ढाका, एजेंसी : बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों के सामने आए दिन कोई न कोई मुसीबत खड़ी होती रहती है। यहां के हिंदुओं के लिए नई चिंता का विषय देश की कार्यवाहक सरकार द्वारा प्रस्तावित नया संपत्ति कानून है। वैसे तो 1947 में भारत विभाजन के बाद से ही यहां हिंदुओं की जमीनों पर जबरन कब्जे की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन, चिंता जताई जा रही है कि नए कानून की आड़ में हिंदुओं की जमीनों पर जबरन कब्जे की घटनाएं और तेज हो जाएंगी। देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और गैर सरकारी संगठनों ने सैन्य समर्थित सरकार से प्रस्तावित वेस्टिड प्रापर्टी वेरिफिकेशन, सिलेक्सन एंड सेटलमेंट आर्डिनेंस, 2008 को लागू नहीं करने की मांग की है। स्थानीय अखबार डेली स्टार के मुताबिक बुद्धिजीवियों का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के भूमि विवाद सुलझाने के लिए वेस्टिड प्रापर्टी रिटर्न एक्ट 2001 पर्याप्त है। उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि नया कानून लाने की कोई जरूरत नहीं है। पाकिस्तान के निर्माण के बाद जब यहां रहने वाले लाखों हिंदू भारत चले गए तो उनकी जमीनों की देखरेख कर रहे रिश्तेदारों से जमीनें जबरन कब्जा ली गईं। इस वजह से अदालतों में भूमि विवाद के हजारों मुकदमे चल रहे हैं।
No comments:
Post a Comment