केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने मंगलवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि अल्पसंख्यकों की एक अर्से से मांग रही है कि ऐसा बोर्ड बनाया जाए और इसके मद्देनजर संसद के अगले सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा। सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय के मदरसा शिक्षा की तरफ विशेष ध्यान दिया है और हाल में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड [सीबीएसई] और भारतीय स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद [सीओबीएसई] से सिफारिश की है कि मदरसा प्रमाणपत्र को सीबीएसई के बराबर माना जाए, ताकि मदरसों से शिक्षा प्राप्त व्यक्ति भी सरकारी नौकरियों के योग्य हों।
सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों के वास्ते एक विशेष निकाय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान आयोग का गठन इसलिए किया गया है, ताकि अपने पंसद के शिक्षण संस्थान खोलने और चलाने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा हो सके। बाटला हाउस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मांग सरकार की नजर में है और व्यक्तिगत तौर पर उनका मानना है कि अच्छा होगा कि अगर इस घटना के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सके। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा चलाए जा रहे सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में सिंह ने कहा कि इन स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ अवांछित सामग्री है और उनका मंत्रालय मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने लेकिन यह भी कहा कि वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहते क्योंकि किसी भी संगठन की राजनीतिक तौर पर निशाना बनाने की उनकी कोई मंशा नहीं है।
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