हिंदू हितों (सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक) को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाली घटनाओं से सम्बंधित प्रमाणिक सोत्रों ( राष्ट्रिय समाचार पत्र, पत्रिका) में प्रकाशित संवादों का संकलन।
Monday, March 5, 2012
Thursday, June 11, 2009
अमेरिकी हिंदू संगठन को मिला मुआवजा
दैनिक जागरण, १० जून २००९, वाशिंगटन। कैलिफोर्निया के शिक्षा बोर्ड पर मुकदमा करने वाले हिंदू अमेरिकी अभिभावकों के एक संगठन ने अदालत के बाहर समझौता हो जाने के बाद मामला वापस लेने का निर्णय किया है।
इस संगठन ने पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए बोर्ड के खिलाफ मामला दायर किया था। समझौते के बाद कैलिफोर्निया का शिक्षा विभाग और प्रांतीय शिक्षा बोर्ड कैलिफोर्निया पैरेंट्स फार द इक्वलाइजेशन आफ एजुकेशनल मैटेरियल्स [कापीम] को एक लाख 75 हजार डालर का मुआवजा देने को तैयार हो गया है।
कापीम ने अपने बयान में कहा कि कैलिफोर्निया का शिक्षा बोर्ड मुद्दे को स्पष्ट तरीके समझ गया है, इसलिए कापीम ने मुकदमे को और लंबा न खींचने का निर्णय किया है। प्रांत ने कापीम के साथ समझौता किया और स्वच्च्छिक तौर पर मुकदमा वापस लेने के बदले कापीम को एक लाख 75 हजार का जुर्माना देने का निर्णय किया है।
कापीम ने वर्ष 2006 में कैलिफोर्निया के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट की अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट अदालत में मुकदमा दायर किया था।
संगठन ने सार्वजनिक विद्यालयों की पाठ्यपुस्तकों में धार्मिक तथ्यों को शामिल करने की प्रक्रिया और साथ ही पाठ में धर्म के बारे में की गई टिप्पणी को चुनौती दी थी।
कापीम ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि हम कैलिफोर्निया प्रांत में रहने वाले अभिभावकों के समूह हैं। हमारे प्रांत की इतिहास और समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व के बारे में नकारात्मक तथ्यों पर हम गंभीर रूप से चिंतित हैं।
कापीम ने आरोप लगाया कि जहां ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म को उसमें आस्था रखने वाले लोगों के परिप्रेक्ष्य में पेश किया जाता है, वहीं हिंदुत्व को उसमें आस्था न रखने वाले लोगों के परिप्रेक्ष्य में पेश किया जाता है। इसने आरोप लगाया कि कैलिफोर्निया का शिक्षा विभाग और शिक्षा बोर्ड हिंदू चिंताओं को दूर करने में विफल रहा। हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव किया जा रहा है।
Monday, November 24, 2008
Hindu religious leader to address EU Parliament
11/22/2008, Times of India.Prominent Hindu religious leader Rajan Zed has been invited by President of European Parliament Hans-Gert Pottering for a meeting to discuss issues concerning Hindus and promote interfaith dialogue. Zed, who is president of Universal Society of Hinduism, will meet President Pottering in his Brussels office on December 10.
This will be the first formal visit of a Hindu religious leader to EP during the current European Year of Intercultural Dialogue (EYID). Other world religious leaders who visited EP as part of EYID include Orthodox Patriarch Bartholomew, Grand Mufti of Syria and Rabbi Jonathan Sacks.
After exchanging views with the President, Zed will meet Deputy Head of President's Cabinet Ciril Stokelj for detailed discussion on various issues.
Zed, who became the first person to recite Hindu opening prayer in the United States' Senate in its 218-year history, is one of the panelists for 'On Faith', a prestigious interactive conversation on religion produced jointly by Newsweek and washingtonpost.com.
He has also set the record by reciting prayers in California, Arizona, Utah, New Mexico, and Nevada Senates, Arizona House of Representatives and Nevada Assembly.
Zed, Spiritual Advisor to the National Association of Interchurch and Interfaith Families, Director of Interfaith Relations of Nevada Clergy Association, is famous for his efforts in promoting interfaith talks.
Wednesday, November 19, 2008
हिंदुओं को जगाने निकली जन जागरण यात्रा
मंगलवार को यात्रा का शुभारंभ रामघाट पर भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास की अगुवाई में शास्त्रोक्त विधि से वैदिक रीति से मां मंदाकिनी का पूजन अर्चन किया। सबसे पहले दूध की धार से अभिषेक किया और फिर पूजन कर आरती करने के बाद यात्रा को रवाना कर दिया गया। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री ने बताया कि हिंदू विरोधी केंद्र सरकार के कार्यों का काला चिट्ठा लोगों के सामने खोलने के लिए इस जनजागरण यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कानपुर प्रांत के अंतर्गत आज ही ब्रह्मावर्त से भी एक यात्रा शुरू की गई है। बताया कि यह यात्रा यहां से शुरू होकर आज ही अतर्रा, बांदा, कबरई होते हुये महोबा में रात्रि विश्राम करेगी। बुधवार को कबरई, खन्ना, मौदहा, भरुवासुमेरपुर होते हुये हमीरपुर में विश्राम करेगी। गुरुवार को राठ, उरई में विश्राम शुक्रवार को मोठ, पारीक्षा, चिरगांव व झांसी में विश्राम शनिवार को बबीना, तालबेहट, वासी होते हुये ललितपुर में समापन होगा। यात्रा के आरंभ में प्रांत संगठन मंत्री बजरंग दल वीरेन्द्र पांडेय, विभाग संगठन मंत्री रमेश चंद्र त्रिपाठी, जिला संगठन मंत्री छत्रपाल सिंह, जिला गौ रक्षा प्रमुख विकास मिश्र के अलावा दर्जनों साधू और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। यात्रा अपना पहला पड़ाव कर्वी के बाद शिवरामपुर, भरतकूप होते हुये बांदा जिले में प्रवेश कर गई। रास्ते में जगह-जगह हैंडबिलों के माध्यम से हिंदू चेतना का काम भी किया गया। इसके अलावा लाउडस्पीकर से भी यह काम किया जा रहा था।
Friday, November 14, 2008
जांच के नाम पर जलालत
मालेगांव बम धमाके के सिलसिले में कुछ हिंदुओं की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं हृदयनारायण दीक्षित
दैनिक जागरण, १३ नवम्बर, २००८, विश्व हिंदू मानस के समक्ष आत्मनिरीक्षण की चुनौती है। हिंदू अपनी मातृभूमि में ही आतंकी बताए जा रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और मालेगांव सिर्फ बहाना हैं, समूचा हिंदू दर्शन और हिंदुत्व ही निशाना है। प्रज्ञा सिंह के नार्को परीक्षण जैसे ढेर सारे मेडिकल टेस्ट हो चुके हैं। महाराष्ट्र की एटीएस कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा सकी। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के योगाचार्य रामदेव ने ऐसे तमाम परीक्षणों पर ऐतराज जताया है। संविधान प्रदत्त व्यक्ति के मौलिक अधिकार अनुच्छेद 20 के अनुसार किसी अपराध के लिए आरोपित किसी व्यक्ति को स्वयं अपने खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रज्ञा को विविध परीक्षणों के जरिए स्वयं अपने ही विरुद्ध साक्ष्य के लिए विवश किया जा रहा है।
बेशक मालेगांव घटना की गहन जांच होनी चाहिए। कानूनी तंत्र को दबावमुक्त होकर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। राष्ट्रद्रोह असामान्य अपराध है, लेकिन एटीएस की अब तक संपन्न जांच ने कई आधारभूत सवाल भी उठाए हैं, मसलन एटीएस की गोपनीय पूछताछ भी नियमित रूप से प्रेस को क्यों पहुंचाई जा रही है? क्या पूछताछ का उद्देश्य महज प्रचार ंहै और यही सिद्ध करना है कि हिंदू संगठन भी आतंकी होते हैं? एटीएस सही दिशा में है तो कोई पुख्ता सबूत क्यों नहीं है? एटीएस ने 'अभिनव भारत' नाम की एक संस्था का पता लगाया है? 'अभिनव भारत' वीर सावरकर की संस्था थी। मदनलाल धींगरा भी इसके सदस्य थे। उन्होंने अंग्रेज अफसर डब्लूएच कर्जन को मारा था। यह भारतीय स्वाधीनता संग्राम था। धींगरा स्वाधीनता संग्राम के हीरो बने। देश आजाद हुआ, सावरकर ने यह कहकर अभिनव भारत की समाप्ति की घोषणा की कि स्वाधीन भारत में सशस्त्र युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। एटीएस द्वारा खोजी गई नई 'अभिनव भारत' जून 2006 में बनी। वेबसाइट के अनुसार संस्था का लक्ष्य है स्वराज्य, सुराज्य, सुरक्षा और सुशांति। सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय अध्यक्ष हैं। एटीएस का आरोप है कि प्रज्ञा सिंह इन्हीं उपाध्याय के संपर्क में आई। संपर्क दर संपर्क ही एटीएस का आधार है। कह सकते हैं कि एटीएस के पास फिलहाल सूत्र ही हैं, सबूत नहीं। बावजूद इसके हिंदू आतंकवाद का हौव्वा है। हिंदू आतंकवाद नई सेकुलर गाली है। क्या हिंदू आतंकी हो सकते हैं? आरोपों-प्रत्यारोपों की बातें दीगर हैं, इस लिहाज से तो महान राष्ट्रभक्त सरदार पटेल भी आतंकी घोषित हो चुके हैं, सेकुलर दलों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जिहादी आतंकवाद के लक्ष्य सुस्पष्ट हैं। वे शरीय कानूनों वाला देश चाहते हैं। आतंकी हमलों का श्रेय लेते हैं और पकड़े जाने पर बेखौफ अपना मकसद बताते हैं। प्रज्ञा या उपाध्याय और अभिनव भारत ने क्या ऐसा कोई उद्देश्य घोषित किया है? हिंदू हजारों बरस पहले ऋग्वैदिक काल से ही जनतंत्री हैं। यहां ईश्वर को भी खारिज करने वाले चार्वाक ऋषि हैं, हिंदू समाज की आक्रामक शल्य परीक्षा करने वाले डा.अंबेडकर भारत रत्न हैं। हिंदू संविधान मानते हैं, राष्ट्रध्वज देखकर रोमांचित होते हैं। हिंदू इस देश को पुण्यभूमि, पितृभूमि मानते हैं, यहां हिंसा होगी तो वे जाएंगे कहां? हिंदू अपने ही राष्ट्रीय समाज के विरुद्ध युद्धरत नहीं हो सकते। हिंदू जन्मजात राष्ट्रवादी हैं। सारी दुनिया का राष्ट्रभाव मात्र पांच-छह सौ बरस ही पुराना है, भारतीय राष्ट्रभाव कम से कम 8-10 हजार वर्ष पूर्व वैदिक साहित्य में भी है। हिंदू अपने ही हिंदु-स्थान को रक्तरंजित नहीं कर सकते। तब प्रश्न यह है कि प्रज्ञा सिंह या उपाध्याय पर लगे आरोपों का राज क्या है? अव्वल तो इस प्रश्न का सटीक उत्तर जांच और विवेचना की अंतिम परिणति और न्यायालय ही देंगे कि वे दोषी हैं या निर्दोष, लेकिन एटीएस की प्रचारात्मक कार्यशैली से राजनीतिक षड्यंत्र की गंध आ रही है। दु:ख है कि विद्वान प्रधानमंत्री को आस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा की गई एक मुस्लिम युवक की गिरफ्तारी के कारण पूरी रात नींद नहीं आई, लेकिन बिना सबूत प्रज्ञा और सेना से जुड़े सदस्यों के उत्पीड़न के बावजूद वह खामोश हैं। प्रज्ञा का दोषी होना समूची हिंदू चेतना और भारतीय राष्ट्र-राज्य व राजनीति के लिए भूकंपकारी सिद्ध होगा। चूंकि प्रज्ञा बिना किसी साक्ष्य के बावजूद पीड़ित है इसलिए राजनीति और सरकार से आहत, अपमान झेल रहे करोड़ों हिंदुओं की 'महानायक' बन चुकी है। हिंदू मन स्वाभाविक रूप से आक्रामक नहीं होता। हिंदू ही क्या, कोई भी सांस्कृतिक और सभ्य कौम हमलावर नहीं होती,पर अपमान सहने की सीमा होती है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक बताते हैं। इमाम बुखारी जैसे लोग राष्ट्र-राज्य को धौंस देते हैं। राजनीति एकतरफा अल्पसंख्यकवादी है। केंद्रीय मंत्री बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी भारतीय नागरिक बनाने की मांग करते हैं।
आतंकवाद राष्ट्र-राज्य से युद्ध है, लेकिन राजनीति आतंकवाद पर नरम है। भारत के हजारों निर्दोष जन आतंकी घटनाओं में मारे गए, सुरक्षा बल के हजारों जवान शहीद हुए, बावजूद इसके कोई भी आतंकी प्रज्ञा जैसे ढेर सारे 'नार्को' परीक्षणों से नहीं जांचा गया। प्रज्ञा सिंह और अभिनव भारत कहीं तपते हिंदू मन के लावे का 'धूम्र ज्योति' तो नहीं हैं? हिंदुओं की एक संख्या को प्रज्ञा सिंह के कथित कृत्य पर कोई मलाल नहीं है। यह खतरनाक स्थिति है। देश के प्रत्येक हिंदू को ऐसे किसी कृत्य पर मलाल होना चाहिए, लेकिन मध्यकालीन इस्लामी बर्बरता और स्वतंत्र भारत की मुस्लिम परस्त राजनीति ने हिंदू मन को घायल किया है। प्रज्ञा मामले ने नई चोट दी है। राष्ट्रभक्त बहुमत इस घटना से आहत है। आतंकवाद इस राष्ट्र की मुख्यधारा नहीं है। हिंदुओं ने कभी भी किसी कौम या देश पर आक्रमण नहीं किया। हिंदू विश्व की प्राचीनतम संस्कृति, दर्शन और सभ्यता के विनम्र उत्तराधिकारी हैं। वे देश के प्रत्येक नागरिक को 'भारत माता का पुत्र' जानते-मानते हैं। वे आतंकवादी नहीं हो सकते। कृपया उन्हें और जलील न कीजिए।
Wednesday, November 12, 2008
मालेगांव: मठाधीश दयानंद गिरफ्तार
दैनिक जागरण , १२ नवम्बर, २००८, लखनऊ। महाराष्ट्र की एटीएस टीम ने मालेगांव विस्फोट के संबंध में जम्मू मठ के मठाधीश दयानंद पांडेय को कानुपर में गिरफ्तार किया। एटीएस ने उसे कानपुर के काकादेव इलाके से गिरफ्तार किया गया। टीम उसे लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई। इससे पहले एटीएस जांच दल के दो सदस्य मंगलवार की देर रात इस प्रकरण में मिले कथित सुरागों के आधार पर जांच के लिए लखनऊ पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने फिलहाल इस जांच के घेरे में किसी सांसद अथवा विधायक के होने की बात से इनकार किया है।
प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक [कानून एवं व्यवस्था] बृजलाल ने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस दल के दो सदस्य कल रात मालेगांव विस्फोट प्रकरण मे जांच के लिए लखनऊ पहुंच गए हैं और इसमें प्रदेश पुलिस उनका पूरा सहयोग करेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या एटीएस टीम गोरखपुर में सांसद योगी आदित्यनाथ एवं विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल से पूछताछ करेगी बृजलाल ने केवल इतना कहा कि जिस व्यक्ति से पूछताछ होनी है वह न तो सांसद है और न ही विधायक। यह पूछे जाने पर कि क्या एटीएस टीम पूछताछ के लिए गोरखपुर जाएगी, उन्होने इस बात से भी इनकार किया और कहा कि टीम किससे पूछताछ करेगी और जांच के लिए कहां जाएगी इसकी स्पष्ट जानकारी देना जांच के लिहाज से उचित भी नही होगा।
उधर, सांसद योगी आदित्यनाथ और विधायक अग्रवाल से पूछताछ के लिए एटीएस टीम के उत्तार प्रदेश आने की जानकारी लगने पर गोरखपुर में तनाव का माहौल बन गया है और जिला प्रशासन इस पर कड़ी नजर रखे हुए है।
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ एटीएस टीम उनसे पूछताछ करने के लिए आ सकती है के बाबत पहले ही तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं।
Tuesday, November 11, 2008
बम बना रहे दो आरएसएस कार्यकताओं की मौत
दैनिक जागरण, १० नवम्बर २००८, कन्नूर। चेरुवनचेरी में सोमवार की सुबह एक बम फटने से दो लोगों की मौत हो गई। यह जगह कन्नूर से 35 किलो मीटर दूर संवेदनशील थालासेरी शहर के निकट है। दोनों मरने वालों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।
सुबह करीब साढ़े सात बजे हुए विस्फोट में प्रदीपन और दिलीपन की मौत हो गई। इन दोनों की उम्र तीस साल के आसपास थी। बताया जाता है कि दोनों एक झाड़ी के पीछे बैठकर बम बना रहे थे तभी उसमें विस्फोट हो गया। पुलिस का कहना है कि दोनों आरएसएस के कार्यकर्ता थे। कन्नवम पुलिस थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद पुलिस महानिरीक्षक वी शांताराम के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
Wednesday, November 5, 2008
गंगा ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित होगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहां जलसंसाधन पर्यावरण एवं वन और नगर विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने फैसला किया।
गंगा नदी में जलप्रवाह की मात्रा और गुणवत्ता जल के समुचित उपयोग, बाढ़ और प्रदूषण नियंत्रण के बारे में परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ‘गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ गठित करने का भी फैसला किया गया।
प्रधानमंत्री ‘गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ के अध्यक्ष और गंगा प्रवाह वाले राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य होंगे।
प्राधिकरण के अधिकार और कार्यक्षेत्र का निर्धारण राज्य सरकारों और मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श के आधार पर तय किए जाएंगे।
डॉ. सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए देशवासियों के दिल-दिमाग में गंगा के विशेष महत्व का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि गंगा के साथ भावनात्मक लगाव का तकाजा है कि इसे प्रदूषण मुक्त कर आदर्श नदी का रूप दिया जाए। उन्होंने गंगा से जुड़ी परियोजनाओं को लागू करने में आपसी तालमेल कायम किए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा क गंगा प्रदूषण परियोजना के तहत केवल कुछ नगरों को चुन कर टुकड़ों में काम करने की बजाय एक समग्र रणनीति बनाने और इसके क्रियान्वयन की प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है।
Saturday, November 1, 2008
साध्वी के साथ शिवसेना, देगी कानूनी मदद
Friday, September 19, 2008
20 वर्ष बाद फिर हिन्दू बने ढाई सौ वाल्मीकि
दैनिक जागरण १९ सितम्बर २००८, सहसवान (बदायूं)। बीस वर्ष पूर्व ईसाई बने ढाई सौ वाल्मीकि लोगों को ग्राम खिरकवारी में धर्म जागरण समिति के प्रांत राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में उनका शुद्धि करण कर उन्हे पुन: हिन्दू बनाया गया।
बताया जाता है कि ग्राम खिरकवारी में ईसाई मिश्नरी द्वारा न्यू अपोस्टल चर्च के प्रेमचन्द्र पुत्र बन्नू वाल्मीकि के नेतृत्व में 150 से ज्यादा लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया था और वहीं चर्च बनाकर पूजा अर्चना करते थे।
धर्म जागरण समिति के प्रांत प्रमुख राजेश्वर सिंह सेवा भारती के संगठन मंत्री तारा चन्द्र यादव व यज्ञाचार्य प्रणय मिश्र शास्त्री, जिला प्रचारक हिन्दू शुद्धि सभा को भी पता चला कि ईसाई मिश्नरी ने ग्राम खिरकवारी में वाल्मीकि जाति के लोगों को ईसाई बना लिया है तो वह यहां पहुंचे तथा उन्होंने वहां लोगों को हिन्दू धर्म के बारे में बताया। जिस पर ढाई सौ से ज्यादा ईसाई बने लोगों को ग्राम खिरकवारी में कार्यक्रम आयोजित कर हवन कराया। सभी लोगों ने हवन में आहुति देकर हिन्दू धर्म में पुन: आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि वह ईसाई तो बन गये परन्तु वह घुटन महसूस कर रहे थे। आज वह अपने धर्म में पुन: लौटकर बहुत खुश हैं।
हवन में सवा सौ से ज्यादा जोड़ों ने एक साथ तथा ढाई सौ लोगों ने आहुति दी। इससे पूर्व उन्हें गंगाजल पिलाकर शुद्ध करने की रीति अपनाई गई तथा हिन्दू के बारे में बताया गया। भाजपा महिला की जिलाध्यक्षा अंजू चौहान ने महिलाओं के हाथों में कलावा बांधकर उन्हे हिन्दू धर्म की दीक्षा दी।
प्रणव मिश्र पुरोहित ने हवन कराया तथा रज्जान पाल सिंह चौहान, हर्ष वर्धन आर्य, तारा सिंह यादव, लाला हरप्रसाद, विद्याराम, शेखर संघ जिला प्रचारक राजेश जी आदि मौजूद थे।
Monday, September 8, 2008
जम्मू विवाद हल: मंदिर बोर्ड को जमीन मिली
सरकारी पैनल के प्रमुख एस.एस.ब्लोएरिया ने तड़के पांच बजे यहां एक संवाददाता सम्मेलन में श्राइन बोर्ड को यात्रा के दौरान जमीन बहाल किये जाने की घोषणा की।
बातचीत का चौथा दौर कल रात नौ बजकर पांच मिनट पर शुरू हुआ था जो आज तड़के चार बजकर 45 मिनट तक चला। इस फैसले के बाद लगभग दो महीनों से संघर्षरत और 39 दिनों से पूर्ण बंद का सामना कर रहे जम्मू के लोगों के चेहरो पर खुशी लौट आई।
श्री बेलोरिया ने बताया कि श्राइन बोर्ड को वापस की गई जगह पर विभिन्न तरह की सामग्री इस्तेमाल करके ढांचा तैयार किया जायेगा। इसमें शौचालय, स्थानीय निवासियों को दुकानें बनाने की अनुमति, चिकित्सीय सुविधाओं के साथ ही हेलीकाप्टर और वाहन प्रबंधन जैसी सुविधाएं मुख्य होंगी।
श्री अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति (एसएवाईएसएस) के समन्वयक लीलाकरन शर्मा ने बताया कि बैठक में स्वीकार किया गया है कि यात्रा के लिये बोर्ड ही जिम्मेदार होगा और बोर्ड के अध्यक्ष राज्य के राज्यपाल होंगे।
उन्होंने बताया कि वापस दी गई भूमि पर पूर्ण रूप से बोर्ड का अधिकार होगा और यात्रा के दौरान किसी श्रद्धालु से कोई पैसा नहीं लिया जायेगा।
श्री शर्मा ने कहा –“ हमने कुछ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लागू जन सुरक्षा अधिनियम हटाने, अपराधिक मामलों को वापस लेने, संघर्ष में मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने, बागवानों एवं कृषकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जम्मू बंद खत्म करने का निर्णय लिया है।”
इस मामले में सहयोग के लिए उन्होंने जम्मूवासियों और सारे देश के लोगों धन्यवाद दिया है।
Friday, August 22, 2008
जम्मू के जज्बे को सलाम
हाल के वर्र्षो में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया और अस्थायी शिविरों में निवास करने वाले यात्रियों को मौत के घाट उतारा। इसके बावजूद सज्जाद लोन कहते हैं कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि मुसलमान हिंदू तीर्थयात्रियों का 'ध्यान' रख रहे हैं। इससे भी हास्यास्पद बयान हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीर वाइज फारुख का है। उनका दावा है कि वह पंथनिरपेक्षता में यकीन रखते हैं। सांप्रदायिक तो हिंदू हैं, जो श्राइन बोर्ड की जमीन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि घाटी से हिंदुत्व की विशिष्ट संस्कृति के सफाए पर कोई भी अलगाववादी नेता शर्रि्मदगी महसूस नहीं करता। यह इस क्षेत्र में किसी भी पंथिक अल्पसंख्यक समुदाय पर सबसे बड़ा हमला है। हालिया वर्र्षो में टीवी शो में अनेक कश्मीरी अलगाववादी नेता हाजिर हुए हैं। ये विद्रोही, अड़ियल, सांप्रदायिक और भारत विरोधी थे, फिर भी कुछ अंग्रेजी समाचार चैनलों ने उन्हें पर्याप्त समय दिया। भारतीय मीडिया का एक वर्ग यह मानता है कि अलगाववाद की भाषा बोलने वाले कश्मीरी मुसलमानों से संजीदगी और पंथनिरपेक्षता की उम्मीद ही नहीं करनी चाहिए। सज्जाद लोन, बिलाल लोन और मीर वाइज फारुख जैसे लोगों के जहर उगलने वाले बयान और उनके दावों में बेइमानी के निशान इन मीडिया संगठनों के लचर रवैये से साफ झलकते हैं। ये उन्मत्त कश्मीरी मुस्लिम सांप्रदायिकता के प्रति रुझान रखते हैं। इनमें कश्मीरी मुस्लिम दृष्टिकोण की तरफदारी की इच्छा इतनी तीव्र है कि साफ-साफ सांप्रदायिक नारेबाजी और प्रदर्शनों के बावजूद वे इसे सांप्रदायिक बताने से गुरेज करते हैं। मूर्खतावश अलगाववादियों को मंच प्रदान करके कुछ मीडिया संगठन भारत की एकता व अखंडता तथा संवैधानिक मूल्यों को छिन्न-भिन्न करने के खतरनाक अंजाम के करीब पहुंच गए हैं। यह नि:संदेह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।
सज्जाद लोन कहते हैं कि 'हम' हिंदुओं को एक इंच जमीन भी नहीं देंगे। एक चैनल पर एक कश्मीरी पंडित ने लोन से पूछा कि 'हम' से क्या मतलब है? क्या इसमें कश्मीरी पंडित शामिल नहीं हैं, जो कश्मीर के मूल निवासी हैं? इस सवाल पर लोन और वहां मौजूद अन्य लोगों की बोलती बंद हो गई। जाहिर है कि लोन ने जिस 'हम' का उल्लेख किया था उसमें केवल मुस्लिम समुदाय शामिल है। लोन को बताना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा और अगर सीमा पार के आकाओं से आपका इतना ही लगाव है तो मुजफ्फराबाद पुल पार करके वहां जाओ और वहीं जाकर बस जाओ। कश्मीर नाम के भौगोलिक टुकड़े से हम भावनात्मक बंधन में बंधे हैं और यह बंधन हमेशा कायम रहेगा। लोन के पूर्ववर्ती भी नियंत्रण रेखा के पार ऐसा ही झुकाव रखते थे। कश्मीरी मुसलमानों की सांप्रदायिकता सबसे पहले 1947 में खुलकर सामने आई थी। तब कश्मीर सेना में तैनात मुसलमान सैनिकों ने फौजी अफसरों की हुक्मअदूली करते हुए बगावत कर दी थी और हमलावर पाकिस्तान सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल नारायण सिंह, बिग्रेडियर राजिंदर सिंह और अन्य अधिकारियों को मौत के घाट उतारने के बाद श्रीनगर की तरफ कूच किया।
इस धोखे की गूंज आज जम्मू-कश्मीर राज्य में सुनाई पड़ रही है। कश्मीरी मुस्लिम समुदाय सीमा पार से पड़े प्रभाव के कारण घाटी में हिंदुओं के अधिकारों को रौंदना अपना अधिकार समझ बैठा है। अगर हम जम्मू-कश्मीर को भारत के अभिन्न अंग के रूप में कायम रखना चाहते हैं तो देश की एकता, अखंडता, आजादी, पंथनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध भारत के प्रत्येक नागरिक को ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल नारायण सिंह जैसे बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। जम्मू की जुझारू जनता हमारे सामने उदाहरण पेश कर रही है। आइए हम सब उन्हें सलाम करें।
Thursday, August 21, 2008
जम्मूः प्रदर्शन जारी, ताजा हिंसा में 50 घायल
Wednesday, August 20, 2008
जम्मू में महिलाओं ने दी गिरफ्तारियां
Tuesday, August 19, 2008
जम्मू में डेढ़ लाख लोगों ने गिरफ्तारी दी
Thursday, August 14, 2008
देशव्यापी चक्काजाम से जनजीवन प्रभावित
नई दिल्ली। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड भूमि मामले पर भाजपा व विहिप द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी चक्काजाम के चलते बुधवार को कई शहरों में सड़क व रेल यातायात का बुरा हाल रहा और लोगों को अपने काम पर पहुंचने के लिए घंटों परेशान होना पड़ा। इस दौरान हरियाणा के अंबाला में चक्का जाम में फंसे एक वृद्ध की समय पर अस्पताल न पहुंचने पर मौत हो गई।
राजधानी दिल्ली में चक्काजाम करीब दो घंटे तक चला जिसके चलते कई महत्वपूर्ण चौराहों और मार्गो पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई। प्रदर्शन के कारण दिल्ली-जयपुर रेलमार्ग भी कुछ समय के लिए प्रभावित रहा। दैनिक यात्रियों और काम पर जाने वाले लोग जहां जाम में फंसे रहे वहीं राजधानी में आज सुबह से हो रही बारिश ने भी उनकी परेशानियों में इजाफा किया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विकास मार्ग, आईटीओ, अक्षरधाम रोड, दीपाली चौक, वजीरपुर, आश्रम, मूलचंद, दिल्ली-गाजियाबाद रोड, दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस हाइवे, दिल्ली छावनी, उत्ताम नगर, धौलाकुआं और घिटोरनी आदि स्थानों पर चक्काजाम के चलते घंटों जाम लगा रहा। भाजपा और विहिप के झंडे थामे प्रदर्शनकारी अपने दो घंटे के चक्काजाम के ऐलान के मुताबिक आज सुबह नौ बजे से ही दिल्ली के प्रमुख चौराहों पर जमा होने लगे। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों में संघ परिवार के अन्य संगठनों की महिला कार्यकर्ता भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारियों ने हालांकि स्कूल बसों, चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं तथा एंबुलेंस सेवाओं को चक्काजाम से छूट दे रखी थी। सड़कों पर काफी देर तक वाहनों की काफी लंबी कतारें देखीं गई। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन ने पूर्वी दिल्ली में लक्ष्मीनगर के निकट नोएडा मोड़ पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा विकास मार्ग पर भी भारी जाम लगा रहा।
इधर, गुड़गांव में भी प्रदर्शनकारियों ने हीरोहोंडा चौक और इफको चौक पर जाम लगाया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर भी जलाए। दफ्तर पहुंचने में विलंब होने से परेशान एक कर्मचारी नीलेश कपूर ने कहा कि हरिनगर से कनाटप्लेस तक पहुंचने में उन्हें लगभग तीन घंटे लग गए। वाहनों की आवाजाही बहुत खराब रही। छावनी और धौलाकुआं के बीच बुरी तरह जाम लगा रहा।
फरीदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने वाईएमसीए चौक के निकट घंटे भर तक राष्ट्रीय राजमार्ग दो को जाम लगा रखा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। विहिप के महासचिव प्रवीण तोगडि़या ने कहा कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भूमि देने के मुद्दे पर चल रहा उनका प्रदर्शन चलो अयोध्या आंदोलन की तरह राष्ट्रव्यापी आन्दोलन बन सकता है।
वहीं, आंदोलनकारियों ने हिमाचल प्रदेश में दिल्ली-धर्मशाला मार्ग को जाम कर दिया।
मप्र में व्यापक असर
भोपाल। विहिप द्वारा आज आयोजित दो घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्काजाम आंदोलन का मध्यप्रदेश में व्यापक असर देखने को मिला। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रदेश में सुबह नौ बजे से 11 बजे तक दो घंटे का यह चक्काजाम आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा। लेकिन इससे दफ्तरों और अन्य कामकाज पर जा रहे लोगों को खासी परेशानी हुई। हालांकि स्कूली बसों एवं आवश्यक सेवाओं को चक्काजाम से छूट दी गई थी, लेकिन उत्साहित विहिप कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर इन्हें भी जाम में फंसाए रखा। ऐसी सूचनाएं भी मिली हैं कि कई स्थानों पर निर्धारित समय बीतने के बावजूद चक्काजाम समाप्त नहीं किया गया। लगभग आधा दर्जन स्थानों पर रेल रोकने का भी प्रयास किया गया। नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस को ललितपुर के निकट कहीं रोका गया जिससे वह काफी विलंब से चल रही है। ग्वालियर में जाम समर्थकों ने एक आटो में आग लगा दी जिस पर समय रहते काबू पा लिया गया। भोपाल में 11, इंदौर में 40, जबलपुर में 30, रीवा में 10 एवं ग्वालियर में 12 से अधिक स्थानों पर चक्काजाम की खबरें हैं। मध्यप्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो पर विहिप कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम किया, जिससे वहां ट्रकों बसों एवं अन्य वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
सूत्रों के अनुसार इंदौर में गड़बड़ी की आशंका के चलते चक्काजाम की खासतौर पर वीडियोग्राफी करायी गई, ताकि जरूरत पड़ने पर हुडदंगियों को आसानी से पहचान कर पकड़ा जा सके। चक्काजाम के दौरान शहर के कुछ इलाकों से हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा काम पर जा रहे लोगों से हुज्जत और हाथापाई की खबरें आई। हालांकि पुलिस के आला अफसरों के मुताबिक इस दौरान किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
गौरतलब है कि तीन जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और भाजपा द्वारा इसी मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान इंदौर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जबकि तीस से ज्यादा व्यक्ति घायल हो गए थे।
बाघ एक्सप्रेस रोकी
लखनऊ। अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर विहिप कार्यकर्ताओं ने उत्तार प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर कुछ देर के लिए बाघ एक्सप्रेस ट्रेन को रोका और हुसैनगंज क्षेत्र में कुछ देर चक्काजाम कर विरोध व्यक्त करते हुए नारेबाजी की। पुलिस ने विहिप के लगभग एक दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।
पटना में सड़क व रेल यातायात प्रभावित
पटना। पटना में आज सुबह नौ बजे सगुना मोड़ पर केसरिया कपड़े पहने और हाथों में डंडे लिए विहिप, बजरंग दल व भाजपा के कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया जिससे मार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ। आंदोलनकारियों ने पटना हवाईअड्डे से कुछ दूरी पर स्थित आशियाना मोड़ पर भी चक्का जाम कर दिया। इससे पटना-दानापुर मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित हो गया और वाहनों की लंबी कतार लग गई। सरकारी सूत्रों के मुताबिक पटना के फुलवारीशरीफ रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों के रेलवे पटरी पर धरना देने से ट्रेनों का करीब 20 मिनट तक परिचालन बाधित रहा। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति सामान्य हुई।
मुंबई में यातायात बाधित
मुंबई। अमरनाथ भूमि स्थानांतरण विवाद को लेकर विहिप तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महानगर मुंबई तथा नवी मुंबई में कुछ स्थानों पर यातायात को बाधित किया। नवी मुंबई में विहिप तथा बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने वाहनों का रास्ता रोकने के लिए सड़कों पर पुराने टायर डाल दिए और उनमें आग लगा दी।
जालंधर में रेल व सड़क यातायात अवरुद्ध
जालंधर। राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के अनेक स्थानों पर आज सड़क और रेल यातायात दो घंटे तक रुका रहा। प्रदर्शनकारी पीएपी चौक और रामा मंडी चौक में इकट्ठे हुए तथा उन्होंने भारी बारिश में भी यातायात अवरुद्ध किया। इससे आनेजाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग अपने वाहनों में दो घंटे तक फंसे रहे। (दैनिक जागरण , 14 August 2008)
Thursday, August 7, 2008
जम्मू: महिलाओं-बच्चों ने भी कर्फ्यू तोड़ा,अबतक 8 मृत
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में ‘श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड’ (एसएएसबी) को आवंटित भूमि पुन: दिए जाने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के दौरान कठुआ जिले में कल भी प्रदर्शनकारियों पर सेना द्वारा चलाई गई गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसी के साथ इस विवाद में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर अब आठ हो गई है।
सूत्रों ने बताया कि सेना की गोलीबारी से नाराज प्रदर्शनकारियों ने मृतक का शव सड़क पर रखकर जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया और वहां धरना देकर बैठ गए जिससे सेना के 50 वाहन वहां फंस गए।
रक्षा प्रवक्ता एसडी. गोस्वामी ने सेना की ओर से की गई गोलीबारी की पुष्टि करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए कार्यकारी मजिस्ट्रेट के आदेश पर सेना ने गैर कानूनी रुप से पल्ली मोर्च पर एकत्र हुए लोगों पर गोली चलाई, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
गोस्वामी ने कहा कि बेकाबू भीड़ ने जम्मू-पठानकोट मार्ग को जाम कर दिया था और पथराव शुर कर दिया, जिससे मजबूर होकर सेना को गोली चलानी पड़ी। मृतक नरेन्द्र सिंह पास के ही गांव का निवासी था तथा उसके पेट में गोली लगी।
इस बीच श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भूमि पुन: देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों द्वारा जम्मू के कई स्थानों पर कर्फ्यू के उल्लंघन का सिलसिला कल भी जारी रहा। यहां से 13 किलोमीटर दूर नगरोठा में सरकारी कार्यालय को आग लगा रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए एक युवक को भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सांबा से प्राप्त रिपोर्टों में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व विधायक मंजीत सिंह के आवास पर भी हमला किया। जबकि रायपुर सतवारी क्षेत्र में कर्फ्यू की अवहेलना करते हुए हजारों लोगों ने पुल पर से होकर शहर की तरफ बढ़ने की कोशिश की और जब उन्हें रोका गया तो वे तवी नदी को पार करके शहर में जाने लगे।
इसी तरह महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों के अलग-अलग समूहों ने कर्फ्यू का उल्लंघन कर शहर के गांधीनगर, त्रिकुटा नगर, गंगयाल, डिगयाना, बंतलाब और मुठी क्षेत्रों में जुलूस निकाले और बम-बम भोले के नारे लगाए। (वार्ता, ७ अगस्त २००८)
Wednesday, August 6, 2008
जम्मू: युवक आत्मघाती दस्ते बनाएंगे
पुलिस फायरिंग में अपने दो साथियों के मारे पर गुस्से का इजहार करते हुए करीब 24 स्थानीय युवकों ने तिरंगा झंडा थामे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता का बदला लेने का संकल्प व्यक्त किया।
सांबा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में दो स्थानीय युवक संजीव सिंह तथा सन्नी पाधा मारे गए थे तथा करीब चौबीस लोग घायल हो गए थे। (IBN7, 6 August 2008)
Monday, August 4, 2008
जम्मू में हालात बदतर, 5 शहरों में कर्फ्यू
इस बीच सरकार ने जम्मू के दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों के प्रबंधन से बातचीत के बाद उनपर से प्रतिबंध हटा दिया है। इससे पहले अधिकारियों ने दो टेलीविजन चैनल ‘टेक1’ और ‘जेके चैनल’ पर लोगों को भड़काने वाले ‘उत्तेजक सामग्री’ के प्रसारण को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था।(CNBC , ४ जुलाई २००८)