अर्जुन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि लोकतंत्र में बेहतर यही होता है कि मामले स्पष्ट हों। उनका मानना है कि घटना की न्यायिक जांच से मामला स्पष्ट हो सकेगा। अर्जुन सिंह ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस बारे में विचार कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इसे प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार का मामला बताते हुए कोई ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।
उधर, भाजपा ने अर्जुन सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह आतंकियों का समर्थन करने और उस मुठभेड़ में मारे गए पुलिस अधिकारी महेश चंद शर्मा की शहादत को चुनौती है। उन्होंने कहा कि सिंह का बयान एक अन्य केंद्रीय मंत्री अब्दुल रहमान अंतुले के समान है जिसमें उन्होंने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल उठाया था और इसका फायदा उठाकर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया।
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अंतुले के बाद एक अन्य केंद्रीय मंत्री द्वारा आतंकियों का इस तरह खुला समर्थन किए जाने के संबंध में स्वयं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए।
दिल्ली में गत 13 सितंबर को हुए बम विस्फोटों में कथित रूप से शामिल इंडियन मुजाहिद्दीन के दो संदिग्ध आतंकी जामिया नगर में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। इस घटना में एक पुलिस इंस्पेक्टर भी मारा गया।
बटला हाउस इलाके के लोगों सहित कई मुस्लिम संगठनों, समाजवादी पार्टी और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय आदि ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी।
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