उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हर बार सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड को पकड़ का दावा करती है, लेकिन देश में हो रही बम ब्लास्ट की वारदातों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही। हर विस्फोट की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां मुस्लिमों का उत्पीड़न शुरू कर देती हैं, किंतु अब मुस्लिमों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ने कहा की यदि आवश्यकता पड़ी, तो मुस्लिम समाज अपने शोषण के विरोध में जेल भरने से भी पीछे नही हटेगा। लड़ाई हथियारों से नही, बल्कि हौंसले से लड़ी जाती है। उन्होंने कांग्रेस, बसपा एवं सपा को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए कहा की तीनों राजनीतिक पार्टी के शासन में मुस्लिमों के ऊपर अत्याचार बढ़े है। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से राजनीतिक पार्टियों पर विश्वास करने के स्थान पर अपनी सियासत व ताकत दिखाने का आह्वान किया।
हिंदू हितों (सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक) को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाली घटनाओं से सम्बंधित प्रमाणिक सोत्रों ( राष्ट्रिय समाचार पत्र, पत्रिका) में प्रकाशित संवादों का संकलन।
Monday, November 3, 2008
मुस्लिमों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं : बुखारी
उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हर बार सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड को पकड़ का दावा करती है, लेकिन देश में हो रही बम ब्लास्ट की वारदातों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही। हर विस्फोट की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां मुस्लिमों का उत्पीड़न शुरू कर देती हैं, किंतु अब मुस्लिमों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ने कहा की यदि आवश्यकता पड़ी, तो मुस्लिम समाज अपने शोषण के विरोध में जेल भरने से भी पीछे नही हटेगा। लड़ाई हथियारों से नही, बल्कि हौंसले से लड़ी जाती है। उन्होंने कांग्रेस, बसपा एवं सपा को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए कहा की तीनों राजनीतिक पार्टी के शासन में मुस्लिमों के ऊपर अत्याचार बढ़े है। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से राजनीतिक पार्टियों पर विश्वास करने के स्थान पर अपनी सियासत व ताकत दिखाने का आह्वान किया।
योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा
आरोपियों में हिंदू युवा वाहिनी, भारतीय जनता पार्टी, व्यापार मण्डल गोरखपुर के पदाधिकारी और हजारों कार्यकर्ता भी शामिल हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 के अंतर्गत न्यायालय के आदेश पर किया है।
कैंट थाने में मुकदमा शाम साढ़े चार बजे अपराध संख्या 2776/08 पर दर्ज किया गया। इस मामले में योगी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 153ए, 153बी, 143, 147, 435, 436, 427, 395, 302, 295, 295बी, 452 आईपीसी आदि के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
बता दें कि राजघाट थाना क्षेत्र के तुर्कमानपुर निवासी परवेज परवाज ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि 27 जनवरी 07 को रात आठ बजे सदर सांसद योगी आदित्यनाथ, नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, एमएलसी डा. वाईडी सिंह, महापौर अंजु चौधरी, पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल और हियुवा, भाजपा व व्यापार मंडल गोरखपुर के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के सामने महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष 'चेतावनी सभा' नाम से सभा कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण दे रहे थे। वे ताजियों और मुसलिम धर्मस्थलों को जला डालने के लिए भीड़ को ललकार रहे थे। वह भी तब जबकि उस दिन शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा था और शेष हिस्से में धारा 144 के तहत सभा वगैरह करने पर रोक लगी हुई थी। सभा के बाद पुलिस की मौजूदगी में मशाल जुलूस निकाला गया। इस दौरान योगी समर्थक आपत्तिजनक नारे लगा रहे थे।
योगी के उकसावे पर उनके समर्थकों ने जगह-जगह मुसलमानों के मकानों, वहां खड़े वाहनों पर हमला किया और आगजनी की, जिससे भारी क्षति हुई। इसी दौरान राजघाट थाना क्षेत्र में हावर्ट बंधे पर राशिद नामक युवक की हत्या कर दी गई थी।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने के बाद अदालत ने सदर सांसद व अन्य लोगों के खिलाफ उक्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आदेश के कई दिन बाद भी रपट दर्ज न होने पर वादी ने शनिवार को अदालत में एक प्रार्थना पत्र देकर रपट दर्ज करने की गुहार लगाई थी जिस पर अदालत के कड़े रुख के बाद पुलिस ने रपट दर्ज करने की कार्रवाई की है।
मुकदमा दर्ज किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर सदर सांसद योगी आदित्य नाथ ने जागरण से कहा कि इस्लामिक आतंकवाद हमसे घबराया हुआ है। कुछ लोग हमें परेशान करने के लिए गलत तथ्यों के आधार पर हमारे खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराने में सफल हो गए हैं लेकिन इससे न तो हम डरेंगे और न ही भागेंगे। हमें कोर्ट और कानून पर पूरा भरोसा है।
कोर्ट के समक्ष सही तथ्यों को प्रस्तुत किया जाएगा। अपने आप दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। सत्य और असत्य की लड़ाई में हमारी विजय सुनिश्चित है।
Saturday, November 1, 2008
साध्वी के साथ शिवसेना, देगी कानूनी मदद
Friday, October 31, 2008
हसनपुर में पशुओं की खाल, मांस समेत दो धरे
यूपीडेस्क::बिना नंबर की बुलेरो से बारह कुंतल मांस पकड़ा
नजीबुद्दौला के किले पर थले की झोपड़ी फूंकी, तनाव
दैनिक जागरण,३१ अक्टूबर २००८, नजीबाबाद(बिजनौर)। नजीबाबाद गांव महावतपुर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की नापाक कोशिश की गई। नवाब नजीबुद्दौला के किले की एक छोर की दीवार पर बने थले की झोपड़ी फूंकने से गांव में तनाव पैदा हो गया। महावतपुर के ग्रामीणों ने झोपड़ी फूंकने के एक आरोपी को रंगे हाथों धर दबोचा। जूते-चप्पल से पिटाई के बाद ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस को सौंप दिया। ग्रामीणों ने बताया कि झोपड़ी फूंकने के महिला सहित तीन अन्य आरोपी फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।
गुरुवार की शाम को नवाब नजीबुद्दौला के किले के एक छोर पर बने थले की झोपड़ी धू-धू कर जल उठी, जिससे उसमें रखा सामान जल गया। किले में खेल रहे समीपवर्ती गांव महावतपुर के कुछ युवक झोपड़ी को जलता देख दौड़कर मौके पर पहुंचे। युवकों को आते देख झोपड़ी के पास मौजूद एक व्यक्ति भागने लगा, जिसे युवकों ने पकड़ लिया। युवक आरोपी को महावपतपुर गांव में ले गए। गुस्साए ग्रामीणों ने उक्त आरोपी की जमकर धुनाई की। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति ने झोपड़ी में आग लगाई है। ग्रामीणों के अनुसार उसके साथ महिला सहित तीन अन्य लोग भी थे, जो मौके से फरार हो गए।
ग्रामीणों ने बताया कि बालकिशनपुर शेरकोट निवासी थम्मनदास ने उक्त स्थान पर चालीस दिनों तक तपस्या की थी। जहां ग्रामीणों की मदद से झोपड़ी डाली गयी थी। थम्मन दास दीपावली से पहले कुछ दिनों के लिए वे घर चले गए हैं। घटना को लेकर गांव में तनाव व्याप्त है। झोपड़ी फूंकने की सूचना मिलते ही कोतवाल एमपी अशोक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने सबसे पहले आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम जाफर अली निवासी सब्नीग्रान बताया। पुलिस के सामने उसने झोपड़ी फूंकने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि वह किले में बनी मजार पर दुआ मांगने गया था।
कोतवाल एमपी अशोक ने बताया कि उक्त आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोतवाल ने घटना में अन्य लोगों के शामिल होने से इनकार किया।
मलेशिया: योग पर बैन को लेकर बहस
फिर खून से लाल हुआ असम, 66 मरे
दैनिक जागरण, ३० अक्टूबर २००८ । एक बार फिर असम खून से लाल हो गया। यहां लगभग 13 जगहों पर हुए सीरियल ब्लास्टों में कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई और दो सौ से अधिक लोग घायल हो गए। सभी विस्फोट बृहस्पतिवार सुबह ११:३० से ११:४० बजे के बीच हुए। कोकराझाड़ में तीन जगहों पर, गुवाहाटी में पांच जगहों पर और बोंगाईगांव तीन व बरपेटा में दो जगहों में धमाके हुए। इसे लेकर असम में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है और लोगों को घरों से नहीं निकले के लिए कहा गया है। वहीं, गणेशगुड़ी में धमाके के बाद गुस्साएं लोग पुलिस से भिड़ गए, जिसमें कई लोग घायल हो गए। जिसके बाद दिसपुर, गणेशगुड़ी व गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया।
वहीं, केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने कहा कि असम में हुए सिलसिलेवार धमाकों में बाह्य संपर्को वाले पूर्वोत्तार के उग्रवादी गुटों को हाथ हो सकता है। इस बीच, उल्फा इन विस्फोटों की जिम्मेदार लेने से इनकार कर दिया। उधर, केंद्र ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दिए जाने की मंजूरी दी। इधर, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इन धमाकों की कड़ी निंदा की। इस बीच, केंद्र का एक उच्चस्तरीय दल स्थिति का जायजा लेने के लिए असम आएगा। दल में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार आज सुबह 11.30 बजे कोकराझाड़ में बड़ाबाजार, रेलवे गेट व एक होटल के पास नाले में विस्फोट हुआ। यहां तीनों धमाकोंमें लगभग 15 लोगों की मरने व बीस से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। यहां विस्फोट एक से दो मिनट के अंतराल पर हुए। बड़ाबाजार व रेलवे गेट इलाके में मोटरसाइकिल में ग्रेनेड बम रखा गया था। इन विस्फोटों से इलाके में अफरा-तफरी मच गई है। पुलिस प्रशासन व सुरक्षाकर्मी राहत कार्य में जुटे हैं। उधर, गुवाहाटी सीजेएम कोर्ट परिसर, फैंसी बाजार, पान बाजार, गणेशगुड़ी स्थित सचिवालय जनता भवन के समीप व एक फ्लाईओवर के नीचे आटोस्टैंड में विस्फोट हुए। यहां एक कार व आटो में बम छिपाकर रखे गए थे।
यहां धमाके सुबह 11.30 बजे के आसपास हुए। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी सीजेएम कोर्ट परिसर में ही डीसी कार्यालय भी है। यहां विस्फोट में छह लोगों की और गणेशगुड़ी में दोनों स्थानों पर लगभग 29 लोगों की मौत हुई है और काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं। गणेशगुड़ी फ्लाईओवर के नीचे का विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वहां खड़ी कारें खाक हो गई। इतना ही नहीं, आसपास 500 मीटर के दायरे में स्थिति इमारतों के शीशे चटक गए। घायलों को गुवाहाटी कालेज में भर्ती कराया गया है। कई लोगों की हालत गंभीर बताई गई है।
उल्लेखनीय है कि आतंकियों ने सभी भीड़भाड़ वाले इलाके को ही अपना निशाना बनाया है। कोकराझाड़ में आज बाजार का दिन था और भइयादूज को लेकर काफी भीड़ भाड़ थी, क्योंकि दीपावली को लेकर दो दिन की बंदी के बाद बाजार आज ही खुले थे। यही आलम गुवाहाटी के फैंसी बाजार व पान बाजार में भी था। उधर बोंगाईगांव में तीन स्थानों पर विस्फोट में मरने वालों की सूचना नहीं मिली है, जबकि बरपेटा में दो स्थानों पर विस्फोट हुए, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बरपेटा में कई स्थानों से बम भी बरामद किए गए हैं, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है।
वहीं, गणेशगुड़ी फ्लाईओवर के नीचे विस्फोट से आक्रोशित जनता व पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई, जिसमें चार पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गया। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए दिसपुर व गणेशगुड़ी, गुवाहाटी में कर्फ्यू लगाया दिया गया है। इलाके में जवान गश्त लगा रहे हैं और लोगों को घरों से नहीं निकले को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि विस्फोट के बाद यहां प्रशासन की लेटलतीफी के कारण स्थानीय जनता आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आई और विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। आरोप है कि विस्फोट के काफी समय बाद फायरबिग्रेड के इंजन मौके पर पहुंचे। इससे स्थानीय लोगों ने पुलिस व फायरबिग्रेड कर्मियों पर पर हमला कर दिया और दमकल व पुलिस वाहनों को फूंक दिया। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की। इलाके में भीड़ को हटाने के लिए अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। इलाके में तनाव है। उधर, दमकल के विभाग सूत्रों ने बताया कि धमाके के कारण सड़क जाम हो गई, जिससे मौके पर पहुंचने में समय अधिक लगा।
उधर, पुलिस ने हमलों के पीछे उग्रवादी गुट उल्फा के हाथ होने की आशंका जताई है, लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों ने कट्टर इस्लामिक गुटों का हाथ होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। पुलिस ने विस्फोट में आरडीएक्स के इस्तेमाल करने का भी अनुमान लगाया है।
इस बीच, नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने बताया कि विस्फोटों के स्थलों पर एनएसजी का एक दल भी भेजा जाएगा। विस्फोट की प्रवृत्तिके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अपराध विज्ञान विशेषज्ञ विस्फोट स्थलों पर जांच कर रहे हैं। क्या अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल राज्य में भेजे जाएंगे इस पर उन्होंने कहा कि वहां पहले ही काफी बल तैनात है। गुप्ता ने कहा कि हम उन्हें कुछ समय तक वहीं रखेंगे और शायद चुनाव की ड्यूटी में [छह राज्यों में] उन्हें नहीं लगाया जाएगा। विस्फोट के पीछे किसका हाथ हो सकता है इस पर उन्होंने कहा कि समूह की पहचान करना अभी जल्दबाजी होगी।
इधर, असम में सिलसिलेवार बम विस्फोटों के बाद मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। विस्फोट के बाद समूचे मेघालय में हाई एलर्ट घोषित कर दिया गया है।
इस बीच, उल्फा की ओर से जारी एक ई-मेल वक्तव्य में विस्फोटों में किसी तरह की भागीदारी से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर शांति प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गुट पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
Friday, October 24, 2008
मलेशिया: हिंड्राफ के 12 कार्यकर्ता गिरफ्तार
दैनिक जागरण, २४ अक्टूबर २००८, कुआलालंपुर। मलेशिया में पुलिस ने हिंदू राइट्स एक्शन फोर्स [हिंड्राफ] के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
मलेशियाई मीडिया के अनुसार पुलिस ने प्रतिबंधित हिंदू संगठन हिंड्राफ के 12 सदस्यों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे प्रधानमंत्री कार्यालय में जेल में बंद हिंड्राफ कार्यकर्ताओं को रिहा करने की याचिका दाखिल करने जा रहे थे। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं में हिंड्राफ के निर्वासित अध्यक्ष पी वायथा मूर्ति की पत्नी और उनकी सात वर्षीय बेटी भी है।
हिंड्राफ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हे गैर कानूनी तरीके से एकत्र होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जबकि वे तो केवल प्रधानमंत्री कार्यालय में याचिका दाखिल करने जा रहे थे।
गौरतलब है कि मलेशिया में गत वर्ष हिंड्राफ पर सरकार विरोधी रैली करने का आरोप लगाकर सरकार ने उसके छह कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाकर जेल में बंद कर दिया था। हिंड्राफ ने मलेशिया सरकार द्वारा हिंदू मंदिर तोड़ने का आरोप लगाकर रैली आयोजित की थी।
Wednesday, October 22, 2008
प्रतिमा विसर्जन के दौरान माहौल बिगड़ा, संघर्ष में कई जख्मी
दैनिक जागरण , १० अक्तूबर २००८, रायबरेली/कानपुर देहात/लखनऊ। देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान शुक्रवार को रायबरेली, कानपुर देहात, श्रावस्ती और बहराइच में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई जिसमें दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में कई लोग घायल हो गये। रायबरेली के जायस कस्बे में कुछ अराजक तत्वों ने हड्डी फेंककर विसर्जन को जाती देवी प्रतिमाओं को अपवित्र करने का प्रयास किया। विरोध में देवी भक्तों और हिंदू संगठनों ने मौके पर जमकर नारेबाजी करते हुए मूर्तियों के साथ धरना शुरू कर दिया। डीएम-एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली तथा भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।
दूसरी ओर कानपुर देहात में सिकंदरा से प्रतिमा विसर्जन को यमुना के बैजामऊ घाट जा रहे युवकों का हरिहरपुर गांव के पास दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद होने पर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए और उत्तेजक नारेबाजी के बाद संघर्ष हो गया जिसमें महिला सहित आठ लोग घायल हो गये। गांव सहित कस्बे में तनाव का महौल है। एसपी ने मारपीट की पुष्टि करते हुये स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही है। जबकि श्रावस्ती जिले के नासिरगंज कस्बे में मार्ग-विवाद को लेकर ग्रामीणों तथा प्रशासन के बीच जमकर संघर्ष हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन के आधा दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक में आग लगा दी। उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं। इस दौरान पथराव व लाठीचार्ज में चार अधिकारियों समेत सवा सौ लोग जख्मी हो गए। दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए भेजने के बाद नासिरगंज व आसपास के इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बहराइच में भी तनाव है।
शुक्रवार को देवी प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए देवी भक्त नाचते-गाते वहाबगंज से सैदाना व कजियाना होकर कंचाना मोहल्ले में पहुंचे। वहां बस स्टैंड के पास मुस्लिम कमेटी के लोग विसर्जन यात्रा का स्वागत करने के लिए खड़े थे। यात्रा यहां पहुंचती, इससे पहले कुरेशी परिवार के कुछ लड़के देवी प्रतिमाओं की ओर हड्डी फेंककर भाग निकले। इस घटना से आवाक भक्तों ने मौके पर नारेबाजी करते हुए प्रतिमाओं को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। कुछ लोगों ने सांप्रदायिक बवाल की अफवाह फैलायी तो रायबरेली सदर तक सनसनी फैल गयी। हिंदू संगठनों के नेता भी घटनास्थल पर पहुंचने लगे और मामला तूल पकड़ने लगा। स्थिति विस्फोटक होती, इससे पहले मौके पर पहुंचे डीएम और एसपी के साथ जायस के बुद्धिजीवियों ने उग्र लोगों को शांत कराया। आला अफसरों ने हड्डी फेंकने वालों की शिनाख्त कराने के बाद गिरफ्तारी का आश्वासन देकर प्रतिमा विसर्जन कराना चाहा, लेकिन देवी भक्त पहले कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स तथा पीएसी को तैनात कर दिया गया है।
उधर पुलिस के अनुसार पटेल चौक सिकंदरा से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिये ट्रैक्टरों व मोटरसाइकिलों से लोग बैजामऊ स्थित यमुना नदी घाट जा रहे थे। थानाध्यक्ष जयकरन सिंह ने बताया कि बाइकसवार युवकों का हरिहरपुर गांव में धार्मिक स्थल के पास लघुशंका करने को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद हाने के बाद दोनों पक्षों में मारपीट हो गयी। इस बीच शोर सुनकर गांव के अन्य लोग यहां पहुंच गए इधर विसर्जन जुलूस में शामिल लोग भी घटना स्थल पर पहुंच गए। दोनों तरफ से जुटी भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने उत्तेजक नारेबाजी कर दी। राजपुर अंप्र के अनुसार दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर ईट पत्थर व लाठी डंडों से हमला कर दिया। करीब आधा घंटे तक हुए पथवार व संघर्ष में ढिकची के अनिल, नसीरपुर के राहुल व सिकंदरा के जितेंद्र, सतेंद्र व राजीव तथा हरिहरपुर गांव के मुश्ताक, मुस्तकीम व मुबीना गंभीर रूप से जख्मी हो गये। हरिहरपुर व सिकंदरा में तनाव की स्थिति बन गई है। सीओ डीके सिंह, सिकंदरा थानाध्यक्ष जयकरन सिंह, अमराहट थानाध्यक्ष राकेश तिवारी, राजपुर थानाध्यक्ष आरबी सिंह परिहार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। इधर माती मुख्यालय पर मौजूद एसडीएम सुभाष चौधरी घटना स्थल के लिये रवाना हो गये। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया। एसपी एन. रविंदर ने बताया कि घटना युवकों के बीच साधारण मारपीट की है। जुलूस के साथ सीओ डीके सिंह, राजपुर सिकंदरा, अमराहट के थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौजूद थे। एसपी ने तनाव की बात से इनकार कर स्थिति नियंत्रण में बताया।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था बृजलाल ने बताया कि श्रावस्ती के नासिरगंज कस्बे के लिए गोंडा से एक कंपनी पीएसी रवाना कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि वादे के बाद भी प्रतिबंधित मार्ग से जुलूस ले जाने से रोकने पर लोगों ने उपद्रव किया जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। बताया जाता है कि खलीफतपुर में न्यायालय के आदेश पर मूर्ति रखी गई थी जिसका विसर्जन जिला प्रशासन गांव के ही तालाब पर कराना चाहता था लेकिन लोग इसे नासिरगंज के जुलूस में शामिल करना चाहते थे। प्रशासन दुर्गापूजा समिति को समझाने की कोशिश में था कि नासिरगंज से लगभग दस हजार लोगों की भीड़ पहुंची और पुलिस की चौकसी को धता बताते हुए दुर्गा प्रतिमाएं उठाकर नासिरगंज ले आयी। पुलिस के रोकने पर लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए। इससे आक्रोशित भीड़ ने सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया जिसपर पुलिस ने गोलियां चला दीं। जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार के मुताबिक स्थिति को नियंत्रित करने के लिये हवा में पांच राउंड गोलियां चलानी पड़ी और हल्का बल प्रयोग किया गया। उनके मुताबिक अपर पुलिस अधीक्षक लल्लन राय, एसडीएम कलीमुल्ला, एसओ सोनवा पलटूराम व पुलिस उपाधीक्षक के अलावा छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। उन्होंने भीड़ पर सीधी फायरिंग की बात से इनकार किया लेकिन लोगों का आरोप है कि पुलिस ने निशाना लेकर गोलियां चलायीं, जिससे धनदेई नामक महिला व एक बालक जख्मी हो गये। तीन अन्य लोगों को भी गोली लगी है जिन्हें पुलिस ने मौके से हटा दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गए हैं। इधर बहराइच के फखरपुर कस्बे में मार्ग विवाद को लेकर विसर्जन रोक दिया गया है। विवाद के चलते फखरपुर से भिलौरा बांसू तक 37 दुर्गा प्रतिमाओं की कतार लगी हुई है।