Thursday, February 27, 2014

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मंदिर के मामले पर सरकार से रिपोर्ट मांगी

http://www.prabhatkhabar.com/news/93462-Pakistan-Supreme-Court-sought-a-report-from-the-government-on-the-issue-of-Hindu-temple.html
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय अपने मंदिरों और आसपास की जमीनों को भू माफिया से बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. बंटवारे के समय यहां से अधिकांश हिंदू भारत चले गए थे और उनके पीछे यहां कई संपत्तियां और पूजास्थल रह गए थे.

Wednesday, February 26, 2014

आजमगढ़ में दो वर्ग भिड़े, तनाव

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/31005354.cms
आजमगढ़ के गंभीरपुर थाना क्षेत्र में सोमवार रात दो वर्गों के बीच हुई हिंसा और आगजनी में एक युवक की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद क्षेत्र में फैले तनाव के मद्देनजर मौके पर दो कंपनी पीएसी के अलावा मऊ और बलिया जिले की पुलिस मौके पर तैनात की गई है। शुरुआती जांच में स्थानीय पुलिस की लापरवाही पाए जाने पर एसएसपी एसएसपी आजमगढ़ अनन्त देव ने गंभीरपुर के थानाध्यक्ष सलीम अली सिद्दीकी को निलंबित कर दिया है।

Tuesday, February 25, 2014

बांग्लादेशी हिन्दू विस्थापितों को समाज में किया जाना चाहिए शामिल : नरेंद्र मोदी

http://khabar.ndtv.com/news/india/hindu-migrants-from-bangladesh-must-be-accommodated-narendra-modi-in-assam-381327
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बांग्लादेश से आए हिन्दू विस्थापितों को देश में शामिल किया जाना चाहिए तथा जैसे ही उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो इनके शिविरों (डिटेंशन कैंप) को खत्म कर दिया जाएगा।

जनसंख्या बढ़ाने के लिए हिंदू परिवार में पैदा हों 5 बच्चे: अशोक सिंघल

http://aajtak.intoday.in/video/each-hindu-couple-should-have-5-children-says-vhps-ashok-singhal-1-755651.html
अशोक सिंघल ने कहा है कि हिंदू परिवारों को 'हम दो, हमारे दो' की अवधारणा से बाहर निकलना होगा और हर हिंदू को कम से कम पांच बच्चे पैदा करने होंगे.

Sunday, November 17, 2013

बीजेपी नेता का मर्डर, बवाल

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/21198316.cms
तमिलनाडु में बीजेपी के महासचिव वी. रमेश की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह वारदात बीती रात उनके घर के पास हुई। रमेश के शरीर पर चोटों के 17 निशान थे। हत्यारों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है। इस घटना के बाद तमिलनाडु में तनाव फैल गया है।

चुनावों का सांप्रदायीकरण

http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-communalism-elections-10587411.html
कांग्रेस प्रवक्ता ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के गठन और इसके अस्तित्व की तार्किकता पर असाधारण बयान जारी किया है। इस संगठन को अवैध गतिविविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत आतंकी संगठन घोषित किया गया है। संप्रग सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसे विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया है। इंग्लैंड में भी यह निषिद्ध है। गंभीर राजनीतिक विश्लेषकों की समझ से परे है कि कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता इस प्रतिबंधित संगठन के गठन को कैसे तर्कसंगत ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इस संगठन का गठन 2002 के गुजरात दंगों के बाद हुआ है।
संप्रग अपने अस्तित्व के दसवें साल में है। जैसे-जैसे आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं संप्रग को सत्ता विरोधी रुझान का भय सता रहा है। संप्रग में नेतृत्व की विफलता स्पष्ट है। इसका नेतृत्व अप्रभावी है। इसकी सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है। सरकार को नहीं सूझ रहा है कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर कैसे लाया जाए। संप्रग ने भ्रष्टाचार को नए दिशासूचक सिद्धांत के रूप में राज्य की नीति में शामिल कर लिया है। संप्रग के दस साल का कुशासन अब बता रहा है कि कैसे भारत की विकास गाथा को ध्वस्त कर दिया गया। संप्रग के शासन के घटिया ट्रैक रिकॉर्ड के बाद आगामी चुनाव में प्रभावी और स्वच्छ सरकार मुख्य मुद्दा बन गया है। कांग्रेस की पारंपरिक रणनीति है कि अगर वह शासन में विफल हो गई है तो अपने आखिरी उपाय को आजमाएगी यानी कांग्रेस के प्रथम परिवार के तथाकथित करिश्मे को भुनाने का प्रयास करेगी। दुर्भाग्य से यह करिश्मा भी बेअसर साबित हो रहा है। संप्रग का मौजूदा नेतृत्व अप्रभावी है और नए नेतृत्व में नेतृत्व करने का गुण ही नहीं है।
शासन के संकट और नेतृत्व के अभाव का सामना कर रहा संप्रग हताशाजनक रूप से ऐसी रणनीति पर चल रहा है, जिससे लोगों का ध्यान गंभीर मुद्दों से हट जाए। उसका पूरा प्रयास है कि भारत की विकास गाथा को पटरी से उतारने वाला मुद्दा चुनाव में प्रमुखता हासिल न कर पाए। ऐसे में संप्रग के सामने केवल एक विकल्प बचता है। देश के राजतंत्र का सांप्रदायीकरण करके चुनावी मुद्दे को बदल दे। जो भी लोग संप्रग को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि चुनाव में मुख्य मुद्दा शासन ही बना रहना चाहिए, जिससे संप्रग कन्नी काट रहा है।
पिछले कुछ सप्ताह से संप्रग नेता राजतंत्र के सांप्रदायीकरण की नीति पर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके तीन स्पष्ट संकेतक हैं। पहला, संप्रग ने अपने हमले नरेंद्र मोदी पर केंद्रित कर रखे हैं। गुजरात में शुरुआत में कांग्रेस नरेंद्र मोदी पर हमले की रणनीति पर ही चली थी। कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक जंग में मोदी हमेशा भारी पड़े। चुनावों में मोदी का प्रदर्शन बेहतर रहा। इस रणनीति से फायदा मिलने के बजाय नुकसान होने के कारण कांग्र्रेस ने वैकल्पिक रणनीति अपनाई और यह दर्शाया कि जहां तक उसके चुनाव अभियान का संबंध है, मोदी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। केंद्र में प्रथम चरण में कांग्रेस की रणनीति मोदी पर तगड़े हमले करने की है। इस प्रक्त्रिया में वह मोदी को केंद्रीय मंच ही उपलब्ध करा रही है। जल्द ही संप्रग को इन हमलों की प्रति-उत्पादकता का अहसास होगा और वह अपनी वैकल्पिक रणनीति पर उतर आएगी और मोदी की उपेक्षा का दिखावा करेगी। दूसरे, इशरत जहां मामले में सीबीआइ के माध्यम से केंद्र सरकार की रणनीति हैरान करने वाली है। इस मामले में सीबीआइ लश्करे-तैयबा से मृतकों के संबंधों की अनदेखी कर रही है। इस प्रकार उसने पूरे भारत की सुरक्षा व्यवस्था को दांव पर लगा दिया है। कथित पीड़ितों के लश्करे-तैयबा से संबंधों पर पहली चार्जशीट में चुप्पी क्यों साधी जाती है? क्या खुफिया ब्यूरो ने इस आतंकी नेटवर्क के बारे में कश्मीर से अपने स्नोतों से जानकारी जुटाई थी? क्या भारत का सुरक्षा तंत्र और हमारी खुफिया एजेंसियां लश्करे-तैयबा की बातचीत रिकॉर्ड करने, उन पर निगरानी रखने और उनसे पूछताछ करने का अधिकार नहीं रखतीं? क्या ये तमाम उपाय आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए हैं या फिर एक अपराध की साजिश रचने के लिए?
इस सवाल का जवाब इसमें निहित है कि कथित पीड़ितों के लश्करे-तैयबा से संबंध थे या नहीं? सरकार की जांच एजेंसी के नाते सीबीआइ ने लश्करे-तैयबा से इनके संबंधों पर चुप्पी साध ली। डेविड हेडली से इस आतंकी गिरोह के लश्करे-तैयबा से संबंधों के बारे में एनआइए की पूछताछ संबंधी पैरा 168 किसने मिटा दिया है? सीबीआइ इस हद तक चली गई कि उसने लश्करे-तैयबा के आतंकियों और उनके भारतीय संपकरें के आवाज के नमूनों को भी स्वीकार नहीं किया है। क्या सीबीआइ ने कुछ पुलिसवालों से साठगांठ कर ली है, जो कथित मुठभेड़ में शामिल थे और जो आरोपी से गवाह बन चुके हैं। ऐसा करके वे देश के खुफिया तंत्र और सुरक्षा ढांचे का अपमान करना चाहते हैं। मुठभेड़ की तह में जाए बगैर मैं यह सवाल इसलिए उठाता हूं, क्योंकि ये संकेत हैं कि लश्करे-तैयबा के आतंकियों को शहीद और भारत के सुरक्षा और खुफिया तंत्र को खलनायक सिद्ध करने के सायास प्रयास किए जा रहे हैं। क्या यह वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाने की सायास रणनीति नहीं है?
तीसरे, इसी संदर्भ में इंडियन मुजाहिदीन पर शकील अहमद के बयान की पड़ताल होनी चाहिए। 9/11 के बाद विभिन्न आतंकी समूहों पर वैश्रि्वक ध्यानाकर्षण रहा है। पाकिस्तान पर भारत में सीमापार से आतंकवाद फैलाने का आरोप था। 9/11 से पाकिस्तान पर अपनी धरती से आतंकी गतिविधियां बंद करने का जबरदस्त दबाव पड़ा। राजग सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध लगाया था। इस परिप्रेक्ष्य में इंडियन मुजाहिदीन का गठन हुआ। पाकिस्तान एक ऐसा संगठन खड़ा करना चाहता था जो भारतीय लगे और जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय काम करें। बम बनाने की तकनीक और पैसा सीमापार से मुहैया कराया गया। इस संगठन में भारतीयों की मौजूदगी के कारण भारत में हर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अपनी संलिप्तता से आसानी से इन्कार कर पाया। अपने गठन से ही इंडियन मुजाहिदीन भारत में बड़े हमलों का जिम्मेदार रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने इतिहास का पुनर्लेखन करने का प्रयास किया है। उनका प्रयास इंडियन मुजाहिदीन को गुजरात दंगों के शिकार लोगों के संगठन के रूप में प्रस्तुत करने का है। वह इंडियन मुजाहिदीन के गठन के पीछे पाकिस्तान की रणनीति की अनदेखी कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के सांप्रदायीकरण का एक और हताशापूर्ण प्रयास है।
[लेखक अरुण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं]

स्पेस में मैसेज भेजने के लिए संस्कृत है बेस्ट लैंग्वेज

http://navbharattimes.indiatimes.com/delhi/other-news/sanskrit-is-the-most-useful-language-for-communicating-with-space-travellers/articleshow/21085600.cms
 आजकल हर तरफ इंग्लिश का बोलबाला है। साइंस से लेकर वर्किंग लैंग्वेज के रूप में अपनी जगह बना चुकी इंग्लिश अब वक्त की जरूरत बन चुकी है। लेकिन अगर हम कहें कि इस जरूरत की भी अपनी कुछ कमजोरियां हैं जिनका सलूशन केवल संस्कृत के पास है तो निश्चित तौर पर आप पूछेंगे कैसे?

पाकिस्तान में हिंदू रेप के सबसे बुरे शिकारः अमेरिकी रिपोर्ट

http://navbharattimes.indiatimes.com/world/pakistan/hindus-in-pakistan-are-worst-rape-victims-in-pakistan/articleshow/21169543.cms
इस्लामाबाद।। पाकिस्तान में हिंदू रेप के सबसे बुरे शिकार हैं। एक इंडिपेंडेंट अमेरिकी ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की स्टडी में कहा गया है कि पिछले 18 महीनों के दौरान सात हिंदू लड़कियों के साथ रेप की घटना घटी।

रोड पर नमाज पढ़ने को लेकर मेरठ में तनाव

http://navbharattimes.indiatimes.com/other-cities/meerut/tension-in-meerut-over-namaz-on-road/articleshow/21013272.cms
रोड पर नमाज पढ़ने को लेकर मेरठ में दो समुदायों के बीच बुधवार को तनाव पैदा हो गया। सूचना मिलते ही काफी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसरों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। पुलिस बल की मौजूदगी में लोगों ने नमाज अदा की। ऑफिसरों ने दोनों समुदायों को आश्वासन दिया है कि गुरुवार को इस मसले का हल निकाल लिया जाएगा। इसके बाद जाकर तनाव थोड़ा कम हुआ। हिंदूवादी संगठनों ने चेतावनी दी है कि सड़क पर किसी भी हालत में नमाज नहीं होने देंगे।

दिग्विजय के ट्वीट से नाराज कांग्रेसी नेता बीजेपी में शामिल

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/21017163.cms
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के ट्वीट का खामियाजा मध्य प्रदेश कांग्रेस को भुगतना पड़ा है। राज्य में कांग्रेस विधानमंडल दल के उपनेता राकेश सिंह चतुर्वेदी ने बागी रुख अपनाते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है। चतुर्वेदी का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का पूरा घटनाक्रम भी कम नाटकीय नहीं रहा।