Sunday, April 1, 2012

उत्तराखंड में अल्पसंख्यकों के लिए घोषणाएं

देहरादून। उत्तराखंड को अल्पसंख्यकों के लिए एक मॉडल राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार ने एक अलग मंत्रालय के गठन और विशेष बैंकिंग सुविधा प्रदान करने सहित उनके उत्थान के लिए कई कदम उठाए जाने की मंगलवार को घोषणा की।
http://www.jagran.com/news/national-transparent-governance-promised-in-uttarakhand-9064529.html

ग्यारह पशु बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार

लोहता : लोहता थाने के कोटवा चौकी क्षेत्र स्थित खेवसीपुर गांव के पास से शुक्रवार को पुलिस ने छापा मारकर दो पिकप वैन से 11 पशुओं को लेकर जा रहे दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें से एक पिकप में सात बैल जबकि दूसरे में चार गाय लादी गईं थीं। बैलों में एक मृत पाया गया। मुखबिर की सूचना पर चौकी इंचार्ज बाल मुकुंद मिश्रा के नेतृत्व में पहुंचे पुलिस बल को देखकर दोनो पिकप के खलासी उतर कर भाग निकले। पुलिस ने बिहार के देवड़ारखुर्द जिला भभुआ के रहने वाले राकेश कुमार सिंह व इसी जिले के रामनगर थाना क्षेत्र के मसाड़ी गांव के रहने वाले इजहार अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस ने पिकप मालिकों समेत कुल चार के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-9077987.html

Saturday, March 31, 2012

रूस में सबसे बड़े मंदिर को तोड़ने का आदेश

मास्को।। रूस में हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर बार-बार वार किया जा रहा है। गीता को आतंकी साहित्य बताकर प्रतिबंध की साजिश नाकाम होने के बाद अब नई समस्या खड़ी हो गई है। एक अदालत ने रूस के सबसे बड़े वैदिक सांस्कृतिक केंद्र को एक कैंपस से हटाने और उसमें बने देश के सबसे बड़े मंदिर को तोड़ने आदेश दिया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग स्थित इस केंद्र के लिए वर्ष 1992 में 49 वर्ष के लिए लीज करार हुआ था। इस लीज को रद्द कर दिया गया है और अदालत ने कैंपस खाली करने का आदेश दिया है। 
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/12477284.cms

Friday, March 30, 2012

आंध्र प्रदेश के सांगारेड्डी में लगा कर्फ्यू

हैदराबाद. आंध्र प्रदेश के सांगारेड्डी में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा है। यहां से 70 किलोमीटर दूर स्थित मेढक जिले के सांगारेड्डी शहर में गुरुवार रात बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में 20 लोग घायल हो गए और कई दुकानों में आग लगा दी गई।
http://www.bhaskar.com/article/NAT-andhra-pradesh-curfew-in-sangareddi-3035275.html

वेंकटचलपति मंदिर से शक्तिशाली देसी बम बरामद

तिरुनेलवेली [तमिलनाडु]। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कृष्णापुरम के निकट 16वीं सदी में बनाए गए वेंकटचलपति मंदिर से दो शक्तिशाली देसी बम बरामद किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
http://www.jagran.com/news/national-two-country-bombs-recovered-from-roof-of-ancient-temple-9075841.html

पंजाब में तनाव, गुरदासपुर में कर्फ्यू

शिवसेना कार्यकर्ताओं और कुछ सिख युवकों के बीच तनाव गहराने के बाद गुरदासपुर में गुरुवार को कर्फ्यू लगा दिया गया। गुरदासपुर के उपायुक्त मोहिंदर सिंह कैंथ ने बताया कि शिवसैनिकों और सिख समेत कुछ अन्य युवाओं के बीच तनाव बढ़ने के बाद गुरदासपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-225585.html

Thursday, March 29, 2012

धोखा हुआ तो छिड़ेगा गंगा मुक्ति संग्राम

वाराणसी। नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी की प्रस्तावित बैठक में यदि गंगा रक्षा के लिए कोई सर्वमान्य निर्णय नहीं हुआ और सरकार ने जनभावनाओं के साथ धोखा किया तो राष्ट्रीय स्तर पर गंगा मुक्ति संग्राम का घोष दिल्ली से ही किया जाएगा। इस संबंध में देश की विभिन्न पीठों के धर्माचार्यों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से मुलाकात कर अपनी योजना से उन्हें अवगत कराया है।
http://www.amarujala.com/city/varanasi/varanasi-58281-140.html

जया ने कहा, राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो राम सेतु

सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र से राम सेतु पर उसका पक्ष पूछे जाने के एक दिन बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने बुधवार को सरकार से कहा है कि वह बिना और देर किए इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दे।
http://www.amarujala.com/National/Jaya-said-Ram-Sethu-declared-national-heritage-25025.html

Tuesday, March 27, 2012

एनजीओ का काला सच



एनजीओ का काला सच

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की आपाधापी और रेल बजट प्रस्तुत होने के बाद उपजे राजनीतिक बवाल के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम दब-सा गया। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए उस सच को स्वीकार किया है जो कल तक भारत में मतांतरण गतिविधियों में संलग्न चर्च और अलगाववादी संगठनों की ढाल बनने वाले स्वयंभू मानवाधिकारी गुटों के संदर्भ में राष्ट्रनिष्ठ संगठन उठाते आए हैं। यह वह कड़वा सच है जिसे सेक्युलर दल भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा बताकर अब तक नकारते आए थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु परियोजना और कृषि क्षेत्र में वृद्धि के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग के प्रयोग का विरोध करने के पीछे विदेशों से वित्तीय सहायता पाने वाले गैर सरकारी संगठनों का हाथ है। पिछले दिनों सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि 2007 से 2010 के बीच भारत में सक्त्रिय 65,500 एनजीओ को विदेशों से 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई। यह राशि किन कायरें में खर्च होती है? महाराष्ट्र के जैतापुर और तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना का विरोध करने वाले संगठन वस्तुत: भारत के विकास को बाधित करने वाली अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के मुखौटे हैं। पिछले कुछ दशकों के घटनाक्रमों का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लगातार बाधित करने की कोशिश की गई है। अस्सी के दशक में पनबिजली परियोजना का विरोध तो नब्बे के दशक में इसी मंशा से ताप विद्युत परियोजनाओं का विरोध किया गया। करीब दो दशकों तक नर्मदा बचाओ के नाम पर सरदार सरोवर बांध परियोजना को अधर में लटकाने का प्रयास किया गया, जिसके कारण परियोजना लागत व्यय में तीन सौ गुना वृद्धि हुई, किंतु गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार नहीं मानी। आज गुजरात और राजस्थान के मरुस्थल के आसपास रहने वाले लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति में उस परियोजना के कारण क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब कुछ विकसित देशों के इशारे पर परमाणु बिजली परियोजनाओं को ठप करने का प्रयास किया जा रहा है। इस देशघाती गतिविधि में संलग्न संगठन वस्तुत: अलगाववादी ताकतों के सतह पर दिखाई देने वाले चेहरे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ एनजीओ विकलांग लोगों की मदद और कुष्ठ रोग उन्मूलन जैसे सामाजिक सेवा के कायरें के लिए विदेशों से धन प्राप्त करते हैं और उसका उपयोग कुडनकुलम जैसी परियोजना के खिलाफ अभियान चलाने में किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ से अधिक की धनराशि प्रतिवर्ष भारत भेजी जाती है। मिशनरी संगठनों के पितृ संगठन-इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया से ऐसे 35,000 चर्च सूचीबद्ध हैं, किंतु नए चचरें की वास्तविक संख्या आंक पाना कठिन होने के कारण विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का अनुमान भी दुष्कर है। विदेशों से धन प्राप्त करने वाले करीब 75 प्रतिशत से अधिक संगठन ईसाई संगठन हैं। चर्च से संबद्ध ऐसे संगठन सामाजिक सेवा के नाम पर वस्तुत: मतांतरण अभियान के सहायक ही हैं। सीबीआइ कुडनकुलम में सक्रिय जिन चार एनजीओ-तूतीकोरिन डायासेसन एसोसिएशन, रूरल अपलिफ्ट सेंटर, गुडविजन चैरिटेबल ट्रस्ट और रूरल अपलिफ्ट एंड एजुकेशन की जांच कर रही है उन्हें सन 2006 से 2011 के बीच विदेशों से 36-37 करोड़ रुपये मिले थे। कुडनकुलम में चर्च के कार्डिनल और बिशपों द्वारा जो जन विरोध खड़ा किया गया वह वस्तुत: चर्च की घबराहट को रेखांकित करता है। उन्हें भय है कि कुडनकुलम जैसी बड़ी परियोजना से न केवल स्थानीय लोगों का भला होगा, बल्कि आसपास के दूरदराज के इलाकों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पिछड़ों और वंचितों को कथित स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा देने के नाम पर देश के पिछड़े इलाकों में सक्रिय चर्च के कार्यो पर सरकार द्वारा समय-समय पर गठित की गई समितियों ने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं, किंतु सेक्युलर सत्ता अधिष्ठान चर्च के मतांतरण अभियान पर लगाम लगाने के बजाए राष्ट्रनिष्ठ संगठनों को ही कठघरे में खड़ा करता आया है। कुछ साल पूर्व गुजरात के डांग जिले में जब चर्च के इस तरह के मतांतरण का खुलासा हुआ तो सेक्युलरिस्टों ने भारतीय जनता पार्टी पर चर्च के उत्पीड़न का आरोप मढ़ने में देर नहीं की। ऐसी मानसिकता भारत की बहुलतावादी संस्कृति के लिए घातक है। हाल ही में कश्मीर घाटी में मुसलमानों का मत परिवर्तन कराने वाले पादरियों को शरीयत अदालत के आदेश पर प्रशासन ने गिरफ्तार किया था, किंतु विडंबना यह है कि देश के अन्य हिंदू बहुल भागों में सक्त्रिय चर्च के इस मतांतरण अभियान पर प्रश्न खड़ा होता है तो सेक्युलरिस्ट और स्वयंभू मानवाधिकारी संगठन चर्च के समर्थन में खड़े हो जाते हैं और उपासना के अधिकार का प्रश्न खड़ा किया जाता है। ग्राहम स्टेंस के कथित हत्यारे दारा सिंह की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी चर्च के मतांतरण अभियान को लेकर बहुत कटु टिप्पणी की थी। मध्य प्रदेश में मिशनरी गतिविधियों की शिकायतों को देखते हुए इन आरोपों की जांच के लिए 14 अप्रैल, 1955 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्व न्यायाधीश डॉ. भवानी शंकर नियोगी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति की प्रमुख संस्तुतियां मतांतरण के उद्देश्य से आए विदेशी मिशनरियों को बाहर निकालने और उनके प्रवेश पर पाबंदी लगाने की थी। उन्होंने कहा था कि बल प्रयोग, लालच, धोखाधड़ी, अनुचित श्रद्धा, अनुभवहीनता, मानसिक दुर्बलता का उपयोग मतांतरण के लिए नहीं हो। न्यायमूर्ति रेगे समिति , न्यायमूर्ति वेणुगोपाल आयोग (1982) और न्यायमूर्ति वाधवा आयोग (1999) ने भी नियोगी आयोग की संस्तुतियों को उचित ठहराया है। बाहरी शक्तियों की कठपुतली बन भारत की विकास परियोजनाओं का विरोध करने वाले गैर सरकारी संगठनों व स्वनामधन्य मानवाधिकारियों के वित्तीय श्चोतों की जांच स्वागत योग्य है, किंतु सरकार को आत्मा के कारोबार में लीन चर्च और उसके सहयोगी संगठनों पर भी लगाम लगानी चाहिए। इसके लिए छलकपट और प्रलोभन के बल पर होने वाले मतांतरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
[बलबीर पुंज: लेखक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं]
http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-9063181.html

जबरन धर्मपरिवर्तन मामला: रिंकल को सुधार गृह भेजा


इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन दो हिंदू युवतियों को नारी सुधार गृह भेजने का निर्देश दिया है, जिन्हें अगवा करने के बाद पहले इस्लाम धर्म ग्रहण कराया गया और फिर मुस्लिम युवकों से उनकी शादी करा दी गई। सोमवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि इन युवतियों को तीन सप्ताह तक सुधार गृह में रहने दिया जाए ताकि वे स्वतंत्र माहौल में अपने भविष्य के बारे में कोई निर्णय ले सकें।
http://www.jagran.com/news/world-pak-sc-sends-abducted-hindu-females-to-womens-house-9063163.html