Friday, November 7, 2008

प्रधानमंत्री ने ठुकराई न्यायिक जांच की मांग

दैनिक जागरण ७ नवम्बर २००८, नई दिल्ली। राजनीतिक विवादों से घिरी बटला हाउस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरी तरह ठुकरा दिया है। जबकि समाजवादी पार्टी और संप्रग के कुछ घटक ही नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज अल्पसंख्यक नेता भी इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग के लिए दबाव बना रहे थे। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राशिद अल्वी को दो टूक कह दिया कि बटला मुठभेड़ की फिर से जांच कराना संभव नहीं है।

बटला मुठभेड़ की आगे अन्य किसी तरह की जांच की मांग पर सरकार के शीर्षस्थ स्तर पर यह दो टूक घोषणा है। इस मुठभेड़ को लेकर करीब महीने भर से राजनीतिक विवाद चल रहा है।

बटला मुठभेड़ और मालेगांव में 2006 में हुए विस्फोटों की जांच में सीबीआई तथा महाराष्ट्र सरकार के रुख की शिकायत करने के लिए राशिद अल्वी ने बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान ही मनमोहन सिंह ने बटला मुठभेड़ की और आगे जांच नहीं किए जाने की बात कही।

राशिद अल्वी ने बताया कि बटला मुठभेड़ को लेकर चौतरफा उठ रही आवाजों का हवाला देते हुए जब उन्होंने न्यायिक जांच की मांग उठाई तो प्रधानमंत्री ने इसे खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री का कहना था कि 'इसकी अब आगे कोई जांच नहीं हो सकती।' गौरतलब है कि सपा, राजद, लोजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज अल्पसंख्यक नेता न्यायिक जांच की मांग की वकालत कर रहे थे।

जांच की मांग ठुकराए जाने पर अल्वी ने कहा कि वे निराश हुए हैं मगर हताश नहीं और प्रधानमंत्री को पुनर्विचार के लिए पत्र लिख रहे हैं। उनका तर्क है कि केन्द्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने मुठभेड़ को फर्जी बताया था और वे सरकार का हिस्सा हैं। ऐसे में मुठभेड़ की जांच एक बार करा लेने में हर्ज ही क्या है? अल्वी अब प्रधानमंत्री को मुंबई पुलिस द्वारा मारे गए बिहारी युवक राहुल राज का उदाहरण देंगे कि किस तरह बिहार के नेताओं की एकजुट आवाज सुनकर इसकी जांच कराई गई है।

कांग्रेस नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मालेगांव में दो साल पूर्व हुए विस्फोटों के बारे में सीबीआई और महाराष्ट्र सरकार के रवैये की शिकायतों पर गंभीरता से पड़ताल कराने का वादा किया। मालेगांव में संघ से जुड़े संगठनों की कथित आतंकी गतिविधियों के बारे में अल्वी ने प्रधानमंत्री को कुछ दस्तावेज भी सौंपे जिसमें यह बताया गया है कि दो साल पहले ही महाराष्ट्र सरकार को इसकी जानकारी मिल गई थी। सीबीआई को भी इस बारे में मालूम था। अल्वी के मुताबिक सीबीआई और राज्य सरकार ने इसे छिपाने की गलती क्यों और किसके इशारे पर की, इसकी सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा जांच होनी चाहिए।

Heidi Klum's 'Kali act' leaves Hindus fuming

Times of India, 5 Nov 2008,NEW YORK: Supermodel Heidi Klum's costume drama, resembling the Goddess 'Kali', at a Halloween party has enraged the Hindu leaders in America,
who are demanding a public apology from her.

The leaders feel that Klum should make a public apology for posing as a sacred figure in a party, a website reported.

Indian-American community leader Rajan Zed said, "Goddess Kali is highly revered in Hinduism and she is meant to be worshipped in temples and not to be used in clubs for publicity stunts or thrown around loosely for dramatic effect."

"Hindus welcome Hollywood and other entertainment industries to immerse themselves in Hinduism, but they should take it seriously and respectfully and not just use the religion for decorating or to advance their selfish agenda," Zad said in a statement.

Various other Hindu leaders, including Jawahar L Khurana from Hindu Alliance of India, and Bhavna Shinde of Hindu Janajagruti Samiti have also criticised Klum's act of posing like Goddess Kali in a Halloween party, calling it "denigrating", the website said.

Thirty-five-year-old supermodel is a self-proclaimed lover of Indian culture.

Klum had even invited a Hindu priest from Varanasi to renew her marriage vows to her singer husband Seal in a ceremony in Mexico in May.

आरएसएस नेता की हत्या से तनाव

बीबीसी, 06 नवंबर, २००८, उड़ीसा के तनावग्रस्त कंधमाल ज़िले में संदिग्ध माओवादियों ने बुधवार को हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हत्या कर दी.

हिंदूवादी नेता की हत्या के बाद वहाँ एक बार फिर से तनाव फैल गया है.

पुलिस के मुताबिक बुधवार को मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कुंभारीगाँव में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता धनु प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी.

आरोप

आरएसएस नेता के भाई आनंद प्रधान ने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या कुछ स्थानीय ईसाइयों ने की है. वहीं पुलिस का कहना है कि प्रधान की हत्या माओवादियों ने की है क्योंकी वे उनकी हिटलिस्ट में थे.

कंधमाल में हुई हिंदूवादी नेता हत्या और उसके बाद फैले तनाव को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने वहाँ गुरुवार से धारा-144 लागू कर दी है.

समाचार एजेंसियों को कंधमाल के पुलिस प्रमुख एस प्रवीण कुमार ने बताया कि स्थिति की समीक्षा होने के बाद धारा-144 हटा ली जाएगी.

प्रशासन का कहना है कि ज़िले में 30 सितंबर के बाद से हिंसा की कोई वारदात नहीं हुई है लेकिन बुधवार की घटना के बाद एक बार फिर तनाव फैल गया है.

कंधमाल में 23 अगस्त को कुछ अज्ञात लोगों ने एक आश्रम पर हमला किया था. इस हमले में विश्व हिंदू परिषद के नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती समते पाँच लोगों की मौत हो गई थी.

इसके बाद वहाँ हिंसा भड़क उठी थी. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और हज़ारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी थी.

राज्य में अभी भी हज़ारों लोग सरकारी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

Thursday, November 6, 2008

काटने के लिए ले जाये जा रहे दर्जन भर मवेशी बरामद

दैनिक जागरण, ४ नवम्बर २००८, प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली व कंधई थानों की पुलिस ने काटने के लिए ले जाये जा रहे दर्जन भर गाय व बछड़ों को बरामद किया है। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है। जबकि तीन लोग मौके से भाग निकले। पुलिस ने यह जानवर स्थानीय लोगों को सुपुर्दगी में दिया है।

बताया गया कि कंधई थाना क्षेद्द के रामपुर कुर्मियान गांव में जानवरों के कटने की सूचना पर पुलिस सक्रिय थी। सोमवार की भोर उक्त गांव में चार लोग दो गायों व छह बछड़ों को लेकर जा रहे थे। पुलिस ने उन लोगों को रोका तो वह भागने लगे। इस दौरान पुलिस सिर्फ एक व्यक्ति को पकड़ सकी। जबकि तीन मौके से भागने में सफल रहे। पकड़ा गया आरोपी थाना क्षेद्द के ही चक मुबारक पुर निवासी अनीस पुत्र मुहीद बताया गया। पुलिस ने गाय व बछड़ों को स्थानीय लोगों की सुपुर्दगी में देकर आरोपी को जेल भेज दिया।

इसी प्रकार पट्टी कोतवाली के दोनई ईट भट्ठें पर कुछ लोग एक टेम्पो से चार गाय व बछड़े ले जा रहे थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस यहां पहुंची तो जानवर ले जाने वाले लोग भागने लगे। पुलिस ने मौके से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह लोग दिलदार नगर गाजीपुर के निवासी लालमणि व कमलेश तथा बेसार बंधवा निवासी बसंत गिरि व अशोक कुमार बताये गये।

रामलीला के दौरान दो समुदाय में विवाद,15 के विरुद्ध मुकदमा

दैनिक जागरण, महराजगंज, 04 नवम्बर २००८। श्यामदेउरवा थाना के ग्राम बड़हरा बरईपार में सोमवार की रात रामलीला के दौरान शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया। दर्शक महिलाओं के बीच बोतल व पत्थर फेंकने तथा गांव के तिराहे के दक्षिण दुकानों में तोड़फोड़ के बाद गांव में तनाव पैदा हो गया। मुकामी पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में 15 ज्ञात एवं दर्जनों अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।

गांव में शनिवार को रामलीला शुरू हुई। रविवार की रात रामलीला के दौरान महिलाओं के पीछे एक समुदाय के करीब डेढ़ दर्जन शरारती तत्व आ खड़े हुए। रामलीला समिति के सदस्यों एवं ग्रामीणों ने उन्हे दूर बैठने का आग्रह किया जिस पर शरारती तत्वों ने उत्पात मचाना शुरू किया। मुकामी पुलिस तथा ग्रामीणों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो सका। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।

सोमवार की रात्रि करीब 10 बजे के आसपास पुन: दर्जनों की संख्या में शरारती तत्व रामलीला के दौरान महिलाओं के बीच पहुंच गये जिसे लेकर दर्शकों से उनकी झड़प हो गयी। शरारती तत्वों ने इसके बाद गांव कई घरों पर ईट पत्थर बरसाने शुरू कर दिए जिससे छ: लोगों को चोट आयी। बाद में पुलिस थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस के पहुंचने पर मामला नियंत्रण में आया। पुलिस ने घटना में घायल लोगों में से रमाकांत पुत्र राजन, राकेश पुत्र मुन्नीलाल, रामआशीष पुत्र कौलेशर, ज्वाला पुत्र हरीराम का उपचार एवं डाक्टरी परीक्षण कराया। 2 अन्य घायल केदार गुप्त एवं छेदी के पुत्र हैं।

पुलिस ने इस मामले में धारा 147, 148, 109, 294, 504,506, 336, 394 एवं 427 भा.द.वि में 15 नामजद एवं दर्जनों अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है।

महंगा पड़ा मदरसे में दबिश देना

दैनिक जागरण, ६ नवम्बर २००८, मुजफ्फरनगर। भोपा के गांव किशनपुर स्थित मदरसे में गोकशी की सूचना पर दबिश देने गई पुलिस को अब लेने के देने पड़ गये हैं। कप्तान ने दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और पूरी कार्रवाई को त्रुटिपूर्ण बताते हुए एसपी सिटी को जांच के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार की दोपहर भोपा पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना दी गयी थी कि गांव किशनपुर के मदरसे में गोकशी हो रही है। थाना पुलिस को गांव में जाकर दबिश देने को भी कहा गया था। इस सूचना पर भोपा पुलिस सक्रिय हुई और दबिश देने मदरसे में पहुंच गई, वहां एकजुट ग्रामीणों ने पुलिस का विरोध किया और उन्हें बैरंग वापस लौटने पर विवश कर दिया। इतना ही नहीं आसपास के मुस्लिम बहुल गांव में इस बात को लेकर आक्रोश फैल गया। बसपा के एक विधायक ने भी दबिश को गलत करार देते हुए कप्तान से आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर डाली। संप्रदाय विशेष की ओर से लगाए जा रहे धार्मिक उत्पीड़न के आरोप से शासन भी सकते में आ गया और रात में ही एसएसपी को त्वरित निदान के निर्देश मिले। ऊपर से आए आदेश के तहत एसएसपी ने रात में ही सीओ जानसठ को भेजकर इस मामले की जांच कराई। जांच में दो पुलिसकर्मियों सिपाही कृतपाल और एचसीपी होशियार सिंह की भूमिका संदिग्ध मिली। बुधवार को कप्तान ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया और एसपी सिटी से इस पूरे प्रकरण की जांच सौंप दी। एसएसपी बीडी पाल्सन ने बताया कि पूरी जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है। एसएसपी ने दावा किया है कि भोपा पुलिस ने अधिकारियों के आदेश के बगैर मदरसे में दबिश दी थी।

गोकशी का खुलासा, छह गिरफ्तार, दो कोल्ड स्टोर सील

दैनिक जागरण, ५ नवम्बर २००८, मेरठ। जिले में बड़े पैमाने पर हो रही गोकशी का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के छह लोगों को पकड़ने में सफलता हासिल की जो महीनों से परतापुर क्षेत्र में गोकशी का धंधा कर रहा था। पांच दिन पहले ही खेड़ा बलरामपुर गांव के जंगल में इसी गिरोह ने गायों को काटा था और माहौल को खराब करने की कोशिश की थी। इन गायों का मीट मेडिकल क्षेत्र के जिन दो कोल्ड स्टोरज में रखा गया था, उन्हें पुलिस ने सील कर दिया। पकड़े गए लोगों ने धंधे के पीछे कई बड़े लोगों का हाथ होना उजागर किया है। पुलिस उनकी तलाश में दबिशें दे रही है।

गायों का कटान करने वाले गिरफ्तार लोगों में काशी गांव के मैराज पुत्र रफीक, फुल्लू पुत्र मकसूद, फन्नू पुत्र रमजानी, मुन्ना पुत्र रफीक, मुजफ्फरनगर के पलड़ी गांव का अब्दुल्ला उर्फ अब्लू और किठौर का जमील अहमद उर्फ बबलू है। इनके कब्जे से चार औजार, चाकू और दो देसी तमंचे मिले हैं। इनमें से अब्दुल्ला और जमील पांच दिन पहले खेड़ा बलरामपुर गांव के बबूल के जंगल में गायों के कटान में शामिल थे, जबकि बाकी सभी अपने अपने गांवों में गायों को काटते रहे हैं और उन पर तमाम मुकदमे भी दर्ज हैं।

पुलिस लाइन में मीडिया से मुखातिब एसएसपी रघुवीर लाल ने बताया कि सरधना के मढियाई गांव का असगर बंजारा 30/31 की रात में कुछ साथियों के साथ डम्फर में 11 गाय और बछड़ों को खेड़ा बलरामपुर गांव के जंगल में लेकर आया था और वहीं साथियों के साथ कटान किया था। मांस और खाल को तो उन्होंने ट्रक में लाद लिया था, लेकिन दिन निकलने की वजह से सिर, खुर आदि वहीं छोड़कर चले गए थे। टाटा 407 के जरिये मांस व खाल को कलुवा पुत्र बाबू, आसिफ आदि शहर लेकर आये। गाड़ी राजा नाम का चालक चला रहा था। इस सभी माल को गढ़ रोड पर मेडिकल से आगे मुद्रा कोल्ड स्टोरेज पर पहुंचाया गया। यहां सरताज को माल दिया गया और उसे कांटे पर तुलवाया गया। एसएसपी ने बताया कि बाद में सरताज ने यह माल मुद्रा कोल्ड स्टोरेज को बेच दिया। यह कोल्ड स्टोरेज तौफीक इलाही और लियाकत इलाही का है। इस मांस को बेचकर 55 हजार रुपये मिले। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ में मालूम हुआ कि प्रतिबंधित मांस मुद्रा और यासीन कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता रहा है। इसलिए दोनों को सील कर दिया गया। साथ ही उनके मालिकों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें शुरू करा दी गई। उन्होंने बताया कि फिलहाल छह लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है और बीस अन्य की गिरफ्तारी को दबिशें दी जा रही हैं।

एसएसपी रघुवीर लाल ने यह भी बताया कि गोवध करने वाले गिरोह और उनके सदस्यों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। फिलहाल चार सक्रिय गिरोह प्रकाश में आये हैं। इनमें एक गिरोह दिल्ली का है। इन सभी पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मामले में कोई बेकसूर न फंसे, इसलिए कार्रवाई में जल्दबाजी नहीं की जाएगी, लेकिन जिन लोगों के भी नाम प्रकाश में आये हैं, उन पर रासुका के अलावा गैंगेस्टर के तहत संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे धधे से जुड़े लोगों को माफिया घोषित कर उनकी संपत्ति भी कुर्क होगी। इस मामले में कोई भी दबाव नहीं माना जाएगा। ऐसी घटनाओं में जिन पुलिस वालों की संलिप्तता होगी, उन पर भी कार्रवाई होगी। मीडिया से वार्ता के वक्त एसपी सिटी राकेश जौली और सीओ ब्रह्मापुरी मंशाराम गौतम भी मौजूद थे।

गोकसी अड्डे पर छापा, छुरी-मांस बरामद

दैनिक जागरण, ५ नवम्बर २००८, बकेवर (इटावा)। कस्बे के मोहल्ला हाफिज नगर के निकट नूरी मस्जिद के पास तीन बैलों को काटकर गौकसी के अड्डे पर पुलिस ने छापा मारकर मांस व छुरी बरामद कर लिया। चार लोगों के खिलाफ थाने में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।

पुलिस ने बताया कि रात्रि करीब 10 बजे मुखबिर के जरिये सूचना मिली कि नगर के मोहल्ला हाफिज नगर में स्थित नूरी मस्जिद के पास शमशुद्दीन के प्लाट में बैलों का कत्लेआम हो रहा है। जिस पर बकेवर एसओ वाईके पुनियां पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

उन्होंने मौके से बैलों का मांस और उन्हे काटने में प्रयुक्त होने वाली छुरी आदि औजार बरामद करने के साथ-साथ दो लोगों को भी हिरासत में लिया। बाद में पुलिस ने हिरासत में लिये गये दोनों कसाइयों को छोड़ दिया। गौवंशीय पशुओं की हत्या करके मांस बेचने के आरोप में एसआई बीएन सिंह ने मुकदमा पंजीकृत कराते हुए मोहम्मद इनाम कुरैशी, इकबाल, इरफान, गुलफाम को आरोपी बनाया है जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुलिस द्वारा छापा मारते ही यह चारों सिर पर गौमांस की पोटली रखकर भाग रहे थे। इन लोगों को टार्च की रोशनी में पहचाना गया।

नगर वासियों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में दो भाइयों को हिरासत में ले लिया था। बाद में पुलिस ने उन्हे सपा के कुछ दबंगों के इशारे पर छोड़ना पड़ा। पुलिस द्वारा कसाइयों को छोड़ जाने की घटना पर भाजपा लखना मंडल अध्यक्ष प्रभात महेश्वरी, भारत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पांडेय, भाजपा नेता बृजपाल सिंह चौहान, गगन सोनी, रानू श्रीवास्तव, आशुतोष दीक्षित, सुरेन्द्र पंडित ने आक्रोश व्यक्त कर थाना पुलिस के प्रति नाराजगी जताई है। पशु चिकित्सक डा. सुनील गुप्त के मांस परीक्षण के पश्चात उसके बिसरे को आगरा प्रयोगशाला में भेजा गया है। कस्बे में लंबे समय से गौकसी का धंधा संचालित हो रहा है।

Wednesday, November 5, 2008

गंगा ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित होगी: प्रधानमंत्री

04 नवम्बर 2008 , वार्ता, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित करने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहां जलसंसाधन पर्यावरण एवं वन और नगर विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने फैसला किया।

गंगा नदी में जलप्रवाह की मात्रा और गुणवत्ता जल के समुचित उपयोग, बाढ़ और प्रदूषण नियंत्रण के बारे में परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ‘गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ गठित करने का भी फैसला किया गया।

प्रधानमंत्री ‘गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ के अध्यक्ष और गंगा प्रवाह वाले राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य होंगे।

प्राधिकरण के अधिकार और कार्यक्षेत्र का निर्धारण राज्य सरकारों और मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श के आधार पर तय किए जाएंगे।

डॉ. सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए देशवासियों के दिल-दिमाग में गंगा के विशेष महत्व का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि गंगा के साथ भावनात्मक लगाव का तकाजा है कि इसे प्रदूषण मुक्त कर आदर्श नदी का रूप दिया जाए। उन्होंने गंगा से जुड़ी परियोजनाओं को लागू करने में आपसी तालमेल कायम किए जाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा क गंगा प्रदूषण परियोजना के तहत केवल कुछ नगरों को चुन कर टुकड़ों में काम करने की बजाय एक समग्र रणनीति बनाने और इसके क्रियान्वयन की प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है।

Tuesday, November 4, 2008

पूजा के दौरान पत्थर फेंकने को लेकर दो पक्षों में तनाव

दैनिक जागरण, रुद्रपुर (देवरिया), 03 नवम्बर २००८। एकौना थाना क्षेत्र के ग्राम सभा ईश्वरपुरा में दो समुदायों के बीच तनाव घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने गांव में चौकसी बढ़ा दी है।

दशहरा के अवसर पर पूजा के दौरान किसी व्यक्ति ने पत्थर फेंक दिया। जिसे लेकर दोनों समुदाय के बीच तनाव पैदा हो गया। जो घटने की बजाय बढ़ता ही गया। दोनों पक्ष के लोग रोजाना रात में एक दूसरे पर पत्थर फेंकने का आरोप लगा रहे हैं। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सोमवार को अपराह्न तीन बजे गांव में उपजिलाधिकारी रामानुज सिंह, क्षेत्राधिकारी रमेश प्रसाद गुप्ता व थानाध्यक्ष माधव राम गौतम ने दोनो समुदाय के लोगों के साथ बैठक कर माहौल को ठीक करने की रणनीति बनाई। इस संबंध में एस.डी.एम.श्री सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग मिलकर अराजक तत्वों को चिह्नित करें। जबकि सी.ओ.श्री गुप्त ने कहा कि दोनों समुदाय के पांच-पांच लोगों की समिति बनाई गई है। जो पुलिस के साथ मिलकर मामले का शीघ्र पर्दाफाश करेगी।