Thursday, March 29, 2012

धोखा हुआ तो छिड़ेगा गंगा मुक्ति संग्राम

वाराणसी। नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी की प्रस्तावित बैठक में यदि गंगा रक्षा के लिए कोई सर्वमान्य निर्णय नहीं हुआ और सरकार ने जनभावनाओं के साथ धोखा किया तो राष्ट्रीय स्तर पर गंगा मुक्ति संग्राम का घोष दिल्ली से ही किया जाएगा। इस संबंध में देश की विभिन्न पीठों के धर्माचार्यों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से मुलाकात कर अपनी योजना से उन्हें अवगत कराया है।
http://www.amarujala.com/city/varanasi/varanasi-58281-140.html

जया ने कहा, राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो राम सेतु

सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र से राम सेतु पर उसका पक्ष पूछे जाने के एक दिन बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने बुधवार को सरकार से कहा है कि वह बिना और देर किए इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दे।
http://www.amarujala.com/National/Jaya-said-Ram-Sethu-declared-national-heritage-25025.html

Tuesday, March 27, 2012

एनजीओ का काला सच



एनजीओ का काला सच

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की आपाधापी और रेल बजट प्रस्तुत होने के बाद उपजे राजनीतिक बवाल के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम दब-सा गया। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए उस सच को स्वीकार किया है जो कल तक भारत में मतांतरण गतिविधियों में संलग्न चर्च और अलगाववादी संगठनों की ढाल बनने वाले स्वयंभू मानवाधिकारी गुटों के संदर्भ में राष्ट्रनिष्ठ संगठन उठाते आए हैं। यह वह कड़वा सच है जिसे सेक्युलर दल भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा बताकर अब तक नकारते आए थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु परियोजना और कृषि क्षेत्र में वृद्धि के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग के प्रयोग का विरोध करने के पीछे विदेशों से वित्तीय सहायता पाने वाले गैर सरकारी संगठनों का हाथ है। पिछले दिनों सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि 2007 से 2010 के बीच भारत में सक्त्रिय 65,500 एनजीओ को विदेशों से 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई। यह राशि किन कायरें में खर्च होती है? महाराष्ट्र के जैतापुर और तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना का विरोध करने वाले संगठन वस्तुत: भारत के विकास को बाधित करने वाली अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के मुखौटे हैं। पिछले कुछ दशकों के घटनाक्रमों का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लगातार बाधित करने की कोशिश की गई है। अस्सी के दशक में पनबिजली परियोजना का विरोध तो नब्बे के दशक में इसी मंशा से ताप विद्युत परियोजनाओं का विरोध किया गया। करीब दो दशकों तक नर्मदा बचाओ के नाम पर सरदार सरोवर बांध परियोजना को अधर में लटकाने का प्रयास किया गया, जिसके कारण परियोजना लागत व्यय में तीन सौ गुना वृद्धि हुई, किंतु गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार नहीं मानी। आज गुजरात और राजस्थान के मरुस्थल के आसपास रहने वाले लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति में उस परियोजना के कारण क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब कुछ विकसित देशों के इशारे पर परमाणु बिजली परियोजनाओं को ठप करने का प्रयास किया जा रहा है। इस देशघाती गतिविधि में संलग्न संगठन वस्तुत: अलगाववादी ताकतों के सतह पर दिखाई देने वाले चेहरे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ एनजीओ विकलांग लोगों की मदद और कुष्ठ रोग उन्मूलन जैसे सामाजिक सेवा के कायरें के लिए विदेशों से धन प्राप्त करते हैं और उसका उपयोग कुडनकुलम जैसी परियोजना के खिलाफ अभियान चलाने में किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ से अधिक की धनराशि प्रतिवर्ष भारत भेजी जाती है। मिशनरी संगठनों के पितृ संगठन-इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया से ऐसे 35,000 चर्च सूचीबद्ध हैं, किंतु नए चचरें की वास्तविक संख्या आंक पाना कठिन होने के कारण विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का अनुमान भी दुष्कर है। विदेशों से धन प्राप्त करने वाले करीब 75 प्रतिशत से अधिक संगठन ईसाई संगठन हैं। चर्च से संबद्ध ऐसे संगठन सामाजिक सेवा के नाम पर वस्तुत: मतांतरण अभियान के सहायक ही हैं। सीबीआइ कुडनकुलम में सक्रिय जिन चार एनजीओ-तूतीकोरिन डायासेसन एसोसिएशन, रूरल अपलिफ्ट सेंटर, गुडविजन चैरिटेबल ट्रस्ट और रूरल अपलिफ्ट एंड एजुकेशन की जांच कर रही है उन्हें सन 2006 से 2011 के बीच विदेशों से 36-37 करोड़ रुपये मिले थे। कुडनकुलम में चर्च के कार्डिनल और बिशपों द्वारा जो जन विरोध खड़ा किया गया वह वस्तुत: चर्च की घबराहट को रेखांकित करता है। उन्हें भय है कि कुडनकुलम जैसी बड़ी परियोजना से न केवल स्थानीय लोगों का भला होगा, बल्कि आसपास के दूरदराज के इलाकों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पिछड़ों और वंचितों को कथित स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा देने के नाम पर देश के पिछड़े इलाकों में सक्रिय चर्च के कार्यो पर सरकार द्वारा समय-समय पर गठित की गई समितियों ने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं, किंतु सेक्युलर सत्ता अधिष्ठान चर्च के मतांतरण अभियान पर लगाम लगाने के बजाए राष्ट्रनिष्ठ संगठनों को ही कठघरे में खड़ा करता आया है। कुछ साल पूर्व गुजरात के डांग जिले में जब चर्च के इस तरह के मतांतरण का खुलासा हुआ तो सेक्युलरिस्टों ने भारतीय जनता पार्टी पर चर्च के उत्पीड़न का आरोप मढ़ने में देर नहीं की। ऐसी मानसिकता भारत की बहुलतावादी संस्कृति के लिए घातक है। हाल ही में कश्मीर घाटी में मुसलमानों का मत परिवर्तन कराने वाले पादरियों को शरीयत अदालत के आदेश पर प्रशासन ने गिरफ्तार किया था, किंतु विडंबना यह है कि देश के अन्य हिंदू बहुल भागों में सक्त्रिय चर्च के इस मतांतरण अभियान पर प्रश्न खड़ा होता है तो सेक्युलरिस्ट और स्वयंभू मानवाधिकारी संगठन चर्च के समर्थन में खड़े हो जाते हैं और उपासना के अधिकार का प्रश्न खड़ा किया जाता है। ग्राहम स्टेंस के कथित हत्यारे दारा सिंह की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी चर्च के मतांतरण अभियान को लेकर बहुत कटु टिप्पणी की थी। मध्य प्रदेश में मिशनरी गतिविधियों की शिकायतों को देखते हुए इन आरोपों की जांच के लिए 14 अप्रैल, 1955 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्व न्यायाधीश डॉ. भवानी शंकर नियोगी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति की प्रमुख संस्तुतियां मतांतरण के उद्देश्य से आए विदेशी मिशनरियों को बाहर निकालने और उनके प्रवेश पर पाबंदी लगाने की थी। उन्होंने कहा था कि बल प्रयोग, लालच, धोखाधड़ी, अनुचित श्रद्धा, अनुभवहीनता, मानसिक दुर्बलता का उपयोग मतांतरण के लिए नहीं हो। न्यायमूर्ति रेगे समिति , न्यायमूर्ति वेणुगोपाल आयोग (1982) और न्यायमूर्ति वाधवा आयोग (1999) ने भी नियोगी आयोग की संस्तुतियों को उचित ठहराया है। बाहरी शक्तियों की कठपुतली बन भारत की विकास परियोजनाओं का विरोध करने वाले गैर सरकारी संगठनों व स्वनामधन्य मानवाधिकारियों के वित्तीय श्चोतों की जांच स्वागत योग्य है, किंतु सरकार को आत्मा के कारोबार में लीन चर्च और उसके सहयोगी संगठनों पर भी लगाम लगानी चाहिए। इसके लिए छलकपट और प्रलोभन के बल पर होने वाले मतांतरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
[बलबीर पुंज: लेखक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं]
http://www.jagran.com/editorial/apnibaat-9063181.html

जबरन धर्मपरिवर्तन मामला: रिंकल को सुधार गृह भेजा


इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन दो हिंदू युवतियों को नारी सुधार गृह भेजने का निर्देश दिया है, जिन्हें अगवा करने के बाद पहले इस्लाम धर्म ग्रहण कराया गया और फिर मुस्लिम युवकों से उनकी शादी करा दी गई। सोमवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि इन युवतियों को तीन सप्ताह तक सुधार गृह में रहने दिया जाए ताकि वे स्वतंत्र माहौल में अपने भविष्य के बारे में कोई निर्णय ले सकें।
http://www.jagran.com/news/world-pak-sc-sends-abducted-hindu-females-to-womens-house-9063163.html

Monday, March 26, 2012

Hindu body for CBI probe into temple land encroachments in JK

A Hindu body Sunday demanded a CBI probe into temple land encroachments in Jammu and Kashmir. "We demand CBI probe into illegal selling and encroachment of temple land by land mafia," All Party Hindu Coordination Committee (APHCC) core member Pritam Sharma told reporters here. "The
government should also pass JK Hindu Shrine Bill to protect temples in the state from land mafia," he said.

http://www.hindustantimes.com/Punjab/Chandigarh/Hindu-body-for-CBI-probe-into-temple-land-encroachments-in-JK/SP-Article1-830671.aspx 

संस्कृत बनेगी नासा की भाषा

अवैध पशु वधशाला का पर्दाफाश, तीन बंदी

वाराणसी : अवैध पशु वधशाला के खिलाफ रविवार को अभियान चलाया गया। इसी क्रम में पश चिकित्साधिकारीसमेत जैतपुरा पुलिस ने कमलगड़हा क्षेत्र में एक मकान में छापेमारी कर अवैध पशु वधशाला का पर्दाफाश किया। इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार कर मौके से ढाई कुंतल मांस समेत अन्य सामान बरामद किए गए।
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-9056820.html

Friday, March 23, 2012

असम में चार बांग्लादेशी घुसपैठिये गिरफ्तार

कछार जिले के सिलचर में पुलिस ने चार बांग्लादेशी घुसपैठियों को एक होटल से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि पूर्व में मिली सूचना के आधार पर उसने होटल में छापामारे की और चार किशोरों को गिरफ्तार किया।
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-224346.html


Thursday, March 22, 2012

हिंदू शरणार्थियों को कहीं और बसा कर दें नागरिकता

जम्मू-कश्मीर सरकार अपने राज्य के तीन लाख हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दे सकती तो उन्हें देश के किसी और भाग में बसाकर नागरिक का दर्जा दिया जाना चाहिए। जम्मू- कश्मीर की वार्ताकार दल की सदस्य राधा कुमार का मानना है कि 1947 के बंटवारे में पश्चिम पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की तीसरी पीढ़ी भी राजनीतिज्ञों के हाथ का मोहरा बन कर रह गई है।

छात्र को डांटने पर शिक्षक को गोली मारी

रामपुर। छात्र को डांटने से नाराज चाचा ने बुधवार को शिक्षक को गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल शिक्षक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील शाहबाद के गांव बैरुआ स्थित जगवती देवी जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक रघुराज ने पढ़ाई में ढिलाई को लेकर तीसरी कक्षा के नौ वर्षीय छात्र नदीम को डांट दिया। नदीम ने इसकी शिकायत अपने परिजनों से कर दी। जिससे गुस्साए नदीम के पिता आरिफ और उसके दो चाचा स्कूल में पहुंच गए। उनकी रघुराज से कहासुनी हो गई। इसी दौरान नदीम के चाचा ने रघुराज पर गोली चला दी। गोली लगने से रघुराज घायल हो गया। स्कूल में गोली चलने से अफरातफरी मच गई। घायल रघुराज को उसके साथी शिक्षक तुरंत जिला अस्पताल ले आए, जहां पर उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
http://www.jagran.com/news/national-9038329.html