Sunday, February 24, 2013

मिशनरियों के साये में भी पिछड़े रहे आदिवासी

http://navbharattimes.indiatimes.com/thoughts-platform/viewpoint/are-also-backward-tribal-missionaries-in-the-shadows/articleshow/18167548.cms
आज क्रिसमस सबसे बड़ा ग्लोबल त्योहार बन गया है। दुनिया भर में ईसाई ही नहीं, बल्कि तमाम दूसरे समुदाय के लोग भी इसे धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन दूसरे त्योहारों की तरह क्या यह भी अब एक खोखला आयोजन बन कर नहीं रह गया है? ईसा मसीह ने दुनिया को शांति का संदेश दिया था। लेकिन गरीब ईसाइयों के जीवन में अंधेरा कम नहीं हो रहा। अगर समुदाय में शांति होती तो आज ईसाई आदिवासी समाज की स्थिति इतनी दयनीय नहीं होती।

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