नई दिल्ली, भाषा : देश में बड़ी संख्या में मौजूद अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से भारत की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा है। गृह मामलों की एक स्थायी संसदीय समिति की संसद में पेश नवीनतम रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसे हल्के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। सुषमा स्वराज की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर जाली नोटों का भी व्यापक वितरण हो रहा है। गृह मंत्रालय की अनुदान मांगों पर समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समिति पूरी दृढ़ता से सिफारिश करती है कि सीमा पर होने वाली गतिविधियों की कड़ाई से निगरानी की जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम चौकसी वाली भारत-बांग्लादेश सीमा और व्यवहारिक दिक्कतों के मुख्य कारण भौगोलिक स्थितियां हैं जिनकी वजह से सीमा पर तार लगाने का काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। तारबंदी न होने की वजह से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना दी गई है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र और तो और पैनकार्ड तक हासिल करने में सफल हुए हैं। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों तथा खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में उग्रवादी संगठन बांग्लादेशियों की भर्ती कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार ऐसी भी खबरें हैं कि कुछ बांग्लादेशी उग्रवादी समूह भारत में उग्रवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। समिति ने कहा है कि अवैध आब्रजन रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने सीमा पर तारबंदी करने, फ्लड लाइट लगाने तथा सड़कें बनाने जैसे कदम उठाए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा गश्त की जा सके। इसके अलावा सीमा पर निगरानी का काम एक ही बल सीमा सुरक्षा बल को सौंपा गया है। अतिरिक्त बटालियनें बना कर इसे मजबूत किया गया है, चौकियों के बीच की दूरी घटाई गई है और बीएसएफ को अत्याधुनिक उपकरण भी दिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को समय-समय पर देश में अवैध तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है। विदेशी (न्यायाधिकरण) आदेश 1964 के प्रावधानों के तहत असम में अवैध प्रवासियों और विदेशियों की धरपकड़ करनेके लिए 32 विदेशी न्यायाधिकरण हैं। दैनिक जागरण April 19, Saturday , 2008
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