श्रीनगर, जागरण संवाददाता : पहले सुरक्षाबलों, फिर पर्यटकों व श्रद्धालुओं और अब बाहरी राज्यों के मजदूर आतंकियों के निशाने पर आ गए हैं। गुरुवार को बटमालू बस स्टैंड पर आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया। इसमें बिहार निवासी एक महिला व उसके चार बच्चों की मौत हो गई। वे अपने घर वापस लौटने के लिए यहां बस का इंतजार कर रहे थे। विस्फोट की चपेट में आने से 21 अमरनाथ यात्रियों समेत 28 लोग घायल हो गए। इस हमले को घाटी से बाहरी लोगों को खदेड़ने की अलगाववादियों की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। इस वारदात को दोपहर पूर्व करीब पौने बारह बजे अंजाम दिया गया। उस समय बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में बाहरी कामगारों और अमरनाथ गुफा के दर्शन कर वापस लौट रहे श्रद्घालुओं की भीड़ लगी हुई थी। हमले में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में बिहार के अररिया जिला निवासी मुहम्मद फिरोज की पत्नी रूबीना (34) व उसके चार बच्चे खुशबू (12), अयूब (8), कय्यूम (7) व आदिल (4) शामिल हैं। फिरोज घाटी में मजदूरी कर परिवार को पाल रहा था। अलगाववादियों की धमकी के डर से अब वह घाटी छोड़ वापस अपने गांव लौट रहा था कि इसी बीच आतंकी हमला हो गया। श्रीनगर के एसएसपी ने कहा कि हमला किसी समुदाय विशेष के बजाय भीड़ को निशाना बनाने के इरादे से किया गया। उन्होंने बताया हमले में घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि कश्मीर में बाहरी मजदूरों की मौजूदगी अलगाववादियों को खटक रही है। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी समेत अन्य अलगाववादी संगठन बाहरी राज्यों के लोगों को घाटी छोड़ने की कई बार धमकी दे चुके हैं। इसके लिए वे बाहरी मजदूरों को काम न देने और मारपीट जैसे हथकंडे भी अपना चुके हैं।(दैनिक जागरण , २५ जुलाई २००८)
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