हिंदू हितों (सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक) को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाली घटनाओं से सम्बंधित प्रमाणिक सोत्रों ( राष्ट्रिय समाचार पत्र, पत्रिका) में प्रकाशित संवादों का संकलन।
Friday, March 2, 2012
Monday, January 2, 2012
Friday, September 9, 2011
बशीरगंज कांड में लापरवाही बरतने के ...
बशीरगंज कांड में लापरवाही बरतने के ... याहू! जागरण शहर में कई दिनों तक सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी रही। इसी मामले में खुद आईजी व ... |
Monday, August 29, 2011
बशीरगंज कांड में पांच गिरफ्तार, भेजा जेल
याहू! जागरण
बहराइच, शहर के बशीरगंज में बुधवार की रात सांप्रदायिक विवाद को लेकर तनाव की स्थिति तो कम हुई है लेकिन सन्नाटा अब भी बरकरार है। पुलिस ने अलग-अलग मामलों में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इन्हें शनिवार की रात गिरफ्तार किया गया था। पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान मुस्तैद हैं। आईजी, डीआईजी और पीएसी के दो कमांडेंट सहित छह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हैं। उल्लेखनीय है कि बुधवार को धार्मिक स्थल ...
भाजपा कमेटी ने शुरू की बहराइच दंगे की जांच
Pressnote.in
लखनऊ । बहराइच में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से बनाई गई कमेटी रविवार को बहराइच पहुंच गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यदेव सिंह की अगुवाई वाली इस कमेटी में विधायक सुरेश्वर सिंह और रामनरेश रावत भी शामिल हैं । जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही को सौंपेगी ।
Monday, April 25, 2011
Monday, April 26, 2010
आगरा में दो समुदायों के बीच संघर्ष
Dainik Jagran 26 April 2010, आगरा। उगाही को लेकर तीन दिन पहले हुआ झगड़ा रविवार को बड़े संषर्ष में बदल गया। आगरा फोर्ट के सामने बिजलीघर चौराहे पर दोनों पक्ष टकराये। बाद में फोर्ट चौकी में मारपीट के बाद संघर्ष भड़क गया। घंटे भर तक पथराव हुआ। लूटपाट के बाद दुकानें फूंक दी गयीं। फुटपाथ बाजार की लपटों से शिवाजी मार्केट सुलग उठा और कई करोड़ की सम्पत्तिस्वाहा हो गयी। आग काबू करने के लिए सेना की फायर बिग्रेड की मदद ली गयी है। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इसके बाद शहर में सेक्टर स्कीम लागू कर दी गयी है।
तीन दिन पहले बिजलीघर चौराहे पर अशोक जाटव और सुलेमान पक्ष के बीच झगड़ा हुआ था। जिसमें अशोक और उसका साथी घायल हुए थे। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर सुलेमान पक्ष के नौशाद को जेल भेज दिया। इससे सुलेमान गुट असंतुष्ट था।
रविवार दोपहर 11.30 बजे अशोक फिर मार्केट पहुंचा। वहां उसकी सुलेमान से कहासुनी हो गई। इस पर सुलेमान समर्थकों ने पुलिस चौकी पहुंचकर वहां बैठे अशोक को पीटा। पुलिस ने हमलावरों को खदेड़ दिया। इस सूचना से बाजार बंद हो गया।
इसी बीच नाला काजीपाड़ा रेलवे ब्रिज के नीचे दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों में पथराव शुरू हो गया। इसके बाद अन्य बाजार भी बाजार बंद हो गये और भीड़ सड़कों पर उतर आयी। सड़क किनारे फुटपाथ पर खोखों में आग लगा दी गई। आग की लपटों में यहां की शिवाजी मार्केट स्वाहा हो गयी। लपटों पर काबू पाने की कोशिशें चल रही थी। तभी छीपीटोला रोड पर दुकानों में लूटपाट शुरू हो गयी। कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। आईजी विजय कुमार फोर्स के साथ पहुंचे तो उनकी गाड़ी को निशाना बनाकर छतों से पथराव शुरू हो गया। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने कई राउंड रबर बुलेट चलायीं। पुलिस ने पथराव करने वाले आधा दर्जन युवकों को पकड़ लिया। इसकी खबर पर उपद्रवी रावली तिराहे पर पहुंच गये और वहां दुकानों में लूटपाट की। देखते ही देखते बाजार बंद हो गया। दो समुदायों के बीच के बवाल से मंटोला में तनाव है। आईजी विजय कुमार ने बताया कि हालात देखते हुए रेंज से फोर्स बुलाया गया है। उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जाएगी। फिलहाल हालात सामान्य है। जिलाधिकारी एमके नारायण ने बताया कि सेक्टर स्कीम लागू कर दी गई है। जिन बस्तियों में तनाव है, वहां फोर्स तैनात है। हालात काबू में हैं
Thursday, April 22, 2010
प्रेमीयुगल फरार, गांव में तनाव
थाना क्षेत्र के एक गांव के युवक से दूसरे संप्रदाय की युवती का प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों प्रेमी युगल चोरी-छुपके एक दूसरे से मिला करते थे। परिजनों ने जब इसका विरोध किया तो मंगलवार को प्रेमी युगल फरार हो गए। प्रेमी युगल के अलग-अलग संप्रदाय का होने के कारण गांव में तनाव व्याप्त है। युवती के पिता ने वारदात की तहरीर दी है। तहरीर में उसने कहा है कि उसकी पुत्री युवक के बहकावे में आकर घर से हजारों की नकदी और गहने अपने साथ ले गई है
Monday, April 19, 2010
धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास में तीन युवक हिरासत में
Dainik Jagran, खड्डा (कुशीनगर), 18 अप्रैल। खड्डा थाना क्षेत्र के ग्रामसभा गैनही जंगल में रविवार को आयोजित समारोह में प्रभु यीशु का संदेश सुनाकर ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने के प्रयास में लगे तीन युवकों को मुकामी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए युवकों से पूछताछ जारी है जिनमें दो नेपाल के बताये गये है।
पुलिस के अनुसार ग्राम सभा गैनही जंगल निवासी मंगरू पुत्र चोकट व केदार पुत्र बुचई के घर नेपाल से आये विश्वनाथ पुत्र निधुर निवासी गोपीगंज जमुनिया ग्रा.वि.प. व सवरू पुत्र बच्चन प्रभु यीशु की प्रार्थना करा रहे थे। इससे पहले उन्होंने बाईबिल साहित्य को समझा कर उपस्थित जगदीश राजभर पुत्र सदरी, शिव सागर वर्मा पुत्र झगरू वर्मा, रामचन्दर यादव पुत्र लक्ष्मी यादव, हीरालाल वरेण पुत्र सुन्दर वरेण सहित अन्य ग्रामीणों को प्रभु यीशु के मंत्रों से अभिमंत्रित जल को पिला कर सारे रोगों से छुटकारा दिलाने की बात भी कही। इसी बीच कार्यक्रम की सूचना पाकर कई हिन्दू नेता मौके पर पहुंच गये और दोनों युवकों को पकड़ लिया। कुछ देर बाद एसपी लव कुमार के निर्देश पर थानाध्यक्ष खड्डा देवेन्द्र सिंह पहुंच गये तथा युवकों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने इसके पास से 100, 500 के नेपाली नोट, मोबाइल व ईसाई साहित्य बरामद किये। पूछताछ के बाद खड्डा पुलिस ने गैनही ग्राम निवासी अशोक चौधरी को भी हिरासत में ले लिया।
थानाध्यक्ष खड्डा देवेन्द्र सिंह ने कहा कि कि इस गांव में गरीबी और अशिक्षा ज्यादा है, जिसके चलते उन्हे अभी यह पता नहीं है कि कोई उनके धर्म परिवर्तन के लिए प्रभावित कर रहा है। रही बात कानून की तो भारत में कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार प्रसार कर सकता है। जब तक हमें किसी व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराये जाने की तहरीर नहीं मिलती, हम कुछ भी नहीं कर सकते।
Saturday, July 25, 2009
हिंदू होने का खामियाजा भुगत रहे हैं कनेरिया
दानिश कनेरिया मौजूदा समय में पाकिस्तान टीम के सबसे कामयाब स्पिनर हैं लेकिन हर समय टीम से अंदर-बाहर होते रहते हैं। दरअसल मुस्लिम टीम में इकलौते हिंदू होने की कीमत कनेरिया को चुकानी पड़ रही है। पाकिस्तानी क्रिकेट में इस मुद्दे पर हमेशा खामोशी रही है लेकिन आईबीएन 7 को मिली जानकारी के अनुसार कनेरिया खुद इस भेद-भाव से अक्सर परेशान रहते हैं। वो चाहकर भी न तो इसकी आलोचना कर सकते हैं और न ही कुछ कह सकते हैं।
टेस्ट क्रिकेट में लगातार अच्छा खेल दिखाने के बावजूद कनेरिया को कभी भी वन-डे क्रिकेट में ज़्यादा मौके नहीं दिये गए और ना ही कभी उन्हें टी-20 के लायक समझा गया। भारत में खेल की दुनिया में धर्म बेमानी रहा है मंसूर अली खां पटौदी से लेकर मोहम्मद अजहरुद्दीन तक टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं। यहीं नहीं जहीर खान, मुनाफ पटेल, पठान भाइयों को कभी भी इस मुल्क में धोनी या सहवाग से कम मौका नहीं मिलता।
सवाल सिर्फ कनेरिया का नहीं है। पूर्व पाकिस्तानी विकेट कीपर अनिल दलपत को भी ज्यादा मौके नहीं मिले। यहां तक कि पिछले एक दशक में पाकिस्तान के सबसे कामयाब बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ को भी इसका खामियजा भुगतना पड़ा। मोहम्मद यूसुफ बनने से पहले ये जनाब यूसुफ योहाना थे। लेकिन, पाकिस्तान में जितनी मुश्किल एक हिंदू को होती है उतनी ही कठिनाई क्रिश्चियन खिलाड़ी को भी होती है। मो. यूसुफ को कभी कप्तानी नहीं मिली। माना जाता है कि इसका कारण उनका क्रिश्चियन होना था?
दानिश कनेरिया पाकिस्तान में जाने-माने अल्पसंख्यक क्रिकेटरों में से एक हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने तो यहां तक कहा था कि अगर वो कप्तान होते तो कनेरिया को हर फॉर्मेट में खिलाते। लेकिन इसके बावजूद कनेरिया पाकिस्तान टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं।