हिंदू हितों (सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक) को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाली घटनाओं से सम्बंधित प्रमाणिक सोत्रों ( राष्ट्रिय समाचार पत्र, पत्रिका) में प्रकाशित संवादों का संकलन।
Wednesday, March 14, 2012
Tuesday, March 13, 2012
Sunday, March 11, 2012
Friday, March 9, 2012
मूर्ति विसर्जन के दौरान उपजे विवाद में आधा दर्जन लोग घायल
दैनिक जागरण, सिद्धार्थनगर, 15 अक्टूबर २००८। इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम शाहपुर बाजार में मंगलवार की रात राप्ती नदी के समीप मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद होने से आधा दर्जन लोग घायल हो गये। इस मामले में पुलिस ने इस मामले में चार नामजद एवं कुछ आज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रात्रि 10 बजे के आस पास दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान राप्ती नदी के समीप ग्राम चौखड़ा के कुछ बच्चे डांस कर रहे थे। उसी बीच में एक शाहपुर का बच्चा भी आकर डांस करने लगा। इस दौरान कुछ विवाद शुरू हुआ। विवाद बढ़ते-बढ़ते पथराव शुरू हो गया, जिसमें छ: लोग घायल हो गये। घटना कि सूचना पाकर थानाध्यक्ष इटवा वी.पी. उपाध्याय, उपनिरीक्षक हीरा सिंह मय हमराही घटना स्थल पहंचे गये, लेकिन चौखड़ा गांव से भारी संख्या में लोगों के पहुंच जाने से स्थिति बिगड़ती नजर आयी, चौराहे की दुकाने बंद हो गयी। थानाध्यक्ष डुमरियागंज जय राम गौतम के पहुंचने पर घायलों को उपचार हेतु समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इटवा लाया गया। वादी ओम प्रकाश यादव पुत्र मगरू ग्राम चौखड़ा थाना इटवा की तहरीर पर पुलिस ने चार नामजद तथा कुछ अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है। पुलिस के मुताबिक विवाद का कारण शराब पीकर डांस करना है। पुलिस ने चार नामजद तथा कुछ अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 147, 336 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।
मलेशिया: योग पर बैन को लेकर बहस
दैनिक जागरण, ३१ अक्टूबर २००८, कुआलालंपुर। मलेशिया में योग पर प्रतिबंध को लेकर विभिन्न धर्मो के विद्वानों में बहस छिड़ गई है। इस बहस में चिकित्सक और योगकर्मी भी शामिल हो चुके है।
संभावना इस बात की है मलेशिया की 'नेशनल फतवा काउंसिल' मुसलमानों के योग करने पर प्रतिबंध लगा सकती है। हालांकि इस संबंध में अब तक कोई ऐलान नहीं हुआ है।
केबांगसान विश्वविद्यालय में इस्लामिक अध्ययन केंद्र के प्राध्यापक जकारिया स्तपा के मुताबिक योग का मूल संबंध हिंदू धर्म से है इसलिए इसका अभ्यास करने से मुसलमान इस्लाम की शिक्षा से विमुख हो सकते हैं।
हिंदू विद्वानों का कहना है कि योग को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही चिकित्सक और योगकर्मी भी योग को धर्म से जोड़े जाने को उचित नहीं मानते।
'मलेशियन मुस्लिम सोलिडेरिटी मूवमेंट' के अध्यक्ष जुल्किफली मोहम्मद का कहना है कि योग एक व्यायाम है और इससे दिमाग को शांति मिलती है। इसमें इस्लाम से विमुख करने वाली कोई बात नहीं है।
समाचार पत्र 'न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स' में सुलेहा मेरिकवन नामक एक मुस्लिम महिला ने कहा है कि जब उनका इस्लाम में गहरा यकीन है तो वह योग से कैसे खत्म हो सकता है। वह कई वर्षो से योगाभ्यास कर रही है। 'मलेशिया हिंदू संगम' के अध्यक्ष ए. वैथलिंगम का कहना है कि योग को कई देशों में धर्म और संस्कृति से अलग स्वीकार किया गया है।
गाय काटते हुए पांच बंदी, तीन फरार
दैनिक जागरण, ५ जून २००९, रायबरेली। दिनदहाड़े गाय का वध करने के दौरान पांच लोगों को पुलिस ने बंदी बना लिया। उनके तीन सहयोगी मौके से भागने में सफल रहे। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के खतराना मोहल्ले की है।
प्रभारी कोतवाल सुर्खाब खां ने बताया कि गुरुवार को प्रात: मुखबिर से सूचना मिली कि खतराना मोहल्ले में पुराने स्लाटर हाउस के पीछे साड़ियों में कुछ लोग एक गाय का वध कर रहे हैं। सूचना पर तुरंत दबिश दी गयी तो वहां आठ लोग गाय काटते मिले। लेकिन पकड़ में पांच ही लोग आ सके। तीन अन्य भागने में सफल हो गये। मौके से काटी गयी गाय का मांस, औजार तथा तराजू-बांट बरामद हुआ। पकड़े गये लोगों में खतराना मोहल्ले के शहजादे उसका भाई राशिद व रफीक, नदीतीर मोहल्ला निवासी मोनू उर्फ कौआ तथा अमरनगर निवासी रामूपाल शामिल हैं। सभी को गोवध निवारण अधिनियम में बंदी बनाकर जेल भेज दिया गया। पुलिस अधीक्षक डीसी मिश्र ने पुलिस दल को ढाई हजार रूपये का नगद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा कर दी है। उधर गाय काटे जाने की सूचना से शहर में आक्रोश फैल गया है। विश्व हिंदु परिषद के जिलाध्यक्ष हरिशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में लोग एकत्र होकर तुरंत कोतवाली की ओर चल पड़े। जनाक्रोश को देखते हुए भदोखर व मिलएरिया थानों का फोर्स भी बुला लिया गया। पुलिस उपाधीक्षक रविशंकर निम ने लोगों को आश्वस्त किया कि गोहंताओं को गैंगस्टर एक्ट में निरूद्ध करने के साथ ही उन पर रासुका भी तामील की जायेगी। इस पर लोगों का गुस्सा शांत हो गया।
दबंगई से चल रहा था अवैध चर्बी कारोबार
दैनिक जागरण, 25 जून 2009, आगरा। झरना नाले के निकट अवैध रूप से चर्बी निकालने और उससे देशी घी बनाने के लिए सप्लाई करने का कारोबार दबंगई से चल रहा था। किराये पर जमीन देने के बाद जब किसानों को इस धंधे की भनक लगी तो उन्होंने अपनी भूमि खाली कराने को कहा लेकिन कारोबार में लिप्त लोगों ने उनको डरा- धमकाकर शांत कर दिया।
इस आशय के शपथ पत्र झरना नाले के जंगल में स्थित उस जमीन के मालिक किसानों ने न्यायालय और पुलिस के समक्ष दिये हैं, जहां चर्बी का अवैध ठिकाना संचालित था। नगला रामबल के कवेला निवासी काश्तकार देवीराम, बच्चू सिंह, रमेश चंद, दिनेश चंद पुत्र परसादी लाल ने अपने अधिवक्ता बंशो बाबू के जरिए यह शपथ पत्र दिये हैं। इंस्पेक्टर एत्मादपुर को इसके लिए अवगत कराया है कि करीब सवा दो साल पहले मंगल खां नामक व्यक्ति उनके पास आया था। उसके साथ मेरठ निवासी नौशाद, ग्यास, फारुख निवासी रेलवे क्वाटर छलेसर, पप्पू खां निवासी पीला खार एत्माद्दौला थे। मंगल खां के कहने पर ही उन्होंने मुर्गी का दाना बनाने के लिए जमीन किराये पर दी। किसानों का कहना है कि उपजाऊ भूमि न होने के कारण हमने उसे किराए पर दे दिया। करीब आठ माह पहले जब क्षेत्र में बदबू फैलने लगी तो दूसरे ग्रामीणों ने आकर बताया कि वहां चर्बी निकालने का धंधा हो रहा है। किसानों के मुताबिक उन्होंने मंगल खां और पप्पू आदि से जमीन खाली करने को कहा था उन्होंने डरा-धमकाकर शांत करा दिया। साथ ही कहा कि हमारी बहुत ऊपर तक पहुंच है। इसके बाद ही क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से अधिकारियों के यहां शिकायत की गयीं। फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव नेतराम यहां आये तो उनको अवगत कराया गया। किसानों का कहना है कि उनका इस अवैध कारोबार से कोई सम्बन्ध नहीं था। न ही वह जमीन किराये पर देने के बाद कभी खेतों की तरफ गये।
इस आशय के शपथ पत्र झरना नाले के जंगल में स्थित उस जमीन के मालिक किसानों ने न्यायालय और पुलिस के समक्ष दिये हैं, जहां चर्बी का अवैध ठिकाना संचालित था। नगला रामबल के कवेला निवासी काश्तकार देवीराम, बच्चू सिंह, रमेश चंद, दिनेश चंद पुत्र परसादी लाल ने अपने अधिवक्ता बंशो बाबू के जरिए यह शपथ पत्र दिये हैं। इंस्पेक्टर एत्मादपुर को इसके लिए अवगत कराया है कि करीब सवा दो साल पहले मंगल खां नामक व्यक्ति उनके पास आया था। उसके साथ मेरठ निवासी नौशाद, ग्यास, फारुख निवासी रेलवे क्वाटर छलेसर, पप्पू खां निवासी पीला खार एत्माद्दौला थे। मंगल खां के कहने पर ही उन्होंने मुर्गी का दाना बनाने के लिए जमीन किराये पर दी। किसानों का कहना है कि उपजाऊ भूमि न होने के कारण हमने उसे किराए पर दे दिया। करीब आठ माह पहले जब क्षेत्र में बदबू फैलने लगी तो दूसरे ग्रामीणों ने आकर बताया कि वहां चर्बी निकालने का धंधा हो रहा है। किसानों के मुताबिक उन्होंने मंगल खां और पप्पू आदि से जमीन खाली करने को कहा था उन्होंने डरा-धमकाकर शांत करा दिया। साथ ही कहा कि हमारी बहुत ऊपर तक पहुंच है। इसके बाद ही क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से अधिकारियों के यहां शिकायत की गयीं। फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव नेतराम यहां आये तो उनको अवगत कराया गया। किसानों का कहना है कि उनका इस अवैध कारोबार से कोई सम्बन्ध नहीं था। न ही वह जमीन किराये पर देने के बाद कभी खेतों की तरफ गये।
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