अफजल गुरु को फांसी पर लटकाया है।

Sunday, February 24, 2013

बंगाल में धार्मिक नेता की हत्या के बाद हिंसा, 200 घर आग के हवाले

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/18586619.cms
केनिंग।। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के नालीखली गांव में एक धार्मिक नेता की गुंडों द्वारा हत्या के बाद वहां पर हिंसा भड़क गई है। नेता की मौत से गुस्साई भीड़ ने 200 घरों को आग के हवाले कर दिया। हमलावरों ने कई गांवों में लूट-खसोट भी की। इनका आरोप है कि पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।

पेशावर में खौफ में जी रहा सिख समुदाय

http://www.jagran.com/news/world-peshawar-sikhs-worried-insecure-over-kidnappings-10078002.html
इस्लामाबाद। अपहरण की बढ़ती घटनाओं के कारण पेशावर शहर में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। पिछले साल नवंबर में कबायली क्षेत्र खैबर से अपहृत औषधि विक्रेता मोहिंदर सिंह का शव टुकड़ों में मिला था। वहीं बीते हफ्ते रघबीर सिंह को उनके कायदाबाद स्थित घर के पास से ही अगवा कर लिया गया था। 40 वर्षीय रघबीर चार बच्चों के पिता हैं।

हिंदुओं के हत्यारे मौलवी को मौत की सजा

http://www.jagran.com/news/world-bdesh-court-hands-down-death-penalty-to-1971-war-criminal-10062335.html
 बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने उन्नीस सौ इकहत्तर में मुक्ति संग्राम के दौरान छह हिंदुओं की हत्या, कई महिलाओं से दुष्कर्म के आरोपी भगोड़े मौलवी को मौत की सजा सुनाई है। कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी के पूर्व सदस्य अबुल कलाम आजाद के पाकिस्तान में होने की आशंका है।

भारतीय जवानों के बाद पाकिस्तान में सिख का सिर कलम

http://www.jagran.com/news/world-kidnapped-sikh-man-beheaded-in-pakistans-tribal-belt-10022452.html
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय जवानों को मारकर उनमें से एक का सिर काटने की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के बाद एक सिख का सिर काटने का मामला सामने आया है। पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने एक महीने पहले अगवा किए गए मोहिंदर सिंह का प्रतिद्वंद्वी गुट के लिए जासूसी करने के लिए सिर कलम कर दिया।

Monday, January 7, 2013

पाकिस्तान में हिंदू चिकित्सक की गोली मारकर हत्या

http://aajtak.intoday.in/story/hindu-doctor-shot-dead-in-pakistan--1-715836.html
पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम अशांत प्रांत बलूचिस्तान में दो अलग अलग घटनाओं में एक प्रख्यात चिकित्सक और एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई.

पाक में हिंदूओं को शव दफनाने को किया जा रहा मजबूर

http://www.jagran.com/news/national-pakistan-cremation-ground-sold-by-govt-hindus-forced-to-bury-their-dead-9893691.html
नई दिल्ली। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को अब अपने परंपराओं एवं रीतिरिवाजों के अनुसार मृत शवों का क्रियाक्रम करने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं। इतना ही नहीं इसके लिए यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के लिए श्मशान भूमि तक नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

वापसी पर सोचें कश्मीरी पंडितः उमर

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/17709102.cms
नई दिल्ली।। कश्मीर घाटी को दो दशक पहले छोड़ चुके कश्मीरी पंडितों के मन में सुरक्षा की भावना बहाल करने के वादे के साथ जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को इस समुदाय से राज्य में वापसी की संभावनाएं तलाशने को कहा। उमर ने कहा कि अगर कश्मीरी पंडितों को घाटी में लौटाने के लिए बोलने से काम चलता तो हम बोलते। लेकिन मुझे लगता है कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के मामले में बोलना पर्याप्त नहीं है।

Monday, October 15, 2012

युवती का धर्म परिवर्तन कराकर बंधक बनाया

http://www.amarujala.com/National/lady-kept-as-hostile-after-religion-changed-32473.html
पांच माह पहले पंजाब के लुधियाना से अगवा करके लाई गई लड़की को धर्म परिवर्तित कराकर परतापुर के गांव कांशी में जबरन रखा गया। सूचना पर जब उसका पिता परतापुर थाने पहुंचा, तो आरोपी उसे भी उठा ले गए। पुलिस ने लड़की और उसके पिता को बरामद कर लिया। पुलिस ने लड़की को पिता के सुपुर्द कर दिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ बिना कार्रवाई किए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

Monday, September 17, 2012

शरीफ की हिंदुओं से अपील, देश छोड़कर ना जाएं

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16401600.cms
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हिंदुओं से अपील की है कि वे समस्याओं के बावजूद देश छोड़कर नहीं जाएं। 

Tuesday, September 11, 2012

पाक में दो हजार अल्पसंख्यकों को बनाया मुसलमान

http://www.jagran.com/news/world-2000-girls-from-minority-sects-converted-to-islam-9637279.html
पाकिस्तान में हिंदू, सिख, ईसाई एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की दो हजार औरतों और लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया है। इसके लिए बलात्कार, यातना और अपहरण को हथियार बनाया गया। जबरन धर्म परिवर्तन के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के 161 लोगों को ईशनिंदा कानून में फंसाया गया। ये आंकड़े 2011 के हैं।

पाकः बच्चों के दिमाग में हिंदू और भारत के खिलाफ घोला जा रहा जहर

http://www.amarujala.com/international/Pakistan/pakistani-books-provoke-children-against-india-and-hindu-13417-3.html
ऐसे समय में जब पाकिस्तान आतंकवाद से त्रस्त है, उस घड़ी में भी उसका आधिकारिक शैक्षिक जगत स्कूली पाठ्यक्रम में हिंदुओं, ईसाइयों और सिखों के खिलाफ जातीय घृणा फैलाने वाली सामग्री को शामिल करने पर रोक लगाने में अक्षम है। वहां के बच्चों के दिमाग में हिंदुओं, सिखों, ईसाईयों और भारत के खिलाफ जहर घोला जा रहा है। 

भारत पहुंचे 171 पाक हिंदू, शरणार्थी दर्जा देने की मांग

http://www.amarujala.com/National/171-pak-hindus-reached-india-seeking-refugee-status-31621.html
करीब 3 महीने की लंबी और मुश्किल यात्रा के बाद 171 पाक हिंदुओं का जत्था रविवार को भारत पहुंच गया। पड़ोसी मुल्क में असहनीय हालात से तंग आकर यहां आए हिंदुओं ने भारत में उन्हें शरणार्थियों का दर्जा देने की मांग की है। समुचित इंतजाम न होने तक फिलहाल वे यहां के एक मंदिर में डेरा डाले बैठे हैं। हिंदू प्रवासियों के पुनर्वास के लिए लड़ रहे सीमांत लोक संगठन के प्रमुख सोधा सिंह ने कहा कि हमने राज्य के मुख्यमंत्री को सूचित कर दिया है। उम्मीद है कि वे पाक से आए हिंदुओं के लिए समुचित इंतजाम करने के निर्देश देंगे।