Thursday, September 18, 2014

मिथक=मिथ्या: हिंदू मिथकों को समझने की एक कोशिश

http://aajtak.intoday.in/story/excerpts-from-mithak-mithya-by-devdutt-patnaik-penguin-publication-1-780473.html
नई ज़मीन तलाशती, भारत के सबसे लोकप्रिय मिथकों के जानकार डॉ. देवदत्त पटनायक की किताब 'मिथक=मिथ्या' जीवन और मृत्यु, प्रकृति और संस्कृति, उत्कृष्टता और संभावना के बीच विरोधाभासों के जवाब खोजती है. वे अपनी अनोखी लेखन शैली, दृष्टांतों और चित्रों के जरिए हिंदू कहानियों को प्रस्तुत करते हैं और हिंदू प्रतीकों और रीति-रिवाजों की गुत्थियां सुलझाते हैं. इसके जरिए हम जान सकते हैं कि क्यों कौरव स्वर्ग में पहुंचे और (युधिष्ठिर को छोड़ कर) सभी पांडव नर्क में; सीता का त्याग करने वाले राम क्यों आदर्श राजा समझे गए; रक्त पीने वाली काली दूध देने वाली गौरी का दूसरा रूप कैसे बनीं; और शिव ने ब्रह्म का पांचवां सिर क्यों धड़ से अलग किया.

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