Monday, April 19, 2010

धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास में तीन युवक हिरासत में

Dainik Jagran, खड्डा (कुशीनगर), 18 अप्रैल। खड्डा थाना क्षेत्र के ग्रामसभा गैनही जंगल में रविवार को आयोजित समारोह में प्रभु यीशु का संदेश सुनाकर ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने के प्रयास में लगे तीन युवकों को मुकामी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए युवकों से पूछताछ जारी है जिनमें दो नेपाल के बताये गये है।

पुलिस के अनुसार ग्राम सभा गैनही जंगल निवासी मंगरू पुत्र चोकट व केदार पुत्र बुचई के घर नेपाल से आये विश्वनाथ पुत्र निधुर निवासी गोपीगंज जमुनिया ग्रा.वि.प. व सवरू पुत्र बच्चन प्रभु यीशु की प्रार्थना करा रहे थे। इससे पहले उन्होंने बाईबिल साहित्य को समझा कर उपस्थित जगदीश राजभर पुत्र सदरी, शिव सागर वर्मा पुत्र झगरू वर्मा, रामचन्दर यादव पुत्र लक्ष्मी यादव, हीरालाल वरेण पुत्र सुन्दर वरेण सहित अन्य ग्रामीणों को प्रभु यीशु के मंत्रों से अभिमंत्रित जल को पिला कर सारे रोगों से छुटकारा दिलाने की बात भी कही। इसी बीच कार्यक्रम की सूचना पाकर कई हिन्दू नेता मौके पर पहुंच गये और दोनों युवकों को पकड़ लिया। कुछ देर बाद एसपी लव कुमार के निर्देश पर थानाध्यक्ष खड्डा देवेन्द्र सिंह पहुंच गये तथा युवकों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने इसके पास से 100, 500 के नेपाली नोट, मोबाइल व ईसाई साहित्य बरामद किये। पूछताछ के बाद खड्डा पुलिस ने गैनही ग्राम निवासी अशोक चौधरी को भी हिरासत में ले लिया।

थानाध्यक्ष खड्डा देवेन्द्र सिंह ने कहा कि कि इस गांव में गरीबी और अशिक्षा ज्यादा है, जिसके चलते उन्हे अभी यह पता नहीं है कि कोई उनके धर्म परिवर्तन के लिए प्रभावित कर रहा है। रही बात कानून की तो भारत में कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार प्रसार कर सकता है। जब तक हमें किसी व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराये जाने की तहरीर नहीं मिलती, हम कुछ भी नहीं कर सकते।

Saturday, July 25, 2009

हिंदू होने का खामियाजा भुगत रहे हैं कनेरिया

I B N ७ , २४ जुलाई २००९ नई दिल्ली। 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाएं खिचीं। जहां भारतीय समाज के हर पहलू में धर्मनिरपेक्षता को सलीके के साथ पिरोया गया वहीं पाकिस्तान उग्रवाद और अलगाववाद के रास्ते पर चलता गया। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं जहां भारत में मंसूर अली खान पटौदी से लेकर मोहम्मद अजहरुद्दीन कामयाब कप्तान में शुमार हुए, वहीं पाकिस्तान में यूसुफ योहाना से लेकर दानिश कनेरिया के साथ जो कुछ हुआ उससे कई सवाल उठते हैं।
दानिश कनेरिया मौजूदा समय में पाकिस्तान टीम के सबसे कामयाब स्पिनर हैं लेकिन हर समय टीम से अंदर-बाहर होते रहते हैं। दरअसल मुस्लिम टीम में इकलौते हिंदू होने की कीमत कनेरिया को चुकानी पड़ रही है। पाकिस्तानी क्रिकेट में इस मुद्दे पर हमेशा खामोशी रही है लेकिन आईबीएन 7 को मिली जानकारी के अनुसार कनेरिया खुद इस भेद-भाव से अक्सर परेशान रहते हैं। वो चाहकर भी न तो इसकी आलोचना कर सकते हैं और न ही कुछ कह सकते हैं।
टेस्ट क्रिकेट में लगातार अच्छा खेल दिखाने के बावजूद कनेरिया को कभी भी वन-डे क्रिकेट में ज़्यादा मौके नहीं दिये गए और ना ही कभी उन्हें टी-20 के लायक समझा गया। भारत में खेल की दुनिया में धर्म बेमानी रहा है मंसूर अली खां पटौदी से लेकर मोहम्मद अजहरुद्दीन तक टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं। यहीं नहीं जहीर खान, मुनाफ पटेल, पठान भाइयों को कभी भी इस मुल्क में धोनी या सहवाग से कम मौका नहीं मिलता।
सवाल सिर्फ कनेरिया का नहीं है। पूर्व पाकिस्तानी विकेट कीपर अनिल दलपत को भी ज्यादा मौके नहीं मिले। यहां तक कि पिछले एक दशक में पाकिस्तान के सबसे कामयाब बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ को भी इसका खामियजा भुगतना पड़ा। मोहम्मद यूसुफ बनने से पहले ये जनाब यूसुफ योहाना थे। लेकिन, पाकिस्तान में जितनी मुश्किल एक हिंदू को होती है उतनी ही कठिनाई क्रिश्चियन खिलाड़ी को भी होती है। मो. यूसुफ को कभी कप्तानी नहीं मिली। माना जाता है कि इसका कारण उनका क्रिश्चियन होना था?
दानिश कनेरिया पाकिस्तान में जाने-माने अल्पसंख्यक क्रिकेटरों में से एक हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने तो यहां तक कहा था कि अगर वो कप्तान होते तो कनेरिया को हर फॉर्मेट में खिलाते। लेकिन इसके बावजूद कनेरिया पाकिस्तान टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं।

Thursday, July 23, 2009

छोड़ आए जलालत का देश

दैनिक भास्कर, २२ जुलाई २००९, अटारी बार्डर. पाकिस्तान के तालिबान प्रभावित इलाकों से हिंदू-सिखों का पलायन जारी है। इसका मुख्य कारण उन पर ढाए जाए रहे जुल्म व बहू-बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ है। जो सामथ्र्यवान हैं, वह तो भारत की तरफ भाग कर आ रहे हैं और जो नहीं हैं, वे परिस्थितियों का शिकार हो रहे हैं। तालीबानी कहर का शिकार एक हिंदू परिवार अटारी बार्डर के माध्यम से भारत पहुंचा। यह परिवार सिंध प्रांत के लरकाना जिले का रहने वाला है।
परिवार के चार सदस्य सुरेश कुमार (50), कंचन (45), प्रिया (21) व प्रत्यक्ष (13) वर्ष शामिल हैं। परिवार के मुखिया सुरेश कुमार व उनकी पत्नी कंचन ने बताया कि उनका वहां पर अच्छा-खासा कारोबार है, लेकिन तालिबानी आतंकियों के कारण सब तबाह हो गया है। कंचन के अनुसार वह परिवार सहित पुणो में रहने वाले अपने भाई के पास शरण लेने आए हैं। उनका भाई दो साल पहले उन्हीं की तरह से हिंदोस्तान आ गया था।
सुरेश कुमार के अनुसार पाक सरकार कुछ भी कहे, लेकिन सिंध जैसे इलाके में हिंदू-सिखों की हिफाजत करने को कोई तैयार नहीं है। उनकी संपत्ति तो लूटी ही जाती है, बल्कि दिन-दहाड़े उनकी बहू-बेटियों को भ उठा लिया जाता है। कंचन का कहना है कि वह लोग अपनी संपत्ति तो गवां ही चुके हैं, लेकिन बेटी की इज्जत नहीं गंवाना चाहते। इसलिए वे भारत की शरण में आए हैं।
सुरेश व कंचन ने बताया कि उनके लिए बच्चे ही दौलत हैं। वह उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते। इज्जत रहेगी तो धन-दौलत फिर से आ जाएगी। इन लोगों का कहना है कि भारत की शरण में आए हैं, वह चाहे तो रखे या फिर मार दे, लेकिन वह पाक जैसे जलालत भरे देश नहीं लौटेंगे। हिंदोस्तान की मिट्टी में मिल जाने में ही भलाई समझेंगे।
छात्राओं को उठा ले गए तालिबानी
प्रिया ने बताया कि उसने इस साल 12वीं क्लास में दाखला लेना था। इसी बीच जो हादसा हुआ उसने उन सबकी चैन छीन लिया। प्रिया के अनुसार उसी की क्लास की तीन सहेलियां पूनम, सपना और कोमल थीं। रोज की तरह वह लोग साथ-साथ स्कूल जाया करती थीं। एक दिन वह साथ नहीं गई और उसी दिन तालिबानी आतंकियों ने उनको रास्ते से जबरन उठा लिया। पहले तो उनके साथ दुष्कर्म किया फिर उनसे जबरन निकाह करके उनको अपनी बीवी बना लिया। परिवार वालों ने बेटियों को बचाने के लिए काफी भागदौड़ की, लेकिन उनको भी जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया गया।

गौकश दबोचा, धुनाई कर पुलिस को सौंपा

दैनिक जागरण, १५ जुलाई २००९, आगरा। डौकी के गांव मेद का नगला में ग्रामीणों ने एक गौकश को दबोच जमकर मरम्मत करने के बाद पुलिस को सौंप दिया। आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई को लेकर भीड़ काफी देर तक थाने पर जमी रही।
घटनाक्रम के अनुसार, बताया जाता है कि सुबह नगला मेद, डौकी निवासी डौकी ओमप्रकाश पुत्र भगवानदास ने मैक्स गाड़ी में दो गायों को लादकर गौकशी के लिए आगरा भेज दिया। शक होने पर आसपास क्षेत्र के लोगों ने ओमप्रकाश को घर से दबोच लिया। जानकारी होने पर विश्व हिंदू परिषद के जिलामंत्री अशोक लवानियां तथा बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक मुकेश दीक्षित भी मौके पर पहुंच गये। आक्रोशित हिंदूवादियों और क्षेत्रीय ग्रमाीणों का कहना था कि ओमप्रकाश गौकशी के लिए आगरा गाय भेजता है। उसकी जमकर मरम्मत करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया। थाने पर जमा भीड़ ने पुलिस से आरोपी को गैंगस्टर में निरुद्ध करने की मांग की। थानाध्यक्ष द्वारा कार्यवाही का आश्वासन देने पर भीड़ वहां से हटी।

गौ वंश की हत्या के रोषस्वरूप बंद का ऐलान

दैनिक जागरण, १२ जुलाई २००९, बठिंडा-विगत दिवस समीपवर्ती मंडी डबवाली में गौ वंश की हत्याओं से उद्वेलित हुए हिंदू संगठनों ने मंगलवार, 14 जुलाई को बठिंडा बंद का ऐलान किया है।
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल समेत विभिन्न हिंदू संगठनों ने रविवार शाम को एक हंगामी बैठक कर इस कुकर्म की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए सरकार की नीतियों के प्रति रोष जताया। उन्होंने बताया कि गौ वंश के हत्यारों को कड़ाई से न निबटने की वजह से ही इनके हौसले बुलंद है और वे निर्ममतापूर्वक हिंदू की मां गऊ का वध कर अपना व्यापार चला रहे है।
विगत दिवस भी लोगों की सक्रियता से ही गौ वंश हत्यारों के गैंग का खुलासा हुआ जिसके पास से तीन दर्जन गऊओं की लाशें बरामद हुई। विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुखपाल सिंह सरां ने कहा कि जिसे प्रत्येक हिंदू अपने मां के समान पूजा करता है, उसे चंद लोग रुपयों की खातिर बलि पर चढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला रुकने वाला नहीं जब तक कि समूह जनता ऐसे तत्वों के खिलाफ एकजुट नहीं होती।
उन्होंने प्रशासन से गौ वंश के हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए ऐलान किया कि समूह संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के अनुसार 14 जुलाई को बठिंडा बंद किया जाएगा जिसमें उन्होंने लोगों से गौ माता के प्रति अपनी धार्मिक आस्था रखते हुए इस बंद में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने सरकार व प्रशासन से अपील की कि ऐसे अपराधियों को कम से कम दस साल की सजा हो, वहीं गाय माता को धार्मिक प्राणी घोषित किया जाए ताकि कोई व्यक्ति गौ वध करने का दुस्साहस न कर सके।

शिवलिंग क्षतिग्रस्त किये जाने से तनाव

दैनिक जागरण, २३ जुलाई २००९, लावड़ (मेरठ)। ग्राम चिंदौड़ी में मंगलवार रात प्राइमरी स्कूल स्थित शिवलिंग व वहां रखी मूर्ति को अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये जाने से गांव में आक्रोश फैल गया। घटना की जानकारी पाकर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गये। गांव में तनाव की जानकारी पाकर एसपी देहात, एसडीएम व सीओ कई थानों की फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा दोषी का पता लगाकर कड़ी कार्रवाई किये जाने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत किया। उन्होंने शिवलिंग की दोबारा स्थापना करायी।
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम चिंदौड़ी के प्राइमरी स्कूल स्थित शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग व गणेश जी की मूर्ति रात में अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दी। घटना का बुधवार सुबह पता तब चला जब मंदिर की देखरेख करने वाला ग्रामीण जितेन्द्र वहां पहुंचा। घटना से गांव में रोष फैल गया तथा काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गये।
घटना की जानकारी पाकर थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह चौहान फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। एसपी देहात शरद सचान, सीओ सत्यपाल सिंह व एसडीएम सरधना सतीश पाल भी फलावदा व दौराला पुलिस के साथ वहां पहुंचे।
एसपी देहात शरद सचान व एसडीएम सतीश पाल ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया तथा दोषियों का पता लगाकर कड़ी सजा दिलाने के आश्वासन दिया। बाद में ग्रामीणों से बातचीत के पश्चात अधिकारियों ने शिवलिंग को यथा स्थान पर स्थापित कराया। सीओ सत्यपाल सिंह ने बताया कि फिलहाल किसी ग्रामीण ने रिपोर्ट दर्ज नही करायी है। गांव में स्थिति शांतिपूर्ण है, इसलिए एक दरोगा व आधा दर्जन सिपाहियों तैनात किये हैं।

Saturday, July 11, 2009

छात्रा को भगाने के मामले में दो समुदायों में तनाव

दैनिक जागरण, ११ जुलाई २००९, एटा। सहावर थाना क्षेत्र में छात्रा को नामजद आरोपी भगा ले गये। घटना के बाद दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। जबकि पुलिस ने नामजद आरोपियों के विरुद्ध अभियोग दर्ज कर छात्रा की बरामदगी के प्रयास शुरू कर दिये है।

घटनाक्रम के अनुसार सहावर के मोहल्ला काजी निवासी खालिद पुत्र बाबू खाँ कस्बे में टेलरिंग का कार्य करता है। साथ ही कपड़ों पर कढ़ाई आदि के कार्य भी मजदूरी पर कराता है और इस कार्य के सिलसिले में खालिद का सहावर थाना क्षेत्र के ग्राम बोंदर में आना-जाना था और इसी आने-जाने के क्रम में खालिद का गाँव बोंदर में राकेश (नाम काल्पनिक) के घर में भी आना-जाना शुरू हो गया था। इसी दौरान खालिद की आंख राकेश की तकरीबन 16 वर्षीय युवती से लड़ गई।

उक्त युवती 4 जुलाई को प्रात: करीब 10 बजे अपनी दादी के साथ कुछ सामान खरीदने सहावर आई थी कि तभी सहावर स्थित बोंदर वाली पुलिया पर राकेश की माँ कुछ सामान खरीदने लगी कि इसी दौरान खालिद अपने साथियों के साथ आया और राकेश की उक्त पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। मामले की जानकारी होने पर पहले तो परिजनों ने अपने स्तर से ही पुत्री को तलाशा, किन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद भी उसका पता नहीं चला तो घटना की तहरीर खालिद, आसिफ पुत्रगण बाबू खाँ तथा खालिद की अविवाहित बहन सहित शाब व जमीर के विरुद्ध थाना पुलिस को तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश में दविशें दी, किन्तु पुलिस की दविश से पूर्व ही नामजद आरोपी घर से फरार हो गए।

चूंकि उक्त प्रकरण दो समुदायों के मध्य का है फलत: प्रकरण को लेकर गाँव बोदर में दो समुदायों के मध्य तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसकी धमक कस्बा सहावर तक आ पहुंची है और समझा जाता है कि उक्त प्रकरण में पुलिस को शीघ्र ही कोई सफलता नहीं मिली तो सहावर क्षेत्र में दो समुदायों के मध्य बवाल भी हो सकता है।

Friday, July 10, 2009

मंदिर क्षतिग्रस्त करने के विरोध में बंद रहे नेपाल के प्रमुख कस्बे

दैनिक जागरण, बढ़नी (सिद्धार्थनगर), 08 जुलाई २००९ । पड़ोसी मुल्क नेपाल में मंदिर तोड़ने व पुजारी की पिटाई के विरोध में कपिलवस्तु जिले के बाजार बुधवार को बंद रहे। इसे लेकर भारतीय सीमाई क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। अंत में आंदोलनकारियों ने सीडीओ कपिलवस्तु को ज्ञापन सौंपा।

आंदोलनकारियों का आरोप था कि पखवारे भर दो अज्ञात नागरिकों ने ग्राम गुगौली में एक पुराने मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा पुजारी को मारा पीटा। उन्होंने इसकी सूचना कपिलवस्तु पुलिस को दी थी, मगर अभी तक कोई कार्रवाई संभव नहीं हो सकी। इसके विरोध में बुधवार को विश्व हिन्दू महासंघ के पश्चिम सुदूर संगठन अध्यक्ष तथा अन्तर्राष्ट्रीय सदस्य शिव नारायण गिरी, सचिव सुधीर चौधरी, जिलाध्यक्ष डा.ब्रजेश कुमार गुप्ता, प्रेम चन्द्र शुक्ला, अजय थापा आदि लोगों ने विश्व हिन्दू महासंघ द्वारा बुधवार को जिला कपिलवस्तु बंद का आह्वान किया, जिसमें चनौटा, बहादुरगंज, तौलिहवा, कृष्णानगर कस्बे की सभी दुकानें शाम 5 बजे तक बंदी रहीं। इस दौरान स्थानीय बढ़नी चौकी में भी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त रहे। अंत में सीडीओ कपिलवस्तु को आंदोलनकारियों ने प्रकरण से संबंधित ज्ञापन सौंपा। थानाध्यक्ष रमेश हमराहियों के साथ समय-समय पर स्थिति का जायजा लेते रहे।

इस संबंध में बढ़नी के हियुवा नगर अध्यक्ष सुनील अग्रहरि ने नेपाल के युवा वर्ग से अनुरोध किया कि मित्र राष्ट्र नेपाल में शांति की जरूरत है। इसलिए सभी शांति बनाये रखने में सहयोग दें।

Thursday, July 9, 2009

नॉनवेज बर्गर पर लक्ष्मी की फोटो का विरोध

IBN ख़बर, ८ जुलाई २००९, वॉशिंगटन। अमेरिका में रह रहे हिंदुओं ने मांग की है कि अमेरिकी फूड चैन बर्गर किंग द्वारा विज्ञापन में इस्तेमाल की गई देवी लक्ष्मी की आपत्तिजनक तस्वीर हटाई जाए। इस सिलसिले में स्थानीय हिंदू संगठन ने कहा कि विज्ञापन में देवी लक्ष्मी की तस्वीर का इस्तेमाल आपत्तिजनक है और इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

वॉशिंगटन के एक हिंदू-अमेरिकन फाउंडेशन ने बताया कि बर्गर किंग ने अपने विज्ञापन को स्पेन में भी रिलीज किया है। जिसमें ये दिखाया गया है कि देवी लक्ष्मी नॉनवेज सैंडविच के ऊपर बैठी हुईं हैं औऱ साथ ही स्पैनिश में एक फ्रेज भी लिखा है। जिसमे कहा गया है कि ‘एक स्नैक जो पवित्र’ है।

फाउंडेशन के कानूनी सलाहकार औऱ प्रबंध निदेशक के मुताबकि बर्गर किंग ने इस पवित्र साबित करने के लिए देवी लक्ष्मी की तस्वीर का इस्तेमाल जान बूझकर अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए किया है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने मंगलवार को एक पत्र के जरिए बर्गर किंग को अपनी आपत्ति जता दी। जबकि बर्गर किंग ने फिलहाल इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

उधर, स्पेन में भी हिंदुओं ने बर्गर किंग के सभी विज्ञापनों को हटाने की मांग की है। इस सिलसिले में स्पेन के फ्यूनगिरोला में स्थानीय स्तर पर हिंदुओं को काफी हद तक सफलता भी मिली है।

हालांकि अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि विज्ञापन कितने देशों में रिलीज किया गया है।

नॉनवेज बर्गर पर लक्ष्मी की फोटो का विरोध

IBN ख़बर, ८ जुलाई २००९, वॉशिंगटन। अमेरिका में रह रहे हिंदुओं ने मांग की है कि अमेरिकी फूड चैन बर्गर किंग द्वारा विज्ञापन में इस्तेमाल की गई देवी लक्ष्मी की आपत्तिजनक तस्वीर हटाई जाए। इस सिलसिले में स्थानीय हिंदू संगठन ने कहा कि विज्ञापन में देवी लक्ष्मी की तस्वीर का इस्तेमाल आपत्तिजनक है और इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

वॉशिंगटन के एक हिंदू-अमेरिकन फाउंडेशन ने बताया कि बर्गर किंग ने अपने विज्ञापन को स्पेन में भी रिलीज किया है। जिसमें ये दिखाया गया है कि देवी लक्ष्मी नॉनवेज सैंडविच के ऊपर बैठी हुईं हैं औऱ साथ ही स्पैनिश में एक फ्रेज भी लिखा है। जिसमे कहा गया है कि ‘एक स्नैक जो पवित्र’ है।

फाउंडेशन के कानूनी सलाहकार औऱ प्रबंध निदेशक के मुताबकि बर्गर किंग ने इस पवित्र साबित करने के लिए देवी लक्ष्मी की तस्वीर का इस्तेमाल जान बूझकर अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए किया है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने मंगलवार को एक पत्र के जरिए बर्गर किंग को अपनी आपत्ति जता दी। जबकि बर्गर किंग ने फिलहाल इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

उधर, स्पेन में भी हिंदुओं ने बर्गर किंग के सभी विज्ञापनों को हटाने की मांग की है। इस सिलसिले में स्पेन के फ्यूनगिरोला में स्थानीय स्तर पर हिंदुओं को काफी हद तक सफलता भी मिली है।

हालांकि अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि विज्ञापन कितने देशों में रिलीज किया गया है।