Wednesday, June 17, 2009

धर्म परिवर्तन के मामले में 226 लोगों के विरुद्ध मुकदमा

दैनिक जागरण, १६ जून २००९, अंबहेटा (सहारनपुर)। रविवार को धर्म परिवर्तन के मुद्दे को लेकर हुए बवाल के बाद दूसरे दिन कस्बे की स्थिति सामान्य रही। पुलिस ने 226 लोगों के विरुद्ध के मामला दर्ज किया है।

बार-बार अफवाहों के दौर चलने के बाद सोमवार को आम दिनों की तरह खुले, लेकिन चहल-पहल ज्यादा नहीं थी। देहात क्षेत्र के लोग बहुत कम संख्या में खरीदारी करने आए। घटना के बाद से ही कस्बे में पुलिस व पीएसी को तैनात कर दिया गया था, जो लगातार गश्त कर रही है।

कप्तान के निर्देश पर धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी लुकमान, जुलफान व फैजान के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं, पुलिस ने हंगामा करने के आरोप में दोनों पक्षों के 23 लोगों को नामजद व 200 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। एक पक्ष के अंबेहटा निवासी चरण सिंह आदि के अलावा 50 अज्ञात जबकि दूसरे पक्ष के अम्बेहटा निवासी इनामआदि के अलावा 150 अज्ञात लेगों पर मुकदमा कायम कर लिया है।

Tuesday, June 16, 2009

अस्थि विसर्जन के लिए भी वीजा नहीं

Dainik Jagran, 15 Jun 2009, नई दिल्ली, पाकिस्तान के कई श्मशान घाटों में सैकड़ों अस्थि-कलश तीन दशकों से भी अधिक समय से गंगा में विसर्जन के लिए रखे हुए है। वीजा जारी करने की कठिन प्रक्रिया के कारण इन अस्थियों को उनके परिजन भारत आकर गंगा में प्रवाहित नहीं कर पाते हैं।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के श्मशान घाटों में जिनकी अस्थियां रखी हैं, उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाए। मगर इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग तभी वीजा जारी करता है, जब आवेदक का कोई रिश्तेदार या जान-पहचान वाला हरिद्वार में हो। जाहिर है ऐसे लोग नगण्य हैं और वे वीजा के लिए बार-बार इस्लामाबाद आने-जाने का खर्च बर्दाश्त कर पाने में असमर्थ हैं। इस वजह से भारत का वीजा पाने के इंतजार में ही परिजनों के सालों गुजर जाते हैं।

ज्यादातर गरीब लोग तो सिंध नदी में ही अस्थि-कलश प्रवाहित कर देते हैं, लेकिन जो गंगा में प्रवाहित करना चाहते हैं वे वीजा के इंतजार में अस्थि-कलश संजोकर रखते हैं। सिंध के श्मशान घाट प्रशासन की सूचना के अनुसार सैकड़ों के करीब ऐसी अस्थि कलश वहां रखे हैं, जिनके बारे में अब यह पता लगाना भी कठिन हो गया है कि उनका संबंध आखिर किस परिवार से था? अधिकांश अस्थि-कलशों पर मृतक का नाम मिट चुका है।

गौरतलब है कि 1998 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान में लगभग 24 लाख 33 हजार हिंदू हैं और पिछले एक दशक में हिंदुओं की संख्या में वहां अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। सुप्रसिद्ध गांधीवादी निर्मला देशपांडे और सिंध के हिंदू परिषद की पहल से कुछ अस्थियों का तो विसर्जन संभव हुआ था, मगर यह प्रक्रिया आज भी आसान नहीं हो पाई है। इस वजह से पाकिस्तान के अधिकतर हिंदू भारत स्थित पवित्र तीर्थ स्थानों की यात्रा का सपना भी पूरा नहीं कर पाते हैं।

सूरत रेप केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में

CNBC-IBN,14 June 2009, सूरत। गुजरात के सूरत में पिछले दिनों एक किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म मामले के सभी तीन आरोपियों के खिलाफ अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। गुजरात सरकार ने रविवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।

इस मामले के तीनों आरोपियों में से शाहिद सैयाद और तारिक सैयाद पुलिसकर्मियों के बेटे हैं। इस मामले में तीसरा आरोपी अबू बक्र शेष नाम का युवक है।

विगत 12 जून को एक 17 वर्षीय छात्रा के साथ चलते वाहन में दुष्कर्म करने का तीनों पर आरोप है। एक स्थानीय अदालत ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को उम्रकैद दिए जाने की अनुशंसा की जाएगी। तीनों आरोपियों को जब अस्पताल में चिकित्सा जांच के लिए लाया गया था तो वहां मौजूद अग्र भीड़ ने तीनों आरोपियों की पिटाई कर दी थी।

इसी मामले में कथित तौर पर गलत बयान देने के कारण सूरत के पुलिस आयुक्त दीपक स्वरूप का शनिवार रात तबादला कर दिया गया था।

Saturday, June 13, 2009

कब्रिस्तान बताकर खोद दी गयी सड़क!

दैनिक जागरण, अम्बेडकरनगर, 12 जून २००९ : टाण्डा तहसील अन्तर्गत उतरेथू में कब्रिस्तान बताकर खोदी गयी सड़क को लेकर हिन्दू जागरण मंच ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा ने सड़क खोदकर क्षतिग्रस्त करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग जिलाधिकारी से की है। उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष के कतिपय लोग सड़क खोदने के बाद उल्टे डीएम से शिकायत कर दूसरों पर आरोप मढ़ा, जो जांच में शिकायत झूठी पायी गयी।

ज्ञात हो कि गत वर्ष ग्राम पंचायत निधि उतरेथू द्वारा कब्रिस्तान के बगल से एक कच्ची सड़क का निर्माण किया गया था। इस वर्ष उक्त सड़क की रिपेयरिंग करायी गयी। गत रात्रि में वर्ग विशेष के सैकड़ों लोग पाटी गयी सड़क को खोदकर फेंक दिये।

मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वर्मा ने कहा कि सड़क खोदने वाले जिलाधिकारी से झूठी शिकायत करते हुए प्रशासन को गुमराह करने का कार्य किया। अतिक्रमणकर्ताओं का आरोप था कि सड़क कब्रिस्तान की भूमि में जबरन पटायी गयी है। जिलाधिकारी मधुकर द्विवेदी ने एसडीएम टाण्डा को प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया। मौके पर एसडीएम टाण्डा, तहसीलदार, थानाध्यक्ष इब्राहिमपुर, राजस्व निरीक्षक व चार लेखपालों स्थल को पैमाइश किया तो सड़क कब्रिस्तान की भूमि में नहीं पायी गयी। जबकि ग्राम पंचायत निधि द्वारा पटायी गयी लगभग 500 मीटर सड़क को खोदकर नष्ट कर दिया गया।

दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ग विशेष के कतिपय भू माफिया अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हड़वार, खलिहान व आतिशबाजी की भूमि पर अवैध कब्जा जमाये हुए हैं। ग्रामवासी राजेश पाठक, सहदेव वर्मा व शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि सड़क खोदकर फेंक देने से हजारों रुपये राजस्व की क्षति हुई है। इसमें दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। ग्राम प्रधान उतरेथू रंजना देवी ने तहसील प्रशासन से ग्राम समाज की भूमि पर किए गए सभी अवैध कब्जों को शीघ्र ही हटवाये जाने की मांग की है। समझा जाता है कि इस दिशा में प्रशासन सक्रिय भी होगा।

Thursday, June 11, 2009

अमेरिकी हिंदू संगठन को मिला मुआवजा

दैनिक जागरण, १० जून २००९, वाशिंगटन। कैलिफोर्निया के शिक्षा बोर्ड पर मुकदमा करने वाले हिंदू अमेरिकी अभिभावकों के एक संगठन ने अदालत के बाहर समझौता हो जाने के बाद मामला वापस लेने का निर्णय किया है।

इस संगठन ने पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए बोर्ड के खिलाफ मामला दायर किया था। समझौते के बाद कैलिफोर्निया का शिक्षा विभाग और प्रांतीय शिक्षा बोर्ड कैलिफोर्निया पैरेंट्स फार द इक्वलाइजेशन आफ एजुकेशनल मैटेरियल्स [कापीम] को एक लाख 75 हजार डालर का मुआवजा देने को तैयार हो गया है।

कापीम ने अपने बयान में कहा कि कैलिफोर्निया का शिक्षा बोर्ड मुद्दे को स्पष्ट तरीके समझ गया है, इसलिए कापीम ने मुकदमे को और लंबा न खींचने का निर्णय किया है। प्रांत ने कापीम के साथ समझौता किया और स्वच्च्छिक तौर पर मुकदमा वापस लेने के बदले कापीम को एक लाख 75 हजार का जुर्माना देने का निर्णय किया है।

कापीम ने वर्ष 2006 में कैलिफोर्निया के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट की अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट अदालत में मुकदमा दायर किया था।

संगठन ने सार्वजनिक विद्यालयों की पाठ्यपुस्तकों में धार्मिक तथ्यों को शामिल करने की प्रक्रिया और साथ ही पाठ में धर्म के बारे में की गई टिप्पणी को चुनौती दी थी।

कापीम ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि हम कैलिफोर्निया प्रांत में रहने वाले अभिभावकों के समूह हैं। हमारे प्रांत की इतिहास और समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व के बारे में नकारात्मक तथ्यों पर हम गंभीर रूप से चिंतित हैं।

कापीम ने आरोप लगाया कि जहां ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म को उसमें आस्था रखने वाले लोगों के परिप्रेक्ष्य में पेश किया जाता है, वहीं हिंदुत्व को उसमें आस्था न रखने वाले लोगों के परिप्रेक्ष्य में पेश किया जाता है। इसने आरोप लगाया कि कैलिफोर्निया का शिक्षा विभाग और शिक्षा बोर्ड हिंदू चिंताओं को दूर करने में विफल रहा। हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव किया जा रहा है।

गोमांश सहित पुलिस के हत्थे चढ़ा एक गोकश, साथी फरार

दैनिक जागरण, ११ जून २००९, कानपुर देहात। अकबरपुर थाना क्षेत्र के बारा गांव में बुधवार को पुलिस ने छापा मारकर पचास किलो गोमांस सहित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उसका साथी भाग गया। पुलिस गोवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश कर रही है।

पुलिस के अनुसार बजरंग दल के प्रांतीय गोरक्षा प्रमुख अतुल दुबे की सूचना पर बारा चौकी प्रभारी नरेश सिंह ने पुलिस के साथ बारा गांव निवासी जाबिर के मकान में छापा मारा। पुलिस को देख जाबिर मौके से भाग गया जबकि बोरियों में गोमांस रखते अकबरपुर के इटैली मोहाल निवासी अरशद को पुलिस ने दबोच लिया। कोतवाल आरके पाराशर ने बताया कि पकड़े गये अरशद के पास से पचास किलो गोमांस बरामद हुआ है। गोवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जाबिर की तलाश की जा रही है।

Wednesday, June 10, 2009

वध के लिए जा रहे दो दर्जन गाय व बछड़े बरामद

दैनिक जागरण, १० जून २००९, प्रतापगढ़ । कंधई कोतवाली पुलिस ने गोकसी के लिए ले जाये जा रहे लगभग डेढ़ दर्जन गाय एवं बछड़ों को मुखबिर की सूचना पर बरामद किया है।

लगभग आठ लोग मंगलवार को गोकसी के लिए गाय एवं बछड़ों को लेकर कंधई ताला संपर्क मार्ग से जा रहे थे। इतनी बड़ी संख्या में पशुओं को ले जाते देख कर क्षेत्रवासियों को शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी कंधई कोतवाली पुलिस को दी।

सूचना पर कंधई पुलिस ने उन्हे मीसपुर के तरैया नाला के पास घेर लिया। मवेशियों को ले जा रहे आठ में से छह आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गये लेकिन दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एक अब्दुल सलाम और दूसरा दिलशाद है। सख्ती करने पर इन लोगों ने छह अन्य लोगों के नाम बताए। पुलिस ने आठ लोगों पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।

अब सरकार से नतीजे चाहते हैं मुसलमान

दैनिक जागरण, ९ जून २००९, नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मुसलमानों की तालीम और तरक्की, खासकर रोजगार के मौके दिलाने के वादे पर सरकार कितना खरा उतरेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन कांग्रेस और संप्रग के फिर से सत्ता में आने से उनकी आंखों में एक चमक जरूर दिखने लगी है। शायद यही वजह है कि वह अब अपने मसलों को और भी पुरजोर तरीके से उठाने लगे हैं। राज्यसभा में मुस्लिम सांसदों ने लगभग साफ तरीके से कौम की सूरत-ए-हाल बदलने की बात की, चाहे वह आरक्षण से या फिर बिना आरक्षण के हो।

मौका था राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद पर अंतिम दिन वह भी अंतिम दौर में का चर्चा का। शायद इत्तेफाक था कि तीन मुस्लिम सांसदों को सिलसिलेवार ढंग से एक के बाद एक बोलने का मौका मिला। अभिभाषण के विभिन्न मसलों पर तो उन्होंने अपनी बात तो रखी ही, लेकिन कौम की दिक्कतों और भविष्य की जरूरतों पर उन्होंने खासतौर से सरकार का ध्यान खींचा।

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य मो. अदीब ने अपने तजुर्बे और मांगों का इजहार कुछ यूं किया। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद गिरने के बाद मुसलमानों ने कांग्रेस को छोड़ा तो छोटी पार्टियों ने उन्हें कंधा दिया। जाति-पाति की राजनीति की। भाजपा का डर दिखाया और वोट लिया, लेकिन उनकी तरक्की की कोई ठोस योजना नहीं बनाई। पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग 20-25 साल बाद मुसलमानों ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन भाजपा के जीतने के डर से नहीं, बल्कि काम की वजह से। लिहाजा अब अल्पसंख्यकों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और उनकी तरक्की की व्यापक योजनाएं बननी चाहिए।

मो.अदीब के बाद पश्चिम बंगाल से निर्दलीय सदस्य अहमद सईद मलिहाबादी ने कहा कि मुसलमान इस देश का दूसरा सबसे बड़ा बहुसंख्यक है। पिछली सरकार में सच्चर की रिपोर्ट पर कार्यक्रम बनाने में ही समय बीत गया। इसलिए अब मौका आया है तो मुसलमानों को खैरात नहीं, बल्कि उनका हक मिलना ही चाहिए और जब तक आरक्षण नहीं देंगे, लोग उसे उन्हें उनका हक देने नहीं देंगे।

रालोद के महमूद मदनी ने भी इसी सिलसिले को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि 60 साल से मुसलमानों को नजरअंदाज किया गया। मुल्क को बदअमनी से बचाना है, तो जो भी यहां रहते हैं, उन्हें एक साथ आना होगा। सभी को समान अवसर दिए मुल्क एक नहीं बन सकता। संविधान यदि मजहब के नाम पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता तो मुसलमानों को पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण दीजिए। उन्होंने सवाल उठाया कि समान अवसर आयोग की सिफारिश करने वाली रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट आखिर संसद में क्यों नहीं पेश की गई।

आठ कुंतल गोमांस बरामद, तीन पकड़े

दैनिक जागरण, १० जून २००९, कैराना (मुजफ्फरनगर)। पुलिस ने खुरगान बाईपास तिराहे पर छापा मारकर दो कारों से करीब आठ कुंतल गोमांस बरामद किया तथा मुठभेड़ के बाद तीन लोगों को धर दबोचा।

प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र कुमार चतुर्वेदी के नेतृत्व में एसएसआई योगेन्द्र पाल ने पुलिस टीम के साथ मुखबिर की सूचना पर बाईपास खुरगान तिराहे से दो मारुति कारों को रोका तो उसमें लगभग आठ कुंतल गोमांस भरा हुआ था। इस दौरान कार रुकने के बाद उसमें बैठे हुए लोग पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने लगे, लेकिन प्रभारी निरीक्षक व एसएसआई ने उक्त लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गये लोगों में सलीम पुत्र शरीफ निवासी गढ़ीपुख्ता, जाहिद पुत्र मुंशी निवासी बोढ़पुर थाना गंगोह तथा वासिद पुत्र जबरदीन निवासी खुरगान थाना कैराना को एक तमंचा व छूरी के साथ बंदी बना लिया, जबकि दो लोग भागने में सफल हो गए। प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले में और कई नाम सामने आए हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक गोमांस हरियाणा से लाया जा रहा था।

Saturday, June 6, 2009

सिख युवती के निकाह पर बवाल

दैनिक जागरण, ६ जून २००९, सहारनपुर। घर से भागकर और फिर धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवक से निकाह रचाने वाली सिख युवती के परिजनों ने कुछ वकीलों और हिंदूवादी संगठनों के साथ मिलकर सिविल कोर्ट में जबरदस्त बवाल किया। पुलिस और अफसरों की मौजूदगी में जमकर तोड़-फोड़ हुई। परिजन लड़की को जबरन उठाकर ले जाने पर आमादा थे, पुलिस ने बमुश्किल लड़की को सुरक्षित निकालकर अन्यत्र भेजा। बाद में कोर्ट ने सिविल कोर्ट में उपद्रव का कारण बनी दीपिका जौली उर्फ सारिया अंजुम को कड़ी सुरक्षा में वहीं वापस भेजने के निर्देश दिये, जहां से वह आयी थी।

घटनाक्रम के मुताबिक देवबंद के मोहल्ला किला निवासी विजय कुमार जौली की पुत्री दीपिका जौली 25 मार्च को पड़ोस के युवक जिया उल्ला खां के साथ घर से भाग गयी थी। इस मामले में 27 मार्च को विजय ने दीपिका को बहला-फुसला कर भगाने की रिपोर्ट जिया के खिलाफ दर्ज करायी। इस दौरान दीपिका ने धर्म परिवर्तन कर जिया से निकाह कर लिया और हाईकोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को यहां सीजेएम कोर्ट में बयान दर्ज कराने के वास्ते आयी थी। इसी दौरान उसके परिजनों को जानकारी हुई तो उन्होंने दोपहर 12 बजे सिविल कोर्ट में कुछ अधिवक्ताओं तथा हिंदूवादी नेताओं के साथ मिलकर वह अधिवक्ता जांनिसार के चैंबर पर बैठी दीपिका जौली उर्फ सारिया अंजुम को घसीटना चाहा। इसी दौरान वहां पुलिस फोर्स पहुंच चुकी थी। दीपिका ने खुद को चैंबर में बंद कर लिया तो परिजनों ने फोर्स की मौजूदगी में वकील का चैंबर तोड़ डाला।

बवाल बढ़ता देखकर पुलिस अफसरों ने सुरक्षा घेरे में लड़की को पिछले दरवाजे से बाहर निकाला तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया। यहां पुलिस अफसरों और सिपाहियों से हाथापाई हुई। वकीलों ने पुलिस वाहन को तोड़ने का भी प्रयास किया। बहरहाल पुलिस दीपिका लेकर निकल गयी तो वकीलों और हिंदूवादी संगठनों ने सिविल कोर्ट तिराहे पर जाम लगा दिया।

बाद में कोर्ट ने कोर्ट ने सिविल कोर्ट में उपद्रव का कारण बनी दीपिका जौली उर्फ सारिया अंजुम को कड़ी सुरक्षा में वहीं वापस भेजने के निर्देश दिये, जहां से वह आयी थी। कोर्ट ने पुलिस की वह अर्जी भी ठुकरा दी जिसमें शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए दीपिका को नारी निकेतन भेजने की मांग की गयी थी।