Wednesday, October 22, 2008

प्रतिमा विसर्जन के दौरान माहौल बिगड़ा, संघर्ष में कई जख्मी

दैनिक जागरण , १० अक्तूबर २००८, रायबरेली/कानपुर देहात/लखनऊ। देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान शुक्रवार को रायबरेली, कानपुर देहात, श्रावस्ती और बहराइच में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई जिसमें दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में कई लोग घायल हो गये। रायबरेली के जायस कस्बे में कुछ अराजक तत्वों ने हड्डी फेंककर विसर्जन को जाती देवी प्रतिमाओं को अपवित्र करने का प्रयास किया। विरोध में देवी भक्तों और हिंदू संगठनों ने मौके पर जमकर नारेबाजी करते हुए मूर्तियों के साथ धरना शुरू कर दिया। डीएम-एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली तथा भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।

दूसरी ओर कानपुर देहात में सिकंदरा से प्रतिमा विसर्जन को यमुना के बैजामऊ घाट जा रहे युवकों का हरिहरपुर गांव के पास दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद होने पर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए और उत्तेजक नारेबाजी के बाद संघर्ष हो गया जिसमें महिला सहित आठ लोग घायल हो गये। गांव सहित कस्बे में तनाव का महौल है। एसपी ने मारपीट की पुष्टि करते हुये स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही है। जबकि श्रावस्ती जिले के नासिरगंज कस्बे में मार्ग-विवाद को लेकर ग्रामीणों तथा प्रशासन के बीच जमकर संघर्ष हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन के आधा दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक में आग लगा दी। उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं। इस दौरान पथराव व लाठीचार्ज में चार अधिकारियों समेत सवा सौ लोग जख्मी हो गए। दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए भेजने के बाद नासिरगंज व आसपास के इलाके में क‌र्फ्यू लगा दिया गया है। बहराइच में भी तनाव है।

शुक्रवार को देवी प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए देवी भक्त नाचते-गाते वहाबगंज से सैदाना व कजियाना होकर कंचाना मोहल्ले में पहुंचे। वहां बस स्टैंड के पास मुस्लिम कमेटी के लोग विसर्जन यात्रा का स्वागत करने के लिए खड़े थे। यात्रा यहां पहुंचती, इससे पहले कुरेशी परिवार के कुछ लड़के देवी प्रतिमाओं की ओर हड्डी फेंककर भाग निकले। इस घटना से आवाक भक्तों ने मौके पर नारेबाजी करते हुए प्रतिमाओं को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। कुछ लोगों ने सांप्रदायिक बवाल की अफवाह फैलायी तो रायबरेली सदर तक सनसनी फैल गयी। हिंदू संगठनों के नेता भी घटनास्थल पर पहुंचने लगे और मामला तूल पकड़ने लगा। स्थिति विस्फोटक होती, इससे पहले मौके पर पहुंचे डीएम और एसपी के साथ जायस के बुद्धिजीवियों ने उग्र लोगों को शांत कराया। आला अफसरों ने हड्डी फेंकने वालों की शिनाख्त कराने के बाद गिरफ्तारी का आश्वासन देकर प्रतिमा विसर्जन कराना चाहा, लेकिन देवी भक्त पहले कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स तथा पीएसी को तैनात कर दिया गया है।

उधर पुलिस के अनुसार पटेल चौक सिकंदरा से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिये ट्रैक्टरों व मोटरसाइकिलों से लोग बैजामऊ स्थित यमुना नदी घाट जा रहे थे। थानाध्यक्ष जयकरन सिंह ने बताया कि बाइकसवार युवकों का हरिहरपुर गांव में धार्मिक स्थल के पास लघुशंका करने को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद हाने के बाद दोनों पक्षों में मारपीट हो गयी। इस बीच शोर सुनकर गांव के अन्य लोग यहां पहुंच गए इधर विसर्जन जुलूस में शामिल लोग भी घटना स्थल पर पहुंच गए। दोनों तरफ से जुटी भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने उत्तेजक नारेबाजी कर दी। राजपुर अंप्र के अनुसार दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर ईट पत्थर व लाठी डंडों से हमला कर दिया। करीब आधा घंटे तक हुए पथवार व संघर्ष में ढिकची के अनिल, नसीरपुर के राहुल व सिकंदरा के जितेंद्र, सतेंद्र व राजीव तथा हरिहरपुर गांव के मुश्ताक, मुस्तकीम व मुबीना गंभीर रूप से जख्मी हो गये। हरिहरपुर व सिकंदरा में तनाव की स्थिति बन गई है। सीओ डीके सिंह, सिकंदरा थानाध्यक्ष जयकरन सिंह, अमराहट थानाध्यक्ष राकेश तिवारी, राजपुर थानाध्यक्ष आरबी सिंह परिहार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। इधर माती मुख्यालय पर मौजूद एसडीएम सुभाष चौधरी घटना स्थल के लिये रवाना हो गये। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया। एसपी एन. रविंदर ने बताया कि घटना युवकों के बीच साधारण मारपीट की है। जुलूस के साथ सीओ डीके सिंह, राजपुर सिकंदरा, अमराहट के थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौजूद थे। एसपी ने तनाव की बात से इनकार कर स्थिति नियंत्रण में बताया।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था बृजलाल ने बताया कि श्रावस्ती के नासिरगंज कस्बे के लिए गोंडा से एक कंपनी पीएसी रवाना कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि वादे के बाद भी प्रतिबंधित मार्ग से जुलूस ले जाने से रोकने पर लोगों ने उपद्रव किया जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। बताया जाता है कि खलीफतपुर में न्यायालय के आदेश पर मूर्ति रखी गई थी जिसका विसर्जन जिला प्रशासन गांव के ही तालाब पर कराना चाहता था लेकिन लोग इसे नासिरगंज के जुलूस में शामिल करना चाहते थे। प्रशासन दुर्गापूजा समिति को समझाने की कोशिश में था कि नासिरगंज से लगभग दस हजार लोगों की भीड़ पहुंची और पुलिस की चौकसी को धता बताते हुए दुर्गा प्रतिमाएं उठाकर नासिरगंज ले आयी। पुलिस के रोकने पर लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए। इससे आक्रोशित भीड़ ने सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया जिसपर पुलिस ने गोलियां चला दीं। जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार के मुताबिक स्थिति को नियंत्रित करने के लिये हवा में पांच राउंड गोलियां चलानी पड़ी और हल्का बल प्रयोग किया गया। उनके मुताबिक अपर पुलिस अधीक्षक लल्लन राय, एसडीएम कलीमुल्ला, एसओ सोनवा पलटूराम व पुलिस उपाधीक्षक के अलावा छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। उन्होंने भीड़ पर सीधी फायरिंग की बात से इनकार किया लेकिन लोगों का आरोप है कि पुलिस ने निशाना लेकर गोलियां चलायीं, जिससे धनदेई नामक महिला व एक बालक जख्मी हो गये। तीन अन्य लोगों को भी गोली लगी है जिन्हें पुलिस ने मौके से हटा दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि क‌र्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गए हैं। इधर बहराइच के फखरपुर कस्बे में मार्ग विवाद को लेकर विसर्जन रोक दिया गया है। विवाद के चलते फखरपुर से भिलौरा बांसू तक 37 दुर्गा प्रतिमाओं की कतार लगी हुई है।

2 comments:

  1. अन्य प्रचारवादी धर्मो की तरह हिन्दु धर्म का कोई संगठनिक ढांचा नही है। यह इसकी खुबसुरती भी है और चुनौती भी। विश्व मे अध्यात्मिकता की रक्षा के लिए हिन्दु धर्म रक्षा की आवश्यक्ता है। साथ हीं लोग ब्राहमणवाद को हीं हिन्दुत्व न मान बैठे इस सम्बन्ध मे जागरुकता फैलाने की आवश्यक्ता भी है।

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