धमाकों में देसी बमों का इस्तेमाल किया गया। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विस्फोटों के पीछे प्रतिबंधित संगठन सिमी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का हाथ हो सकता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने धमाकों की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री ने मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने इस घटना को राज्य की शांति को प्रभावित करने का प्रयास बताया। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उधर, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी विस्फोटों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह आतंकवाद के प्रति संप्रग सरकार की नरम नीति का नतीजा है।
पुलिस ने बताया कि विस्फोट मडीवाला, अडुगोडी, नयनदाहाल्ली, मैसूर रोड, रिचमंड सर्किल, पंथारापाल्या और विट्ठल माल्या रोड पर हुए। मडीवाला के बस स्टैंड पर पति के साथ बस का इंतजार कर रही एक महिला श्रीमती श्रीरवि की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में महिला का पति रवि और पुत्र घायल हो गया। विस्फोट के पांच मिनट बाद एक अन्य विस्फोट अडुगोडी इलाके में हुआ जहां एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।
बेंगलूर के पुलिस आयुक्त शंकर एम बिदारी ने बताया कि एक बम विस्फोट फुटपाथ पर हुआ। विस्फोटों को अंजाम देने के लिए शक्तिशाली विस्फोटक और मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया। फोरेंसिक विशेषज्ञ और बम निरोधक दस्ता तुरंत मौके पर पहुंच गया और पुलिस ने इलाकों में नाकेबंदी कर दी। विस्फोटक सामग्री में नट और बोल्ट भी थे। उन्हें शरणार्थी शिविरों के पास और सड़क किनारे छिपाकर रखा गया था। उन्होंने बताया कि दो जगहों के अलावा विस्फोटों में कम तीव्रता वाली विस्फोटक सामग्री इस्तेमाल की गई। विस्फोट कुछ मिनटों के अंतराल पर हुए। पुलिस को एक विस्फोट स्थल से जिलेटिन की छडें़ भी मिली हैं।
राज्य की पंचायतराज मंत्री राजशोभा करनदलाजे ने एक विस्फोट स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने इन विस्फोटों की निंदा करते हुए कहा कि सरकार लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाएगी। एक अन्य विस्फोट स्थल पर गए राज्य के सूचना मंत्री कट्टा सुब्रमण्यम नायडू ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो राज्य सरकार शहर में अद्धसैनिक बलों की तैनाती पर विचार करेगी।(दैनिक जागरण, २५ जुलाई २००८)