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Sunday, August 12, 2012

केरल में फर्जी नामों से काम कर रहे प्रतिबंधित संगठन

तिरुवनंतपुरम। कई प्रतिबंधित संगठनों ने केरल में फर्जी नामों से काम करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] को सुबूत मिले हैं कि सिमी जैसे संगठन दोबारा सक्रिय हो गए हैं। ऐसी ज्यादातर रिपोर्ट उत्तरी केरल के कासारगोड, कन्नूर, कोझिकोड और मलाप्पुरम जिलों से मिली हैं।
http://www.jagran.com/news/national-banned-outfits-working-under-bogus-names-in-kerala-nia-9558935.html

आतंकी फरमान, कश्मीर में चलेगा शरिया कानून

श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। कश्मीर घाटी में पहले पंच-सरपंचों, फिर कश्मीरी पंडितों और पत्रकारों को धमकी के बाद अब आतंकियों ने निजाम-ए-मुस्तफा [शरिया कानून] लागू करने का एलान किया है। पोस्टर के जरिये जारी किए गए इस फरमान में महिलाओं को पर्दे में रहने या फिर तेजाबी हमले झेलने को कहा गया है। यह ताजा धमकी आतंकी संगठन अलकायदा मुजाहिदीन ने दी है।
http://www.jagran.com/news/national-terrorists-fatwa-shariya-law-in-kashmir-9559901.html

Friday, August 10, 2012

जुडिशरी ने सिमी पर बैन जारी रखा

नई दिल्ली।। एक विशेष न्यायाधिकरण ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर केन्द्र के बैन को बरकरार रखा। सिमी के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा और इंडियन मुहाहिदीन के साथ तार जुडे़ हैं
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/15337671.cms

पुणे में चार विस्फोट, गृहमंत्री का होना था दौरा

पुणे में बुधवार की शाम चार जगहों पर विस्फोट हुए। इस सीरियल ब्लास्ट से पूरे शहर में दहशत फैल गई। ये विस्फोट रात आठ बजे के करीब हुए। माना जा रहा है कि इन विस्फोटों में आतंकियों के हाथ हैं।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-247461.html

Saturday, August 4, 2012

कश्मीरी पंडितों को वादी छोड़ने का फरमान

श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। उमर अब्दुल्ला सरकार पंडितों की वापसी लायक माहौल बनने के लाख दावे करे, लेकिन आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने कश्मीरी पंडितों को सात दिन के अंदर वादी छोड़ने का फरमान सुनाया है।

Sunday, July 29, 2012

अमरनाथ यात्रियों के वाहन में धमाका, तीन की मौत

श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिजबिहाड़ा में शनिवार को अमरनाथ यात्रियों के वाहन में हुए जोरदार धमाके में तीन महिलाओं की मौत हो गई और चालक समेत छह अन्य घायल हो गए। सभी यात्री महाराष्ट्र के हैं। पुलिस ने पहले दावा किया कि यह आतंकी हमला है, लेकिन बाद में कहा कि विस्फोट वाहन के अंदर रखे गैस सिलेंडर के फटने से हुआ है।
http://www.jagran.com/news/national-two-killed-in-srinagar-terrorist-attack-9514640.html

Thursday, July 12, 2012

अपडेट--अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हमले की साजिश नाका


जागरण ब्यूरो, श्रीनगर
सुरक्षा बलों ने मंगलवार को श्री अमरनाथ यात्रियों पर हमले की साजिश रच रहे हिजबुल मुजाहिदीन के कुख्यात जिला कमांडर को एक मुठभेड़ में मार गिराया। सुरक्षा बलों ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक तालाब के पास चार पाकिस्तानी ग्रेनेड भी बरामद किए हैं।

Tuesday, July 3, 2012

कश्मीरी पंडितों के लिए बन रहे आवास का विरोध

श्रीनगर। कश्मीरी पंडितों को दिल से लगाकर रखने के दावे करने वाले कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सोमवार को वादी में कश्मीरी विस्थापित पंडितों के लिए दी जा रही ट्रांजिट आवासीय सुविधा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह कश्मीर की मुस्लिम आबादी को अल्पसंख्यक बनाने की साजिश है। हम किसी भी सूरत में इन आवासीय कॉलोनियों को नहीं बनने देंगे।
http://www.jagran.com/news/national-gilani-opposes-to-make-transit-homes-for-kashmiri-pandit-9430530.html

Sunday, May 27, 2012

एटीएस ने किया अंडरव‌र्ल्ड-आईएम में गठजोड़ का खुलासा

मुंबई। महाराष्ट्र एटीएस ने 13 जुलाई 2011 को मुंबई में हुए तिहरे बम धमाकों में अंडरव‌र्ल्ड और इंडियन मुजाहिदीन के बीच गठजोड़ का पर्दाफाश किया गया है। एटीएस के आरोपपत्र में दुबई के मुजफ्फर कोला को तिहरे धमाकों के आरोपी मुस्तफा दोसा का सहयोगी बताया गया है। कोला दुबई में मुजफ्फर कोला इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी चलाता है।
http://www.jagran.com/news/national-im-leaders-from-pakistan-plotted-137-strike-ats-9303518.html

Friday, May 25, 2012

ओसामा आतंकवादी नहीं, मुजाहिद

बरेली। साल भर पहले अमेरिकी कमांडो द्वारा मारे गए कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को पूर्व मंत्री एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा में इत्तोहाद-ए-मिल्लत काउंसिल आइएमसी के इकलौते सदस्य शहजिल इस्लाम ने भारी भीड़ के बीच आतंकवादी नहीं बल्कि एक मुजाहिद सेनानी करार दिया है।
http://www.jagran.com/news/national-9296125.html

'आतंकी तोहमत' से त्रस्त बिहार का मुसलमान गाँव


बिहार के रहने वाले फसीह को सऊदी अरब से पकड़ा गया है. बिहार के मधुबनी और दरभंगा ज़िले का मुस्लिम समाज ये मानता है कि इन दिनों वह ' आतंकी तोहमत ' से काफ़ी हैरान और परेशान है. इसी इलाक़े के चौदह लोगों को चरमपंथी गतिविधियों में शामिल या मददगार बताकर पिछले चार वर्षों में विभिन्न जगहों से गिरफ़्तार किया गया है.

http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/05/120525_bihar_terror_va.shtml

Wednesday, May 23, 2012

इलाहाबाद में ब्लास्ट, 6 की मौत

इलाहाबाद।। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुए बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में करीब 20 लोगों के घायल होने की खबर है। इलाहाबाद के एसपी का कहना है कि यह ब्लास्ट देसी बम से हुआ है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/blast-in-allahabad-at-least-six-dead-/articleshow/13409301.cms

Tuesday, May 8, 2012

'आतंकी' की गिरफ्तारी पर भड़के नीतीश

दरंभगा।। दरभंगा जिले से आंतकी मो. काफिल को बिना बिहार पुलिस को जानकारी दिए कर्नाटक पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने पर सीएम नीतीश कुमार भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना राज्य पुलिस को बताए गिरफ्तारी कैसे हुई। इससे पहले कर्नाटक पुलिस ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए ब्लास्ट के मामले में 2 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक आतंकी मोहम्द काफिल को दरभंगा से गिरफ्तार किया गया है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/13048319.cms

Tuesday, April 24, 2012

टिफिन बम मामले में दो को सजा

अजमेर। अजमेर की विशेष अदालत [टाडा] ने जयपुर में 30 सितंबर 1993 को माणक चौक, कोतवाली एवं जालूपुरा थाना इलाके में मिले टिफिन बम मामले में मंगलवार को चार आरोपियों में से दो को जुर्म साबित होने पर सजा सुनाई है, जबकि दो को बरी कर दिया।
http://www.jagran.com/news/national-two-convicted-in-1993-jaipur-bomb-blasts-case-9177908.html

Saturday, April 7, 2012

बिहार से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

शेखपुरा [जागरण संवाददाता]। उप विकास आयुक्त गोपाल कृष्ण परमहंस के नेतृत्व में अधिकारियों के एक दल ने शनिवार को 16 टन से ज्यादा प्रतिबंधित विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया है। जब्त विस्फोटक को शेखपुरा थाने में रखा गया है।
http://www.jagran.com/news/national-165-ton-of-explosive-seized-9109085.html

Thursday, July 23, 2009

छोड़ आए जलालत का देश

दैनिक भास्कर, २२ जुलाई २००९, अटारी बार्डर. पाकिस्तान के तालिबान प्रभावित इलाकों से हिंदू-सिखों का पलायन जारी है। इसका मुख्य कारण उन पर ढाए जाए रहे जुल्म व बहू-बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ है। जो सामथ्र्यवान हैं, वह तो भारत की तरफ भाग कर आ रहे हैं और जो नहीं हैं, वे परिस्थितियों का शिकार हो रहे हैं। तालीबानी कहर का शिकार एक हिंदू परिवार अटारी बार्डर के माध्यम से भारत पहुंचा। यह परिवार सिंध प्रांत के लरकाना जिले का रहने वाला है।
परिवार के चार सदस्य सुरेश कुमार (50), कंचन (45), प्रिया (21) व प्रत्यक्ष (13) वर्ष शामिल हैं। परिवार के मुखिया सुरेश कुमार व उनकी पत्नी कंचन ने बताया कि उनका वहां पर अच्छा-खासा कारोबार है, लेकिन तालिबानी आतंकियों के कारण सब तबाह हो गया है। कंचन के अनुसार वह परिवार सहित पुणो में रहने वाले अपने भाई के पास शरण लेने आए हैं। उनका भाई दो साल पहले उन्हीं की तरह से हिंदोस्तान आ गया था।
सुरेश कुमार के अनुसार पाक सरकार कुछ भी कहे, लेकिन सिंध जैसे इलाके में हिंदू-सिखों की हिफाजत करने को कोई तैयार नहीं है। उनकी संपत्ति तो लूटी ही जाती है, बल्कि दिन-दहाड़े उनकी बहू-बेटियों को भ उठा लिया जाता है। कंचन का कहना है कि वह लोग अपनी संपत्ति तो गवां ही चुके हैं, लेकिन बेटी की इज्जत नहीं गंवाना चाहते। इसलिए वे भारत की शरण में आए हैं।
सुरेश व कंचन ने बताया कि उनके लिए बच्चे ही दौलत हैं। वह उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते। इज्जत रहेगी तो धन-दौलत फिर से आ जाएगी। इन लोगों का कहना है कि भारत की शरण में आए हैं, वह चाहे तो रखे या फिर मार दे, लेकिन वह पाक जैसे जलालत भरे देश नहीं लौटेंगे। हिंदोस्तान की मिट्टी में मिल जाने में ही भलाई समझेंगे।
छात्राओं को उठा ले गए तालिबानी
प्रिया ने बताया कि उसने इस साल 12वीं क्लास में दाखला लेना था। इसी बीच जो हादसा हुआ उसने उन सबकी चैन छीन लिया। प्रिया के अनुसार उसी की क्लास की तीन सहेलियां पूनम, सपना और कोमल थीं। रोज की तरह वह लोग साथ-साथ स्कूल जाया करती थीं। एक दिन वह साथ नहीं गई और उसी दिन तालिबानी आतंकियों ने उनको रास्ते से जबरन उठा लिया। पहले तो उनके साथ दुष्कर्म किया फिर उनसे जबरन निकाह करके उनको अपनी बीवी बना लिया। परिवार वालों ने बेटियों को बचाने के लिए काफी भागदौड़ की, लेकिन उनको भी जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया गया।

Friday, June 5, 2009

अब सिखों को घाटी से निकालने की साजिश!

५ जून २००९, श्रीनगर, जागरण ब्यूरो : अल्पसंख्यकों के प्रति सौहार्द की कश्मीर के कट्टरपंथियों के दावों की पोल बुधवार रात खुल गई। आजादी और निजाम-ए -मुस्तफा के नारे लगाती भीड़ ने श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र रंगरेथ में सिख समुदाय के मकानों पर हमला कर उनकी संपत्ति को चुन-चुन कर नुकसान पहुंचाया। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें घाटी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।

सड़क के किनारे स्थित सिख समुदाय का कोई भी मकान ऐसा नहीं था, जिसमें तोड़फोड़ न हुई हो। रसोई घरों में बिखरा सामान, टूटे दरवाजे व खिड़कियां और क्षतिग्रस्त वाहन हमले की कहानी बयां कर रहे हैं। हमले का कारण सूमो टैक्सी स्टैड विवाद बताया जा रहा है। हमले में बाल-बाल बचे भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सूमो टैक्सी स्टैड के दस्तावेज उनके संगठन के नाम पर है। इसलिए वह बाहर के किसी चालक को यहां से सवारियां नहीं उठाने देते। दूसरे स्टैड पर उन्हें भी सवारियां नहीं भरने दी जाती हैं। इस स्टैड को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कई बार ऐतराज जताया और इस पर कब्जे का प्रयास किया। जब कुछ नहीं बन पाया तो फिर यह हरकत कर डाली। उन्होंने बताया कि उन्हें यहां से भागने के लिए भी कहा गया।

दूसरी ओर, जमायत-ए-अहल-ए-हदीस के प्रमुख मौलाना शौकत व जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के उपाध्यक्ष बशीर भट्ट ने रंगरेथ जाकर पीड़ित सिख समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने दोनों समुदाय की एक साझी समिति भी बनवाई। बाद में दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर शांतिमार्च निकाला। शांति मार्च में डीसी बड़गाम, एसएसपी अफादुल मुजतबा भी शामिल हुए। रंगरेथ के पुलिस थाना प्रभारी फिरोज अहमद के मुताबिक, दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

कौन लगाएगा जख्मों पर मरहम

श्रीनगर : वादी में सुख-दुख के हर मौके पर स्थानीय लोगों के साथ रहने वाले सिख रंगरेथ में हुए घटनाक्रम के बाद बेहद आहत महसूस कर रहे हैं। खौफ से आहत हरजीत सिंह ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि उन्होंने हमला क्यों किया। हम सभी ने खुद को एक कमरे में बंद करके अपनी जान बचाई है। पुलिस को फोन किया, लेकिन वह एक घंटे के बाद पहुंची। सरदार सेवा सिंह ने कहा कि उन्होंने सुना था कि दिन में कहीं क्रिकेट खेलते हुए लड़कों की आपस में बंद को लेकर बहस हुई थी। उस समय उनमें मारपीट भी हुई थी, लेकिन मामला सुलझा लिया गया था। रात होते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों का सैलाब नारेबाजी करते हुए यहां आ गया। हुकुम सिंह ने बताया कि सुरेंद्र सिंह को भागने का मौका नहीं मिला और वह दंगा कर रहे लोगों के हत्थे चढ़ गया। इस समय वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

वहीं, सड़क किनारे अपने नीड़ के तिनके बुन रही जसबीर कौर ने गुस्से में अपने घर के सामने स्थित दुकान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह रोज हमारे यहां पानी लेने आता था, लेकिन कल जब हमला हुआ तो वह भी उनके साथ था। उसके पास ही खडे़ 22 वर्षीय तेजपाल सिंह ने कहा कि ऐसे हालात में कौन यहां रहेगा। कल रात जो हुआ, उसके बाद नहीं लगता कि हमें यहां रहना चाहिए। इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आज यहां एमएलए, डीसी और एसएसपी सभी आए है। हमें मुआवजे का यकीन दिला रहे है, लेकिन जो जख्म लगा है उस पर मरहम कौन लगाएगा।