Tuesday, April 24, 2012

मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने पर शहर में किया प्रदर्शन

जींद, जागरण संवाद केंद्र : विश्व हिंदु परिषद और हरियाणा पिछड़ा वर्ग जन मोर्चा द्वारा संयुक्त रूप से बीसी तथा ओबीसी के आरक्षण कोटे से मुसलमानों को साढे़ चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के विरोध में शहर में प्रदर्शन किया और उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर कार्यकर्ता रानी तालाब पर एकत्रित होकर और वहां से शहर में प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे।
http://www.jagran.com/haryana/jind-9172358.html

Saturday, April 21, 2012

अल्पसंख्यक हिंदुओं की त्रासदी


सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को जीवन का आधार मानने वाले हिंदुओं की स्थिति उन देशों में काफी बदतर है जहां वे अल्पसंख्यक हैं। भारत से बाहर रह रहे हिंदुओं की आबादी लगभग 20 करोड़ है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति दक्षिण एशिया के देशों में रह रहे हिंदुओं की है। दक्षिण एशियाई देशों-बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ-साथ फिजी, मलेशिया, त्रिनिदाद-टौबेगो में हाल के वर्षो में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। इनमें जबरन मतांतरण, यौन उत्पीड़न, धार्मिक स्थलों पर आक्रमण, सामाजिक भेदभाव, संपत्ति हड़पना आदि शामिल है। कुछ देशों में राजनीतिक स्तर पर भी हिंदुओं के साथ भेदभाव की शिकायतें सामने आई है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की आठवीं वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट 2011 की है, जिसे हाल ही में जारी किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 1947 में कुल आबादी का 25 प्रतिशत हिंदू थे। अभी इनकी जनसंख्या कुल आबादी की मात्र 1.6 प्रतिशत रह गई है। वहां गैर-मुस्लिमों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। 24 मार्च, 2005 को पाकिस्तान में नए पासपोर्ट में धर्म की पहचान को अनिवार्य कर दिया गया। स्कूलों में इस्लाम की शिक्षा दी जाती है। गैर-मुस्लिमों, खासकर हिंदुओं के साथ असहिष्णु व्यवहार किया जाता है। जनजातीय बहुल इलाकों में अत्याचार ज्यादा है। इन क्षेत्रों में इस्लामिक कानून लागू करने का भारी दबाव है। हिंदू युवतियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अपहरण की घटनाएं आम हैं। उन्हें इस्लामिक मदरसों में रखकर जबरन मतांतरण का दबाव डाला जाता है। गरीब हिंदू तबका बंधुआ मजदूर की तरह जीने को मजबूर है।
इसी तरह बांग्लादेश में भी हिंदुओं पर अत्याचार के मामले तेजी से बढ़े हैं। बांग्लादेश ने वेस्टेड प्रापर्टीज रिटर्न [एमेंडमेंट] बिल 2011 को लागू किया है, जिसमें जब्त की गई या मुसलमानों द्वारा कब्जा की गई हिंदुओं की जमीन को वापस लेने के लिए क्लेम करने का अधिकार नहीं है। इस बिल के पारित होने के बाद हिंदुओं की जमीन कब्जा करने की प्रवृति बढ़ी है और इसे सरकारी संरक्षण भी मिल रहा है। इसका विरोध करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर भी जुल्म ढाए जाते हैं। इसके अलावा हिंदू इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर भी हैं। उनके साथ मारपीट, दुष्कर्म, अपहरण, जबरन मतांतरण, मंदिरों में तोड़फोड़ और शारीरिक उत्पीड़न आम बात है। अगर यह जारी रहा तो अगले 25 वर्षो में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी ही समाप्त हो जाएगी।
बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक और बहुभाषी देश कहे जाने वाले भूटान में भी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हो रहा है। 1990 के दशक में दक्षिण और पूर्वी इलाके से एक लाख हिंदू अल्पसंख्यकों और नियंगमापा बौद्धों को बेदखल कर दिया गया। ईसाई बहुल देश फिजी में हिंदुओं की आबादी 34 प्रतिशत है। स्थानीय लोग यहां रहने वाले हिंदुओं को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। 2008 में यहां कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया। 2009 में ये हमले बंद हुए। फिजी के मेथोडिस्ट चर्च ने लगातार इसे इसाई देश घोषित करने की मांग की, लेकिन बैमानिरामा के प्रधानमंत्रित्व में गठित अंतरिम सरकार ने इसे खारिज कर दिया और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के संरक्षण की बात कही। मलेशिया घोषित इस्लामी देश है, इसलिए वहां की हिंदू आबादी को अकसर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों को अकसर निशाना बनाया जाता है। सरकार मस्जिदों को सरकारी जमीन और मदद मुहैया कराती है, लेकिन हिंदू धार्मिक स्थानों के साथ इस नीति को अमल में नहीं लाती। हिंदू कार्यकर्ताओं पर तरह-तरह के जुल्म किए जाते हैं और उन्हें कानूनी मामलों में जबरन फंसाया जाता है। उन्हें शरीयत अदालतों में पेश किया जाता है। सिंहली बहुल श्रीलंका में भी हिंदुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। पिछले कई दशकों से हिंदुओं और तमिलों पर हमले हो रहे हैं। हिंसा के कारण उन्हें लगातार पलायन का दंश झेलना पड़ रहा है। हिंदू संस्थानों को सरकारी संरक्षण नहीं मिलता है। त्रिनिदाद-टोबैगो में भारतीय मूल की कमला परसाद बिसेसर के सत्ता संभालने के बाद आशा बंधी है कि हिंदुओं के साथ साठ सालों से हो रहा अत्याचार समाप्त होगा। इंडो-त्रिनिदादियंस समूह सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी सहायता से वंचित है। हिंदू संस्थाओं के साथ और हिंदू त्यौहारों के दौरान हिंसा होती है।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की आठवीं वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का भी जिक्र है। पाकिस्तान ने कश्मीर के 35 फीसदी भू-भाग पर अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है। 1980 के दशक से यहां पाकिस्तान समर्थित आतंकी सक्रिय हैं। कश्मीर घाटी से अधिकांश हिंदू आबादी का पलायन हो चुका है। तीन लाख से ज्यादा कश्मीरी हिंदू अपने ही देश में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। कश्मीरी पंडित रिफ्यूजी कैंप में बदतर स्थिति में रहने को मजबूर हैं। यह चिंता की बात है कि दक्षिण एशिया में रह रहे हिंदुओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन चंद मानवाधिकार संगठनों की बात छोड़ दें तो वहां रह रहे हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। जिस तरह से श्रीलंका में तमिलों के मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर अमेरिका, फ्रांस और नार्वे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में प्रस्ताव रखा और तमिल राजनीतिक दलों के दबाव में ही सही भारत को प्रस्ताव के पक्ष में वोट डालना पड़ा उसी तरह की पहल भारत को भी दक्षेस के मंच पर तो करनी ही चाहिए।
[कमलेश रघुवंशी: लेखक दैनिक जागरण में वरिष्ठ पत्रकार हैं]

http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-9164712.html

पाक में जबरन धर्मातरण से परेशान अल्पसंख्यक


लाहौर। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय जबरन धर्मांतरण किए जाने से परेशान हैं और उन्होंने अपने मामले में न्यायिक व्यवस्था की कड़ी आलोचना की है।
तीन हिंदू महिलाओं को कथित तौर पर जबरन धर्मांतरित करने और मुस्लिमों से शादी करने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।

http://www.jagran.com/news/world-minorities-in-pakistan-disturbed-over-forced-conversions-9164763.html

Friday, April 20, 2012

रामसेतु पर सरकार की विहिप ने की आलोचना

रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने के पक्ष में केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल न किए जाने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। विहिप ने सरकार के इस रुख को हिंदू विरोधी कदम करार दिया है. 
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-229122.html

Thursday, April 19, 2012

तुष्टीकरण से बढ़ रही हिंदू-मुसलमानों के बीच दूरी

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने उत्तर प्रदेश सरकार को मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से अलग रहने की सलाह देते हुए कहा है कि इस नीति से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विद्वेष बढ़ सकता है।
http://www.jagran.com/news/national-sps-muslim-appeasement-can-lead-to-animosity-9156750.html


Wednesday, April 18, 2012

गोवा दंगा मामले में 40 आरोपी बरी

पणजी। गोवा में हुए साप्रदायिक दंगों के मामले में एक स्थानीय अदालत ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं समेत 40 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है
http://www.jagran.com/news/national-goa-communal-riots-case-40-acquitted-for-lack-of-evidence-9152775.html

मुस्लिम एजेंडे पर ही काम कर रही सरकार : वाजपेयी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश सरकार पर मुस्लिम एजेंडे पर ही काम करने का आरोप लगाया है। साथ ही चेतावनी दी कि सरकार ने अगर अपनी नीति न बदली तो भाजपा सदन से लेकर सड़कों तक उसके खिलाफ संघर्ष करेगी।
http://www.amarujala.com/National/central-government-Working-on-the-Muslim-agenda-laxmikant-bajpai-26052.html

Tuesday, April 17, 2012

बुखारी के बाद पिछड़े मुसलमानों की मांग पूरी करेगी सपा

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी के दामाद को विधान परिषद का सदस्य बनाने की मांग पूरी करने के बाद उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी (सपा) अब पसमांदा (पिछड़े)मुसलमानों की मांग पूरी करेगी।
http://www.amarujala.com/National/backward-Muslims-demand-SP-participation-in-politics-26024.html

उस्मानिया विवि में गोमांस परोसने पर छात्र भिड़े


Beef festival turns Osmania into battlefied, student stabbed
उस्मानिया विवि में गोमांस परोसने पर छात्र भिड़े
हैदराबाद। गोमांस उत्सव के आयोजन के मुद्दे पर उस्मानिया विश्वविद्यालय रणक्षेत्र में बदल गया है। इस आयोजन के समर्थकों और विरोधियों के संघर्ष में पाच छात्र घायल हो गए हैं। आयोजन समर्थक एक छात्र को चाकू लगा है जिसे स्थानीय गाधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना को लेकर रविवार की आधी रात के बाद से ही विश्वविद्यालय परिसर में तनाव है। गोमांस फेस्टिवल के आयोजन के बाद विद्यार्थियों के एक समूह ने सी हॉस्टल पर हमला किया और इस गोमांस महोत्सव [बीफ फेस्टीवल] का समर्थन करने वाले एक विद्यार्थी को चाकू घोंप दिया। पुलिस ने कहा कि घायल विद्यार्थी को यहा गाधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ वाहन भी जलाए गए हैं।

Monday, April 16, 2012

उस्मानिया विश्वविद्यालय में छात्रों के 2 गुटों में संघर्ष

उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में कुछ छात्र संगठनों द्वारा आयोजित एक मांस महोत्सव को लेकर दो विद्यार्थी गुटों के बीच संघर्ष हो गया। इस दौरान पांच विद्यार्थी घायल हो गए। मांस महोत्सव का समर्थन करने वाले एक विद्यार्थी को चाकू घोंप दिया गया। यह जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-228494.html