Wednesday, April 2, 2014

महासमर.. श्राइन बिल का एजेंडा तय करेगा पंडितों का वोट

http://www.jagran.com/jammu-and-kashmir/jammu-11202826.html
जम्मू : दो दशकों से भी अधिक समय से विस्थापन में रह रहा कश्मीरी पंडित समुदाय कश्मीर में पुनर्वास व वापसी में देरी के लिए न सिर्फ राज्य व केंद्र सरकार को जिम्मेदार मान रहा है, बल्कि प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रति भी उनके मन में गिला है। उन्होंने उनकी बेबसी से हमेशा ही पल्ला छुड़ाया है। वादी में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे पंडितो को उन राजनीतिक दलों के प्रति भी मन में मलाल है, जिन्होंने मंदिरों व धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए विधानसभा में लंबित कश्मीरी हिंदू श्राइन बिल को पारित न होने देने में अहम भूमिका निभाई थी।

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