Saturday, March 31, 2012

रूस में सबसे बड़े मंदिर को तोड़ने का आदेश

मास्को।। रूस में हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर बार-बार वार किया जा रहा है। गीता को आतंकी साहित्य बताकर प्रतिबंध की साजिश नाकाम होने के बाद अब नई समस्या खड़ी हो गई है। एक अदालत ने रूस के सबसे बड़े वैदिक सांस्कृतिक केंद्र को एक कैंपस से हटाने और उसमें बने देश के सबसे बड़े मंदिर को तोड़ने आदेश दिया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग स्थित इस केंद्र के लिए वर्ष 1992 में 49 वर्ष के लिए लीज करार हुआ था। इस लीज को रद्द कर दिया गया है और अदालत ने कैंपस खाली करने का आदेश दिया है। 
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/12477284.cms

Friday, March 30, 2012

आंध्र प्रदेश के सांगारेड्डी में लगा कर्फ्यू

हैदराबाद. आंध्र प्रदेश के सांगारेड्डी में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा है। यहां से 70 किलोमीटर दूर स्थित मेढक जिले के सांगारेड्डी शहर में गुरुवार रात बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में 20 लोग घायल हो गए और कई दुकानों में आग लगा दी गई।
http://www.bhaskar.com/article/NAT-andhra-pradesh-curfew-in-sangareddi-3035275.html

वेंकटचलपति मंदिर से शक्तिशाली देसी बम बरामद

तिरुनेलवेली [तमिलनाडु]। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कृष्णापुरम के निकट 16वीं सदी में बनाए गए वेंकटचलपति मंदिर से दो शक्तिशाली देसी बम बरामद किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
http://www.jagran.com/news/national-two-country-bombs-recovered-from-roof-of-ancient-temple-9075841.html

पंजाब में तनाव, गुरदासपुर में कर्फ्यू

शिवसेना कार्यकर्ताओं और कुछ सिख युवकों के बीच तनाव गहराने के बाद गुरदासपुर में गुरुवार को कर्फ्यू लगा दिया गया। गुरदासपुर के उपायुक्त मोहिंदर सिंह कैंथ ने बताया कि शिवसैनिकों और सिख समेत कुछ अन्य युवाओं के बीच तनाव बढ़ने के बाद गुरदासपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-225585.html

Thursday, March 29, 2012

धोखा हुआ तो छिड़ेगा गंगा मुक्ति संग्राम

वाराणसी। नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी की प्रस्तावित बैठक में यदि गंगा रक्षा के लिए कोई सर्वमान्य निर्णय नहीं हुआ और सरकार ने जनभावनाओं के साथ धोखा किया तो राष्ट्रीय स्तर पर गंगा मुक्ति संग्राम का घोष दिल्ली से ही किया जाएगा। इस संबंध में देश की विभिन्न पीठों के धर्माचार्यों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से मुलाकात कर अपनी योजना से उन्हें अवगत कराया है।
http://www.amarujala.com/city/varanasi/varanasi-58281-140.html

जया ने कहा, राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो राम सेतु

सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र से राम सेतु पर उसका पक्ष पूछे जाने के एक दिन बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने बुधवार को सरकार से कहा है कि वह बिना और देर किए इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दे।
http://www.amarujala.com/National/Jaya-said-Ram-Sethu-declared-national-heritage-25025.html

Tuesday, March 27, 2012

एनजीओ का काला सच



एनजीओ का काला सच

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की आपाधापी और रेल बजट प्रस्तुत होने के बाद उपजे राजनीतिक बवाल के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम दब-सा गया। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए उस सच को स्वीकार किया है जो कल तक भारत में मतांतरण गतिविधियों में संलग्न चर्च और अलगाववादी संगठनों की ढाल बनने वाले स्वयंभू मानवाधिकारी गुटों के संदर्भ में राष्ट्रनिष्ठ संगठन उठाते आए हैं। यह वह कड़वा सच है जिसे सेक्युलर दल भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा बताकर अब तक नकारते आए थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु परियोजना और कृषि क्षेत्र में वृद्धि के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग के प्रयोग का विरोध करने के पीछे विदेशों से वित्तीय सहायता पाने वाले गैर सरकारी संगठनों का हाथ है। पिछले दिनों सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि 2007 से 2010 के बीच भारत में सक्त्रिय 65,500 एनजीओ को विदेशों से 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई। यह राशि किन कायरें में खर्च होती है? महाराष्ट्र के जैतापुर और तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना का विरोध करने वाले संगठन वस्तुत: भारत के विकास को बाधित करने वाली अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के मुखौटे हैं। पिछले कुछ दशकों के घटनाक्रमों का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लगातार बाधित करने की कोशिश की गई है। अस्सी के दशक में पनबिजली परियोजना का विरोध तो नब्बे के दशक में इसी मंशा से ताप विद्युत परियोजनाओं का विरोध किया गया। करीब दो दशकों तक नर्मदा बचाओ के नाम पर सरदार सरोवर बांध परियोजना को अधर में लटकाने का प्रयास किया गया, जिसके कारण परियोजना लागत व्यय में तीन सौ गुना वृद्धि हुई, किंतु गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार नहीं मानी। आज गुजरात और राजस्थान के मरुस्थल के आसपास रहने वाले लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति में उस परियोजना के कारण क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब कुछ विकसित देशों के इशारे पर परमाणु बिजली परियोजनाओं को ठप करने का प्रयास किया जा रहा है। इस देशघाती गतिविधि में संलग्न संगठन वस्तुत: अलगाववादी ताकतों के सतह पर दिखाई देने वाले चेहरे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ एनजीओ विकलांग लोगों की मदद और कुष्ठ रोग उन्मूलन जैसे सामाजिक सेवा के कायरें के लिए विदेशों से धन प्राप्त करते हैं और उसका उपयोग कुडनकुलम जैसी परियोजना के खिलाफ अभियान चलाने में किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ से अधिक की धनराशि प्रतिवर्ष भारत भेजी जाती है। मिशनरी संगठनों के पितृ संगठन-इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया से ऐसे 35,000 चर्च सूचीबद्ध हैं, किंतु नए चचरें की वास्तविक संख्या आंक पाना कठिन होने के कारण विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का अनुमान भी दुष्कर है। विदेशों से धन प्राप्त करने वाले करीब 75 प्रतिशत से अधिक संगठन ईसाई संगठन हैं। चर्च से संबद्ध ऐसे संगठन सामाजिक सेवा के नाम पर वस्तुत: मतांतरण अभियान के सहायक ही हैं। सीबीआइ कुडनकुलम में सक्रिय जिन चार एनजीओ-तूतीकोरिन डायासेसन एसोसिएशन, रूरल अपलिफ्ट सेंटर, गुडविजन चैरिटेबल ट्रस्ट और रूरल अपलिफ्ट एंड एजुकेशन की जांच कर रही है उन्हें सन 2006 से 2011 के बीच विदेशों से 36-37 करोड़ रुपये मिले थे। कुडनकुलम में चर्च के कार्डिनल और बिशपों द्वारा जो जन विरोध खड़ा किया गया वह वस्तुत: चर्च की घबराहट को रेखांकित करता है। उन्हें भय है कि कुडनकुलम जैसी बड़ी परियोजना से न केवल स्थानीय लोगों का भला होगा, बल्कि आसपास के दूरदराज के इलाकों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पिछड़ों और वंचितों को कथित स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा देने के नाम पर देश के पिछड़े इलाकों में सक्रिय चर्च के कार्यो पर सरकार द्वारा समय-समय पर गठित की गई समितियों ने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं, किंतु सेक्युलर सत्ता अधिष्ठान चर्च के मतांतरण अभियान पर लगाम लगाने के बजाए राष्ट्रनिष्ठ संगठनों को ही कठघरे में खड़ा करता आया है। कुछ साल पूर्व गुजरात के डांग जिले में जब चर्च के इस तरह के मतांतरण का खुलासा हुआ तो सेक्युलरिस्टों ने भारतीय जनता पार्टी पर चर्च के उत्पीड़न का आरोप मढ़ने में देर नहीं की। ऐसी मानसिकता भारत की बहुलतावादी संस्कृति के लिए घातक है। हाल ही में कश्मीर घाटी में मुसलमानों का मत परिवर्तन कराने वाले पादरियों को शरीयत अदालत के आदेश पर प्रशासन ने गिरफ्तार किया था, किंतु विडंबना यह है कि देश के अन्य हिंदू बहुल भागों में सक्त्रिय चर्च के इस मतांतरण अभियान पर प्रश्न खड़ा होता है तो सेक्युलरिस्ट और स्वयंभू मानवाधिकारी संगठन चर्च के समर्थन में खड़े हो जाते हैं और उपासना के अधिकार का प्रश्न खड़ा किया जाता है। ग्राहम स्टेंस के कथित हत्यारे दारा सिंह की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी चर्च के मतांतरण अभियान को लेकर बहुत कटु टिप्पणी की थी। मध्य प्रदेश में मिशनरी गतिविधियों की शिकायतों को देखते हुए इन आरोपों की जांच के लिए 14 अप्रैल, 1955 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्व न्यायाधीश डॉ. भवानी शंकर नियोगी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति की प्रमुख संस्तुतियां मतांतरण के उद्देश्य से आए विदेशी मिशनरियों को बाहर निकालने और उनके प्रवेश पर पाबंदी लगाने की थी। उन्होंने कहा था कि बल प्रयोग, लालच, धोखाधड़ी, अनुचित श्रद्धा, अनुभवहीनता, मानसिक दुर्बलता का उपयोग मतांतरण के लिए नहीं हो। न्यायमूर्ति रेगे समिति , न्यायमूर्ति वेणुगोपाल आयोग (1982) और न्यायमूर्ति वाधवा आयोग (1999) ने भी नियोगी आयोग की संस्तुतियों को उचित ठहराया है। बाहरी शक्तियों की कठपुतली बन भारत की विकास परियोजनाओं का विरोध करने वाले गैर सरकारी संगठनों व स्वनामधन्य मानवाधिकारियों के वित्तीय श्चोतों की जांच स्वागत योग्य है, किंतु सरकार को आत्मा के कारोबार में लीन चर्च और उसके सहयोगी संगठनों पर भी लगाम लगानी चाहिए। इसके लिए छलकपट और प्रलोभन के बल पर होने वाले मतांतरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
[बलबीर पुंज: लेखक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं]
http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-9063181.html

जबरन धर्मपरिवर्तन मामला: रिंकल को सुधार गृह भेजा


इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन दो हिंदू युवतियों को नारी सुधार गृह भेजने का निर्देश दिया है, जिन्हें अगवा करने के बाद पहले इस्लाम धर्म ग्रहण कराया गया और फिर मुस्लिम युवकों से उनकी शादी करा दी गई। सोमवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि इन युवतियों को तीन सप्ताह तक सुधार गृह में रहने दिया जाए ताकि वे स्वतंत्र माहौल में अपने भविष्य के बारे में कोई निर्णय ले सकें।
http://www.jagran.com/news/world-pak-sc-sends-abducted-hindu-females-to-womens-house-9063163.html

Monday, March 26, 2012

Hindu body for CBI probe into temple land encroachments in JK

A Hindu body Sunday demanded a CBI probe into temple land encroachments in Jammu and Kashmir. "We demand CBI probe into illegal selling and encroachment of temple land by land mafia," All Party Hindu Coordination Committee (APHCC) core member Pritam Sharma told reporters here. "The
government should also pass JK Hindu Shrine Bill to protect temples in the state from land mafia," he said.

http://www.hindustantimes.com/Punjab/Chandigarh/Hindu-body-for-CBI-probe-into-temple-land-encroachments-in-JK/SP-Article1-830671.aspx 

संस्कृत बनेगी नासा की भाषा

अवैध पशु वधशाला का पर्दाफाश, तीन बंदी

वाराणसी : अवैध पशु वधशाला के खिलाफ रविवार को अभियान चलाया गया। इसी क्रम में पश चिकित्साधिकारीसमेत जैतपुरा पुलिस ने कमलगड़हा क्षेत्र में एक मकान में छापेमारी कर अवैध पशु वधशाला का पर्दाफाश किया। इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार कर मौके से ढाई कुंतल मांस समेत अन्य सामान बरामद किए गए।
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-9056820.html

Friday, March 23, 2012

असम में चार बांग्लादेशी घुसपैठिये गिरफ्तार

कछार जिले के सिलचर में पुलिस ने चार बांग्लादेशी घुसपैठियों को एक होटल से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि पूर्व में मिली सूचना के आधार पर उसने होटल में छापामारे की और चार किशोरों को गिरफ्तार किया।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-224346.html


Thursday, March 22, 2012

हिंदू शरणार्थियों को कहीं और बसा कर दें नागरिकता

जम्मू-कश्मीर सरकार अपने राज्य के तीन लाख हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दे सकती तो उन्हें देश के किसी और भाग में बसाकर नागरिक का दर्जा दिया जाना चाहिए। जम्मू- कश्मीर की वार्ताकार दल की सदस्य राधा कुमार का मानना है कि 1947 के बंटवारे में पश्चिम पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की तीसरी पीढ़ी भी राजनीतिज्ञों के हाथ का मोहरा बन कर रह गई है।

छात्र को डांटने पर शिक्षक को गोली मारी

रामपुर। छात्र को डांटने से नाराज चाचा ने बुधवार को शिक्षक को गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल शिक्षक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील शाहबाद के गांव बैरुआ स्थित जगवती देवी जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक रघुराज ने पढ़ाई में ढिलाई को लेकर तीसरी कक्षा के नौ वर्षीय छात्र नदीम को डांट दिया। नदीम ने इसकी शिकायत अपने परिजनों से कर दी। जिससे गुस्साए नदीम के पिता आरिफ और उसके दो चाचा स्कूल में पहुंच गए। उनकी रघुराज से कहासुनी हो गई। इसी दौरान नदीम के चाचा ने रघुराज पर गोली चला दी। गोली लगने से रघुराज घायल हो गया। स्कूल में गोली चलने से अफरातफरी मच गई। घायल रघुराज को उसके साथी शिक्षक तुरंत जिला अस्पताल ले आए, जहां पर उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
http://www.jagran.com/news/national-9038329.html

First Hindu Temple planned for New York City, with total cost $ 2 Mil.

New York / NationalTurk – According to reports, Hindu Temple construction is scheduled to start in July 2011 and total cost can go up to $2-million. Besides a sanctuary for worship, it also plans to include a cultural and community center, day-care center, senior citizens program, library, conference facility and classrooms; and besides White Plains, it will also serve Hindus living in adjoining areas of Connecticut, New Jersey and New York states.
http://www.nationalturk.com/en/hindu-temple-planned-for-new-york-city-with-total-cost-2-mil-17154 

Unwelcome conversions

THE Hindu community, particularly in Sindh, has been in the grip of strong feelings of grief, anger and insecurity for several weeks. Unless its grievances are speedily addressed Pakistan stands to suffer incalculable harm in both material and moral terms.
Unwelcome conversions

40 Hindu activists stage demo, held | Deccan Chronicle

bout 40 Hindu activists who demonstrated against the suspension of chemistry teacher Abirami of SBOA school and junior college, Anna Nagar, here in front of the school on Wednesday morning were arrested and let off by the police in the evening.
40 Hindu activists stage demo, held | Deccan Chronicle

The Hindu : Cities / Chennai : Suspended for chanting Hindu prayer: Teacher

A chemistry teacher of SBOA School and Junior College in Anna Nagar West was suspended last week for ‘manhandling and misbehaviour', but the teacher claimed that she was punished for reciting a Hindu prayer to students of Class XII 
The Hindu : Cities / Chennai : Suspended for chanting Hindu prayer: Teacher

Wednesday, March 21, 2012

गीता के अनुवादित संस्करण पर प्रतिबंध नहीं


दैनिक जागरण 
मास्को। रूस की एक अदालत ने भगवद गीता के अनुवादित संस्करण पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया। इससे दुनिया भर में गीता के अनुयायी बेहद खुश हैं। फैसले के तुरंत बाद मास्को इस्कॉन के संधु प्रिय दास ने कहा कि साइबेरियाई शहर तोमस्क की अदालत ने याचिका खारिज कर दी है। उन्होंने इस फैसले पर अपनी प्रशंसा जाहिर की है। तोमस्क के सरकारी अभियोजकों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी।
सभी 19 स्रोत देखें »


Tuesday, March 20, 2012

'पाक में हिंदुओं पर हो रहे जुल्मों को उजागर करें'

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे अत्याचार पर व‌र्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) ने गहरी चिंता जताई है।
वीएचपीए ने मानवाधिकार संगठनों से कहा है कि वे पाक में हिंदू समुदाय पर हो विशेषकर महिलाओं पर हो रहे जुल्म को उजागर करें। जिससे पूरे विश्व का ध्यान इसकी ओर जा सके।

VHPA condemns forced conversion of Hindu girls in Pakistan - America – International - Amar Ujala

तीन हजार लोग वापस हिंदू धर्म में लौटे

राउरकेला। विश्व हिंदू परिषद [विहिप] ने शुक्रवार को दावा किया कि उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले में एक समारोह में तीन राज्यों से आए 658 परिवारों के 3000 से अधिक लोगों को फिर से हिंदू धर्म में वापस धर्मांतरित किया गया।

Monday, March 19, 2012

हिंदुओं के अपहरण मामले पर पाक मंत्री चिंतित

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक प्रांतीय मंत्री ने कहा है कि देश के दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में जबरन धर्म परिवर्तन और अपहरण की बढ़ती घटनाओं की वजह से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के मन में 'असुरक्षा की गहरी भावना' भर गई है।
http://www.jagran.com/news/world-9029883.html

सीतापुर में धरा गया पाकिस्तानी आतंकी

वाह रे हिंदू समाज..

स्वामी सानंद जबरन बीएचयू ले जाए गए

'वाह-रे हिंदू समाज' ..वेदना से कराहते ये कारुणिक शब्द स्वामी सानंद के मुख से उस समय निकल पड़े, जब उन्हें प्रशासन द्वारा अस्पताल से उठाकर बीएचयू ले जाया जाने की जानकारी मिली। इसी दौरान कक्ष से बाहर खड़े गिने-चुने गंगा समर्थकों का पुलिस के समक्ष स्वामी जी को अस्पताल से ले जाने के विरोध का स्वर भी उनके कानों तक जा पहुंचा। वह बिस्तर से उठ कर बाहर आ गए। चंद लोगों को सामने देखा, सबको हाथ जोड़े, बोले 'वाह-रे हिंदू समाज, एक सन्यासी की यह गति। गंगा की चिंता किसी को नहीं, पुलिस के सामने बल दिखाने के बजाए जयंती नटराजन पर दबाव क्यों नहीं बना पा रहे।' इतना बोला ही था कि उनकी आंखें नम हो गई। बात तो बहुत कमजोर आवाज में कही गई थी, लेकिन उसकी धमक बहुत देर तक कानों में गूंजती रही। 

Sunday, March 18, 2012

नजरअंदाज किए जाने से खफा हैं मुसलिम नेता

उमर अब्दुल्ला ने दी सफाई

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे कानक्लेव में भाग नहीं लेने के अपने फैसले का शनिवार रात यह कहकर बचाव किया कि दिल्ली में इस संगोष्ठी में भाग लेने के बजाय यह सुनिश्चित करना ज्यादा महत्वपूर्ण था कि राजौरी में कोई सांप्रदायिक संघर्ष न हो।
http://www.jagran.com/news/national-omar-tweets-on-skipping-conclave-where-rushdie-spoke-9025739.html 

शर्म आनी चाहिए कांग्रेस को: सलमान रुश्दी

नई दिल्ली।। आज से दो महीने पहले यानी जनवरी में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी ने विरोध-प्रदर्शनों और जान को खतरे के चलते जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से बाहर रहने का फैसला किया था। लेकिन ,शनिवार को यहां कड़ी सुरक्षा के बीच रुश्दी ने एक मीडिया हाउस के बैनर तले आयोजित कॉन्क्लेव में शिरकत की और कई मुद्दों पर बोले। सलमान ने कहा कि बरसों से हर मुल्ला के आगे घुटने टेकने से भी कांग्रेस का काम नहीं बना। उसे शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए। 
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/12309890.cms

Saturday, March 17, 2012

लाठीचार्ज के खिलाफ विहिप का बंद


लाठीचार्ज के खिलाफ विहिप का बंद

जम्मू/एजेंसी।
Story Update : Saturday, March 17, 2012    4:26 PM
VHP close against lathi charge in jammu
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के जम्मू में आहूत एक दिन के बंद का असर मिला जुला रहा।

बंद के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। क्षेत्र में कुछ दुकानें खुली थीं और मिनी बस समेत कई वाहन सड़कों पर देखे गए

http://www.amarujala.com/National/VHP-close-against-lathi-charge-in-jammu-24459.html 

इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में नहीं आएंगे प्रणब और उमर



इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में नहीं आएंगे प्रणब और उमर
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में अपनी भागीदारी शनिवार को रद्द कर दी। सम्मेलन में विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी हिस्सा ले रहे हैं।
National-Hindustan / Sat, 17 Mar 2012 06:35:23 GMT

अगवा हिंदू महिलाओं की जांच को विशेष प्रकोष्ठ



अगवा हिंदू महिलाओं की जांच को विशेष प्रकोष्ठ
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी संसदीय समिति ने पुलिस और सिंध प्रांत के अधिकारियों को हिंदू महिलाओं के अपहरण के मामलों को दर्ज करने और इस तरह की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया है।
निचले सदन [नेशनल असेंबली] की मानवाधिकार स्थायी समिति ने एक बैठक के बाद यह निर्देश जारी किए। बैठक में सांसदों ने हिंदू महिलाओं के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे को उठाया।
International-Jagran / Sat, 17 Mar 2012 03:56:52 GMT

धारा 26 पर पक्षपाती नजरिया

मुसलमानों के हित का रखा जायेगा पूरा ख्याल: मुलायम

अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में 12 फीसदी का इजाफा

ईरानी नागरिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस

मुलायम ने दोहराया मुस्लिम आरक्षण का वादा

Friday, March 16, 2012

हिंदू लड़कियों की जबरन शादी का कड़ा विरोध



हिंदू लड़कियों की जबरन शादी का कड़ा विरोध
-पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों की जबरन शादी और अपहरण के ख़िलाफ़ सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान की जाए और जबरन शादी के ख़िलाफ़ क़ानून बनाया जाए.
www.bhaskar.com | international news / Fri, 16 Mar 2012 06:00:00 GMT
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दुविधा व तनाव में जी रहे हैं पाकिस्तान के हिंदू

Friday, March 9, 2012

मूर्ति विसर्जन के दौरान उपजे विवाद में आधा दर्जन लोग घायल

दैनिक जागरण, सिद्धार्थनगर, 15 अक्टूबर २००८। इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम शाहपुर बाजार में मंगलवार की रात राप्ती नदी के समीप मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद होने से आधा दर्जन लोग घायल हो गये। इस मामले में पुलिस ने इस मामले में चार नामजद एवं कुछ आज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात्रि 10 बजे के आस पास दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान राप्ती नदी के समीप ग्राम चौखड़ा के कुछ बच्चे डांस कर रहे थे। उसी बीच में एक शाहपुर का बच्चा भी आकर डांस करने लगा। इस दौरान कुछ विवाद शुरू हुआ। विवाद बढ़ते-बढ़ते पथराव शुरू हो गया, जिसमें छ: लोग घायल हो गये। घटना कि सूचना पाकर थानाध्यक्ष इटवा वी.पी. उपाध्याय, उपनिरीक्षक हीरा सिंह मय हमराही घटना स्थल पहंचे गये, लेकिन चौखड़ा गांव से भारी संख्या में लोगों के पहुंच जाने से स्थिति बिगड़ती नजर आयी, चौराहे की दुकाने बंद हो गयी। थानाध्यक्ष डुमरियागंज जय राम गौतम के पहुंचने पर घायलों को उपचार हेतु समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इटवा लाया गया। वादी ओम प्रकाश यादव पुत्र मगरू ग्राम चौखड़ा थाना इटवा की तहरीर पर पुलिस ने चार नामजद तथा कुछ अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है। पुलिस के मुताबिक विवाद का कारण शराब पीकर डांस करना है। पुलिस ने चार नामजद तथा कुछ अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 147, 336 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।

मलेशिया: योग पर बैन को लेकर बहस

दैनिक जागरण, ३१ अक्टूबर २००८, कुआलालंपुर। मलेशिया में योग पर प्रतिबंध को लेकर विभिन्न धर्मो के विद्वानों में बहस छिड़ गई है। इस बहस में चिकित्सक और योगकर्मी भी शामिल हो चुके है।
संभावना इस बात की है मलेशिया की 'नेशनल फतवा काउंसिल' मुसलमानों के योग करने पर प्रतिबंध लगा सकती है। हालांकि इस संबंध में अब तक कोई ऐलान नहीं हुआ है।
केबांगसान विश्वविद्यालय में इस्लामिक अध्ययन केंद्र के प्राध्यापक जकारिया स्तपा के मुताबिक योग का मूल संबंध हिंदू धर्म से है इसलिए इसका अभ्यास करने से मुसलमान इस्लाम की शिक्षा से विमुख हो सकते हैं।
हिंदू विद्वानों का कहना है कि योग को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही चिकित्सक और योगकर्मी भी योग को धर्म से जोड़े जाने को उचित नहीं मानते।
'मलेशियन मुस्लिम सोलिडेरिटी मूवमेंट' के अध्यक्ष जुल्किफली मोहम्मद का कहना है कि योग एक व्यायाम है और इससे दिमाग को शांति मिलती है। इसमें इस्लाम से विमुख करने वाली कोई बात नहीं है।
समाचार पत्र 'न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स' में सुलेहा मेरिकवन नामक एक मुस्लिम महिला ने कहा है कि जब उनका इस्लाम में गहरा यकीन है तो वह योग से कैसे खत्म हो सकता है। वह कई वर्षो से योगाभ्यास कर रही है। 'मलेशिया हिंदू संगम' के अध्यक्ष ए. वैथलिंगम का कहना है कि योग को कई देशों में धर्म और संस्कृति से अलग स्वीकार किया गया है।

गाय काटते हुए पांच बंदी, तीन फरार

दैनिक जागरण, ५ जून २००९, रायबरेली। दिनदहाड़े गाय का वध करने के दौरान पांच लोगों को पुलिस ने बंदी बना लिया। उनके तीन सहयोगी मौके से भागने में सफल रहे। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के खतराना मोहल्ले की है।
प्रभारी कोतवाल सुर्खाब खां ने बताया कि गुरुवार को प्रात: मुखबिर से सूचना मिली कि खतराना मोहल्ले में पुराने स्लाटर हाउस के पीछे साड़ियों में कुछ लोग एक गाय का वध कर रहे हैं। सूचना पर तुरंत दबिश दी गयी तो वहां आठ लोग गाय काटते मिले। लेकिन पकड़ में पांच ही लोग आ सके। तीन अन्य भागने में सफल हो गये। मौके से काटी गयी गाय का मांस, औजार तथा तराजू-बांट बरामद हुआ। पकड़े गये लोगों में खतराना मोहल्ले के शहजादे उसका भाई राशिद व रफीक, नदीतीर मोहल्ला निवासी मोनू उर्फ कौआ तथा अमरनगर निवासी रामूपाल शामिल हैं। सभी को गोवध निवारण अधिनियम में बंदी बनाकर जेल भेज दिया गया। पुलिस अधीक्षक डीसी मिश्र ने पुलिस दल को ढाई हजार रूपये का नगद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा कर दी है। उधर गाय काटे जाने की सूचना से शहर में आक्रोश फैल गया है। विश्व हिंदु परिषद के जिलाध्यक्ष हरिशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में लोग एकत्र होकर तुरंत कोतवाली की ओर चल पड़े। जनाक्रोश को देखते हुए भदोखर व मिलएरिया थानों का फोर्स भी बुला लिया गया। पुलिस उपाधीक्षक रविशंकर निम ने लोगों को आश्वस्त किया कि गोहंताओं को गैंगस्टर एक्ट में निरूद्ध करने के साथ ही उन पर रासुका भी तामील की जायेगी। इस पर लोगों का गुस्सा शांत हो गया।

दबंगई से चल रहा था अवैध चर्बी कारोबार

दैनिक जागरण, 25 जून 2009, आगरा। झरना नाले के निकट अवैध रूप से चर्बी निकालने और उससे देशी घी बनाने के लिए सप्लाई करने का कारोबार दबंगई से चल रहा था। किराये पर जमीन देने के बाद जब किसानों को इस धंधे की भनक लगी तो उन्होंने अपनी भूमि खाली कराने को कहा लेकिन कारोबार में लिप्त लोगों ने उनको डरा- धमकाकर शांत कर दिया।

इस आशय के शपथ पत्र झरना नाले के जंगल में स्थित उस जमीन के मालिक किसानों ने न्यायालय और पुलिस के समक्ष दिये हैं, जहां चर्बी का अवैध ठिकाना संचालित था। नगला रामबल के कवेला निवासी काश्तकार देवीराम, बच्चू सिंह, रमेश चंद, दिनेश चंद पुत्र परसादी लाल ने अपने अधिवक्ता बंशो बाबू के जरिए यह शपथ पत्र दिये हैं। इंस्पेक्टर एत्मादपुर को इसके लिए अवगत कराया है कि करीब सवा दो साल पहले मंगल खां नामक व्यक्ति उनके पास आया था। उसके साथ मेरठ निवासी नौशाद, ग्यास, फारुख निवासी रेलवे क्वाटर छलेसर, पप्पू खां निवासी पीला खार एत्माद्दौला थे। मंगल खां के कहने पर ही उन्होंने मुर्गी का दाना बनाने के लिए जमीन किराये पर दी। किसानों का कहना है कि उपजाऊ भूमि होने के कारण हमने उसे किराए पर दे दिया। करीब आठ माह पहले जब क्षेत्र में बदबू फैलने लगी तो दूसरे ग्रामीणों ने आकर बताया कि वहां चर्बी निकालने का धंधा हो रहा है। किसानों के मुताबिक उन्होंने मंगल खां और पप्पू आदि से जमीन खाली करने को कहा था उन्होंने डरा-धमकाकर शांत करा दिया। साथ ही कहा कि हमारी बहुत ऊपर तक पहुंच है। इसके बाद ही क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से अधिकारियों के यहां शिकायत की गयीं। फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव नेतराम यहां आये तो उनको अवगत कराया गया। किसानों का कहना है कि उनका इस अवैध कारोबार से कोई सम्बन्ध नहीं था। ही वह जमीन किराये पर देने के बाद कभी खेतों की तरफ गये।

मंदिर अशुद्ध करने के मामले में दो समुदायों में मारपीट

Monday, March 5, 2012

त्रासदी का विचित्र तमाशा


-स्वप्न दासगुप्ता
यह कटु लग सकता है, किंतु जिस तरह मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भयावह गुजरात दंगों की दसवीं वर्षगांठ को पीड़ितों के उत्सव में बदला है वह बेहद घृणित है। पीड़ितों को गले लगाने के लिए दिग्गज पत्रकार अहमदाबाद की दौड़ लगा रहे थे। दंगों में अपनी जान बख्शने की गुहार लगा रहे कुतुबुद्दीन अंसारी के दुर्भाग्यपूर्ण अति-प्रचारित फोटोग्राफ का दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से दोहन किया गया। यह हिंसा को इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने का संकल्प लेने का एक उचित अवसर हो सकता था, किंतु इसके बजाय यह महज तमाशा बनकर रह गया। हंगामेदार टीवी वार्ताओं में इसका पटाक्षेप हो गया।
घटनाओं के इस बदसूरत मोड़ के कारण स्पष्ट हैं। दस साल पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस पर हुए जघन्य हमले से गुजरात में हिंसा भड़की। इस पूरे प्रकरण में 'न्याय' का राजनीतिक दोषारोपण में रूपातंरण हो गया। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को जिंदा बनाए रखा। अब मुद्दा दंगाइयों और अमानवीय कृत्य के जिम्मेदार लोगों को दंडित करने का नहीं रह गया है, बल्कि एक व्यक्ति-मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीतिक निशाना बनाना भर रह गया है। यह माना जा रहा है कि अगर मोदी पर व्यक्तिगत रूप से दंगों को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज हो जाता है तो न्याय हासिल हो जाएगा। एक अतिरिक्त लाभ के रूप में मोदी राजनीतिक परिदृश्य से गायब भी हो जाएंगे। परिणामस्वरूप अगले लोकसभा चुनाव में उनके प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की संभावना भी खत्म हो जाएगी। संक्षेप में, अगर आप नरेंद्र मोदी को हरा नहीं सकते, तो उन्हें अयोग्य ठहरा दो।
अगर नरेंद्र मोदी राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाते तो उनके खिलाफ न्यायिक संघर्ष भी दम तोड़ देता। 2002 या 2007 के चुनाव में अगर मोदी हार जाते तो उससे यह आत्मतुष्ट निष्कर्ष निकाल लिया जाता कि गुजरात ने भी उसी तरह प्रायश्चित कर लिया जिस तरह उत्तर प्रदेश ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी को नकारकर किया था। एक्टिविस्टों का शिकंजा इसलिए कसता चला गया, क्योंकि इस बीच मोदी बराबर खुद को मजबूत करते चले गए और कांग्रेस एक प्रभावी चुनौती खड़ी करने की स्थिति में भी नहीं रही। परिणामस्वरूप, मोदी से निपटने का एकमात्र रास्ता यह रह गया कि उन्हें राजनीति से ही किनारे कर दिया जाए।
एक और पहलू गौरतलब है। पिछले दस वर्षो में नरेंद्र मोदी ने गुजरात का कायापलट कर दिया है। 2002 में सांप्रदायिक माहौल में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना ध्यान गुजरात के तीव्र विकास पर केंद्रित किया। गुजरात हमेशा से ही आर्थिक रूप से सशक्त राज्य रहा है और उद्यमिता तो जैसे गुजरातियों के डीएनए में समाई हुई है। मोदी के प्रयासों से गुजरात की विकास दर दहाई में प्रवेश कर गई। उन्होंने प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त किया, राज्य की राजकोषीय स्थिति को सुधारा, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया और सरकारी योजनाओं को ईमानदारी से चलाया। मोदी एक आदर्श प्रशासक हैं, जो कम से कम खर्च में प्रभावी शासन का मंत्र जानते हैं। 2007 में उनकी चुनावी जीत हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का परिणाम नहीं थी। इस जीत का श्रेय उनके सुशासन को जाता है। दूसरे, मोदी ने मुद्दे को सफलतापूर्वक हिंदू गौरव से गुजराती गौरव में बदल दिया। पिछले एक दशक में गुजरातियों के जनमानस में बड़ा बदलाव आया है। दरअसल, 1969 के दंगे के बाद से गुजरात एक दंगा संभाव्य राज्य बन गया था। 1969 के दंगे के बाद, 1971, 1972 और 1973 में गुजरात में भीषण दंगे हुए। इसके बाद लंबे अंतराल के बाद जनवरी 1982, मार्च 1984, मार्च से जुलाई 1985, जनवरी 1986, मार्च 1986, जनवरी 1987, अप्रैल 1990, अक्टूबर 1990, नवंबर 1990, दिसंबर 1990, जनवरी 1991, मार्च 1991, अप्रैल 1991, जनवरी 1992, जुलाई 1992, दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में दंगे हुए। इस दौरान गुजरात क‌र्फ्यू, सामाजिक असुरक्षा और हिंदू-मुस्लिम समुदायों में घृणा का साक्षी रहा। दंगों का यह सिलसिला पूरे गुजरात में चलता रहा। 1993 में सूरत में भीषण दंगे हुए थे।
मार्च 2002 के बाद से गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ है। वहां क‌र्फ्यू अतीत की बात बन गया है। इस असाधारण रूपांतरण का क्या कारण है? मोदी में बुराई ढूंढने वाले सेक्युलरिस्ट बिना सोचे-समझे इसका सतही जवाब यह देते हैं कि 2002 के दंगों के बाद गुजरात के मुसलमान इतने भयभीत हो गए हैं कि वे हिंदुओं के अत्याचारों का विरोध कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। इस प्रकार की व्याख्या से तो यही लगता है कि दंगे मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग द्वारा शुरू किए जाते थे। इसका सही कारण यह है कि गुजरात में पिछले एक दशक में बड़े आर्थिक और प्रशासकीय बदलाव हुए हैं। पहला बदलाव तो यह हुआ कि प्रशासकीय और राजनीतिक नेतृत्व, दोनों ने 2002 के दंगों में भड़की हिंसा से निपटने की अक्षमता से सबक लिया है। पुलिस को सत्तारूढ़ दल के छुटभैये नेताओं की दखलंदाजी से मुक्त करते हुए खुलकर काम करने का मौका दिया गया है। अवैध शराब व्यापार और माफिया पर शिकंजा कसा गया है। इसके अलावा एक अघोषित समझ यह भी विकसित हुई है कि राज्य एक और दंगे की राजनीतिक कीमत नहीं चुका पाएगा। इसीलिए, वहां हिंदू उग्रवाद पर अंकुश लगाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
गुजरात में सबसे बड़ा परिवर्तन सामाजिक स्तर पर आया है। आज गुजरात एक ऐसा समाज है जो पैसा बनाने और आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने में लगा हुआ है। खुशनुमा वर्तमान और संभावनाओं से भरे भविष्य ने गुजरातियों के मन में भर दिया है कि दंगे धंधे के लिए सही नहीं हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि दोनों समुदायों के बीच अतीत की कटुता खत्म हो गई है और उसका स्थान सौहा‌र्द्र ने ले लिया है। अब भी सांप्रदायिक टकराव होते हैं, किंतु सांप्रदायिक टकराव और सांप्रदायिक हिंसा में फर्क होता है। अगर आर्थिक और राजनीतिक अंकुश रहे तो सांप्रदायिक टकराव हमेशा सांप्रदायिक हिंसा में नहीं बदलते। गुजरात के मुसलमानों को अब राजनीतिक वरदहस्त हासिल नहीं है, जो उन्हें कांग्रेस के राज में हासिल था, किंतु इसकी क्षतिपूर्ति समृद्धि के बढ़ते स्तर से हो गई है। 2002 के दंगे भयावह थे, किंतु अब इस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि जनसंहार के बाद के दस सालों में गुजरात में अमनचैन कायम है और वह अभूतपूर्व विकास की राह पर अग्रसर है। उत्सव इसी बात का मनाया जाना चाहिए।

बिहार में बनेगा दुनिया का सबसे विशाल मंदिर

Sunday, March 4, 2012

पाकिस्तान में 23 हिंदुओं का अपहरण

मेरठ में साम्प्रदायिक हिंसा, 30 घायल

नवभारत टाइम्स , २५-०४-२०११, मेरठ।। उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो समुदाय के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद हुए पथराव में 10 पुलिस अधिकारियों सहित करीब 30 लोग घायल हो गए। हिंसा के सम्बंध में अब तक 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

हिंसा रविवार देर रात उस समय भड़की जब जिले के काजीपुरा कस्बे में कुछ युवकों ने कथित रूप से एक मस्जिद में घुसकर वहां के इमाम के साथ मारपीट की।

मारपीट करने वाले युवकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक समुदाय के लोगों ने शास्त्री नगर इलाके में कई दुकानों रोडवेज बसों को आग के हवाले कर दिया। जैसे ही यह खबर फैली अलग-अलग इलाकों में दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने गये और एक दूसरे पर जमकर पथराव किया।

उपद्रवियों ने एम-ब्लाक पुलिस चौकी में आगजनी करके कई निजी वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। जिले के पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि हिंसा और आगजनी करने के आरोप में अब तक 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अन्य की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है कि कहीं इस हिंसा को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जान बूझकर तो नहीं भड़काया गया।

मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रजनीकांत मिश्रा ने कहा कि फिलहाल हालात तनावपूर्ण लेकिन पूरी तरह से काबू में है। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर डेरा डालकर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। मिश्रा ने इस बात से साफ इनकार किया कि उपद्रवियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तरफ से गोली चलानी पड़ी।

अधिकारियों के मुताबिक तनावग्रस्त इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के साथ आसपास के जिलों से बुलाए गए पुलिस बल को तैनात किया गया है। घायलों में सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। आईएएस ऑफिसर सुभाष चंद शर्मा ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और फिलहाल एहतियात के तौर पर शहर के सभी स्कूल, कॉलेजों को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है।