खन्ना नगर में एक विवादित स्थल पर अवैध निर्माण रुकवाने को लेकर बृहस्पतिवार को एक वर्ग विशेष और पुलिस के बीच गोलीबारी व पथराव से तीन पुलिस अधिकारी समेत दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। सूत्र बताते हैं कि उपद्रव में दो लोगों की मौत हो गई, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उपद्रवियों ने इस दौरान लोनी थाने की निठौरा पुलिस चौकी भी आग के हवाले कर दिया। रोडवेज बस समेत आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों में आग लगा दी और कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए। समाचार लिखे जाने तक पावी सादकपुर से लेकर लोनी बार्डर तक के आठ किलोमीटर के रास्ते में एक वर्ग विशेष के लोग जमा थे। पुलिस अनियंत्रित भीड़ को काबू करने में लगी हुई थी। बेकाबू हालात को देखते हुए लोनी में अघोषित कर्फ्यू लगा है व लोगों के घरों से निकलने पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस अधिकारी हालात के बारे में कुछ भी कहने से देर रात तक कतराते रहे, पर डीएम दीपक अग्रवाल ने बताया कि हालात पर काबू पाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर दीवार खड़ी करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसे सुलझा लिया गया, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने माहौल खराब कर दिया। उन्होंने कहा कि दो लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है और तीन वाहनों में आग लगाने की। उन्होंने दावा किया कि उपद्रव के दौरान किसी मौत की सूचना नहीं है। देर रात तक जिलाधिकारी के साथ ही एसएसपी दीपक रतन समेत कई थानों की पुलिस व पीएसी हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे। जिले के अतिरिक्त आसपास के जनपदों से भी पुलिस बल बुलाया जाता रहा।
जानकारी के मुताबिक लोनी के खन्ना नगर में एलएमसी की खाली पड़ी जमीन पर कुछ लोग बृहस्पतिवार को अवैध निर्माण करा रहे थे। दोपहर करीब चार बजे सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार जय प्रकाश यादव के नेतृत्व में पहुंची प्रशासनिक टीम ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में गहमा-गहमी बढ़ गई। मौके पर पहुंची पुलिस पांच लोगों को उठाकर थाने ले गई। इसके विरोध में वर्ग विशेष के लोगों ने खन्ना नगर में मुख्य सड़क पर जाम लगाकर हंगामा किया। आरोप है कि उन्होंने आसपास के घरों में घुसकर तोड़-फोड़ भी की। इसके बाद छह बजे के करीब एक वर्ग विशेष के सैकड़ों लोग लोनी थाने पहुंचे और जमकर हंगामा किया व पकड़े गए पांचों लोगों को थाने से जबरदस्ती छुड़ा ले गए। उपद्रवियों ने दिल्ली-सहारनपुर स्थित राशिद गेट पर भी जाम लगाकर हंगामा किया। जाम के दौरान फायरिंग होने से लोनी थाने के एसएसआई प्रेम शंकर, उप निरीक्षक एचपी सिंह, तीन बच्चे व एक महिला समेत दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। सभी को लोनी व दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। देर रात तक घायलों को अस्पताल में पहुंचाया जाता रहा।
उपद्रवियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने सीओ बार्डर सत्यपाल सिंह को बंधक बनाने का प्रयास किया और एसडीएम सदर विशाल सिंह को एक घर में कई घंटे जान बचाने के लिए छिपना पड़ा। लोनी तिराहे स्थित शंकर पैलेस [मैरिज होम], खन्ना नगर स्थित अशोका नर्सिंग होम समेत अनेक जगह घुसकर तोड़फोड़ की। देर रात तक लोनी में तनाव था। पावी सादिकपुर से लेकर लोनी बार्डर के आठ किलोमीटर के रास्ते में कई जगह वाहन जल रहे थे। चारों ओर वाहनों से आग की लपटें तथा सड़कों पर पत्थर दिखाई दे रहे थे। पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में लगी हुई थी। क्षेत्र में बिजली नहीं होने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई थी। अंधेरा होने के कारण पुलिस प्रशासन को उपद्रवियों पर काबू पाने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कई जगह से किसी को चाकू तो किसी को गोली मारे जाने की चारों तरफ अफवाहे फैली हुई थीं। खेकड़ा क्षेत्र से रालोद विधायक मदन भैया ने लोनी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।(दैनिक जागरण २५ जुलाई २००८)
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