Tuesday, October 14, 2008

सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाया

13 अक्टूबर 2008 ,वार्ता, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों से घिरे इस्लामिक स्टूडेंट्स मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को सोमवार अगले आदेश तक बढ़ा दिया।

न्यायमूर्ति एसबी. सिन्हा और न्यायमूर्ति सी. जोसेफ की पीठ ने मामले को उचित पीठ में स्थानांतरित कर दिया, जो पहले से ही संबंधित याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त 2008 को सिमी से प्रतिबंध हटाते हुए कहा था कि इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा पेश साक्ष्य गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत संगठन पर प्रतिबंध को जायज ठहराने के लिए ना काफी हैं।

केन्द्र ने उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में भी अपील दायर की थी।

मुख्य न्यायाधीश केजी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ, दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर पहले ही रोक लगा चुकी है।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय की पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा था कि सिमी के कार्यकर्ता हाल में हुए कई बम धमाकों में शामिल थे और 89 मामलों में संगठन के 1900 कार्यकर्ता देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं। लेकिन उच्च न्यायालय ने इन सबूतों को पर्याप्त नहीं माना था।

सरकार का आरोप है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के विशेष न्यायाधिकरण ने सिमी के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से सांठगांठ के बारे में केन्द्रीय खुफिया और जांच एजेंसियों से मिली जानकारी को भी नजरअंदाज किया।

सरकार का कहना है कि सिमी के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल-कायदा और अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहीम से भी संबंध हैं। सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध को सात फरवरी 2008 को दो वर्ष के लिए बढ़ा दिया था।

Monday, October 13, 2008

बुरहानपुर हिंसा: मृतकों की संख्या आठ हुई

दैनिक जागरण, ११ अक्तूबर २००८, बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के क‌र्फ्यूग्रस्त बुरहानपुर जिले के बिरोदा गांव से शनिवार दोपहर तीन और शव बरामद होने से सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। जिले में तनाव को देखते हुए आज भी क‌र्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है। पुलिस दंगों के पीछे सिमी के हाथ होने की भी जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार बुरहानपुर से करीब आठ किलोमीटर दूर बिरोदा गांव में एक खेत से आज दोपहर तीन शव बरामद हुए जिसमें एक महिला और दो पुरुषों के शव हैं। तीनों पर धारदार हथियारों के निशान हैं। इसके साथ ही गंभीर रूप से घायल तीन और व्यक्ति इसी खेत से पाए गए हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का मानना है कि उपद्रवियों से बचने के लिए वे लोग अपना घर छोड़कर खेत में किसी सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे होंगे, लेकिन हिंसक तत्वों के शिकंजे में आ गए। इससे पहले पुलिस फायरिंग में घायल हुए दो लोगों ने कल देर रात इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में दमतोड़ दिया।

इस बीच, संभागायुक्त वीपी सिंह और पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुमार ने आज बुरहानपुर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। दोनों उच्चाधिकारी स्थिति पर नजर रखने के लिए यहां कैंप किए हुए हैं। कुमार ने बताया कि उपद्रव में 25 व्यक्ति घायल हुए, 27 दुकानें और तीन मकान जल गए। घायलों का बुरहानपुर के जिला चिकित्सालय में उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक 142 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुमार ने बताया कि हिंसक घटना के पीछे किन तत्वों का हाथ हो सकता है, इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया [सिमी] का भी बुरहानपुर गढ़ रहा है, अत: इस बारे में भी जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि दशहरे के मौके पर यहां दो संप्रदायों के बीच दंगा भड़क उठा था।

केरल: हमले में संघ कार्यकर्ता की मौत

दैनिक जागरण, ११ अक्तूबर २००८, कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में शुक्रवार रात मा‌र्क्सवादी माकपा कार्यकर्ताओं के कथित बम हमले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक दल [आरएसएस] के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। भाजपा ने इसके विरोध में जिले में आज हड़ताल का आह्वान किया है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि थालसेरी के नजदीक कोलासरी में हुए देशी बम हमले में कोमाथु पारा के संघ के मुख्य शिक्षक 21 वर्षीय सीके अनूप की मौत हो गई। 22 वर्षीय घायल राजेश को कोझीक ोड के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं के तीन घरों पर भी हमले किए गए। स्थिति पर नियंत्रण और हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए क्षेत्र पुलिस बल तैनात किया गया है।

आंध्र में छह लोगों को जिंदा जलाया

दैनिक जागरण, १२ अक्तूबर २००८, आदिलाबाद। आंध्र प्रदेश के हिंसाग्रस्त अदिलाबाद के वोट्टोली में रविवार को एक ही परिवार के दो बच्चों सहित छह व्यक्तियों को कथित तौर पर हाल की हिंसक घटनाओं के चलते जलाकर मार डाला गया।

आंध्र प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की सिफारिश की है।

प्रदेश के गृह मंत्री के जाना रेड्डी हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद घोषणा की कि देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान भैंसा शहर में हुए सांप्रदायिक दंगों तथा एक ही परिवार के छह लोगों के मौत की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने का आदेश दिया गया है। मृतकों के घर को वतोली गांव में आज आग लगा दी गई।

रेड्डी ने कहा कि हिंसाग्रस्त इलाके में सुरक्षा के कई प्रबंध किए गए हैं और अतिरिक्त बल को जिला मुख्यालय से बुलाया गया है। दिल्ली से आए त्वरित कार्यबल [आरएएफ] के जवान स्थानीय पुलिस के साथ गश्त कर रहे हैं।

पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ मशविरा के बाद सरकार सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के लिए उचित राहत पैकेज की घोषणा करेगी। हालांकि पुलिस ने बताया कि भैंसा शहर को छोड़कर निर्मल एवं आसिफाबाद इलाके में स्थिति नियंत्रण में है तथा यहां हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है।

मजलिस इत्तोहादुल मुसलीमीन [एमआईएम] के अध्यक्ष और सांसद असादुद्दीन ओवाइसी ने भैंसा झड़प और वातोली घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने पूरे मामले में एक हिंदू कट्टरपंथी समूह का हाथ होने का आरोप लगाया था।

Friday, October 10, 2008

धर्मस्थल निर्माण पर आमने सामने आये दो समुदाय

दैनिक जागरण, १० अक्तूबर २००८, चित्रकूट। सदर ब्लाक के ग्राम सिमरिया चरण दासी में भूमि पर धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर दो समुदाय आमने सामने आ गये। जानकारी होते ही एसडीएम व सीओ ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आठ लोगों को शांति भंग की आशंका में पाबंद कर जेल भेज दिया। फिर भी गांव में तनाव है।

जानकारी के मुताबिक गुरुवार की सुबह मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित सेमरिया चरणदासी के मुस्लिम पुरवा मजरे में ग्राम सभा की जमीन पर लकड़ी गाड़कर चारों तरफ से रस्सी व बीच में एक गाय बंधी देखकर पूरे गांव के लोग उत्तेजित हो गये। गोकशी की आशंका से पूरा गांव उस भूमि के पास एकत्र होकर भूमि के कब्जे व गाय बांधने का विरोध करने लगा। ग्रामीण लालमन व सुखलाल ने बताया कि बगैर ग्राम सभा की मंजूरी के दूसरे समुदाय के लोग धार्मिक स्थल बनाने का प्रयास कर रहे थे। इसी मामले में दूसरे समुदाय का कहना है कि ग्राम सभा की भूमि पर निर्माण की अनुमति प्रधान से ले ली गयी है। जबकि ग्राम प्रधान शांति देवी ने साफ कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव ही उनके सामने आया। भूमि नम्बर 334 ग्राम सभा की है। उस पर कोई भी निर्माण जबरन नही करने दिया जायेगा। पूरे गांव में तनाव बढ़ता ही जा रहा था तभी किसी ने पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दे दी। मौके पर एसडीएम ऋषिकेश भास्कर व सीओ आलोक जायसवाल पहुंचे। दोनों पक्षों के लोगों से यथा स्थिति की जानकारी ली। उप जिलाधिकारी ने माना है कि गांव में धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर दो समुदायों को लेकर तनाव था। भूमि ग्राम सभा की ही है। गलतफहमी के चलते यह स्थिति बनी। सीओ के अनुसार एक समुदाय के आठ लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Wednesday, October 8, 2008

असम में स्थिति गंभीर, 47 मरे

बीबीसी , 07 अक्तूबर, २००८. भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में शुक्रवार को बांग्लादेशी मुसलमानों और स्थानीय कबीलों के बीच शुरु हुआ संघर्ष राज्य के कई और इलाक़ों में फैल गया है जिसमें मरने वालों की संख्या अब 47 तक पहुंच गई है.

राज्य के पश्चिमी ज़िले चिरांग से हिंसा की ताज़ा ख़बरें हैं जहां बोडो लोगों ने दूसरे समुदाय के कम से कम तीन लोगों को मार दिया है. मारे जाने वालों में एक गर्भवती महिला भी हैं.

उधर ग्वालपाड़ा ज़िले में राबा कबीले के लोगों और मुस्लिम समुदाय के बीच हुई झड़प में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि सबसे बुरी तरह प्रभावित उदालगिरी और दरांग ज़िलों में भी कुछ घायलों की मौत हुई है.

असम पुलिस दंगों को रोकने का प्रयास कर रही है. शुक्रवार और शनिवार को कम से कम 12 स्थानों पर पुलिस ने गोलिया चलाईं जिसमें 16 लोग मारे गए. ये लोग हिंसा और आगजनी कर रहे थे.

बाकी लोग सामुदायिक हिंसा में मारे गए हैं.

अभी तक इन दंगों में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं जिसमें से कई की हालत गंभीर है. अब तक राज्य के छह ज़िले इस हिंसा से प्रभावित हो चुके हैं.

सबसे अधिक प्रभावित ज़िला उदालगिरी है जहां 25 लोग मारे गए हैं. पड़ोस के दरांग ज़िले में नौ लोग जबकि बक्सा में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

हिंसा का यह दौर उस समय शुरु हुआ जब शुक्रवार को यह अफ़वाह फ़ैली कि कुछ मुस्लिमों ने उदालगिरी ज़िले में बोडो कबीले के रौता गांवों से मवेशी चुराए हैं.

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस अफ़वाह के फ़ैलने के बाद स्थिति और ख़राब हुई कि कुछ मुस्लिम चरमपंथियों ने बम रखे हैं और पाकिस्तानी झंडे दिखाए.

इस समय हिंसा प्रभावित सभी इलाक़ों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इतना ही नहीं कई स्थानों पर दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.

राज्य में स्थिति से निपटने के लिए सेना को बुलाया गया है और उदालगिरी ज़िले के मुख्य ज़िला अधिकारी का तबादला कर दिया गया है.

उदालगिरी और दरांग ज़िले में कई स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं जहां बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं.

अधिकारियों के अनुसार राज्य में कम से कम 80 हज़ार लोग प्रभावित हैं.

Tuesday, October 7, 2008

असम में हालात गंभीर, 35 लोगों की मौत

बीबीसी न्यूज़, 06 अक्तूबर, २००८. असम के बोडो आदिवासियों और बांग्लादेशी मुसलमानों के बीच शुक्रवार से भड़की हिंसा अब पाँच ज़िलों में फैल गई है. अबतक 35 लोग मारे जा चुके हैं.

सोमवार को स्थिति और गंभीर होती नज़र आ रही है क्योंकि बोडो आदिवासियों और मुसलमानों के बीच जारी संघर्ष में अब राभा आदिवासी भी शामिल हो गए हैं.

दो दिनों से जारी इस संघर्ष का दायरा बढ़ता जा रहा है. पश्चिमी असम इसमें शामिल हो गया है जहाँ राभा आदिवासियों के साथ संघर्ष में 10 लोग घायल हो गए हैं.

अभी तक कि हिंसा में 100 से भी ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.

ताज़ा हिंसा की इन घटनाओं और व्याप्त तनाव को देखते हुए प्रभावित इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है.

इस संघर्ष में सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है असम का उदालगुड़ी ज़िला जहाँ 24 लोग मारे गए हैं. इसके अलावा दरांग में नौ लोगों के मारे जाने की और बक्सा में एक व्यक्ति के मारे जाने की ख़बर है.

हालांकि सोनितपुर ज़िले से किसी के मारे जाने की अभी तक ख़बर नहीं मिली है पर वहाँ हिंसक झड़पों के बाद तनाव व्याप्त है.

चिंताजनक स्थिति

सोमवार को असम के पश्चिमी ज़िले गोलपारा में मुस्लिम और राभा आदिवासियों के बीच संघर्ष की ख़बरें आ रही हैं.

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक इस संघर्ष में क़रीब 10 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है.

राज्य पुलिस ने दंगे की स्थिति से निपटने के लिए कड़ा रुख़ भी अपनाया है. इसके बावजूद राज्य में संघर्ष का दायरा बढ़ता जा रहा है.

पुलिस ने शनिवार और रविवार को हिंसक घटनाओं को रोकने और नियंत्रित करने के लिए 12 जगहों पर गोलियाँ भी चलाईं जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई.

पुलिस का कहना है कि ये लोग आगजनी और लूटपाट कर रहे थे.

क्यों भड़की हिंसा..?

दरअसल, तनाव की स्थिति तब पैदा हुई जब बोडो आदिवासियों ने आरोप लगाया कि मुसलमानों ने उनके मवेशी चुराए हैं. इसके बाद मुसलमानों के कुछ गाँवों पर हमला हुआ और कई घरों को आग लगा दी गई.

इसके बाद अगले दिन यानी शनिवार की सुबह एक मुसलमान व्यक्ति का शव उदालगुड़ी में कलेक्टर कार्यालय के सामने मिला. शव मिलने के बाद मुसलमानों में असंतोष व्याप्त हो गया और हिंसा फैल गई। घटना से नाराज़ मुसलमानों ने बोडो आदिवासियों के कई गाँवों पर हमला कर दिया.

पुलिस को रौता पुलिस थाने में दो जगहों और डेरागाँव पुलिस थाने में एक जगह गोलियाँ चलानी पड़ीं. इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई. रात तक रौता और सिमालगुड़ी गाँव से आठ और शव बरामद हुए.

इसके बाद दरांग ज़िले में हिंसा फैल गई, जहाँ बेसिमारी और बालाबाड़ी गाँवों में 30 घरों को आग लगा दी गई. सोनितपुर ज़िला भी हिंसा प्रभावित है. सोमवार तक बक्सा और गोलपुरा ज़िले भी इस हिंसा की चपेट में आ गए.

स्थिति तनावपूर्ण

दो दिनों की हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से तेज़ी से प्रयास किए जा रहे हैं पर हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है.

प्रभावित इलाकों में प्रशासन की ओर से स्थानीय स्कूलों में राहत शिविर भी लगाए गए हैं. सरकारी हवाले से बताया गया है कि इन शिविरों में 80 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों ने शरण ले रखी है.

राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी समुदायों से अपील की है कि वे शांति और अमन की स्थिति बहाल करने में अपनी मदद दें.

वहीं तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित न कर पाने की वजह से उदालगुड़ी के जिलाधिकारी का तबादला भी कर दिया गया है.

हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करके लौटे पत्रकारों के मुताबिक अभी भी स्थिति चिंताजनक है और पुलिस की तैनाती कम होने की वजह से हिंसक घटनाएं पूरी तरह से रोकी नहीं जा सकी हैं.

उधमपुर में फिर तनाव, पुलिस तैनात

दैनिक जागरण , ५ अक्तूबर २००८, बिलासपुर(रामपुर): उधमपुर गांव में फिर तनाव हो गया। लाउडस्पीकर बजाने को लेकर एक वर्ग ने कुछ शरारतीतत्वों में धार्मिक स्थल पर धावा बोल पूजन सामग्री फेंक दी और लाउडस्पीकर बंद करा दिया। विरोध में दूसरे वर्ग के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रशासन ने गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया है। सोमवार को प्रशासन की मध्यस्थता में दोनों वर्गो के बीच बैठक होगी।

खजुरिया के ग्राम उधमपुर में पूजा स्थल पर लाउडस्पीकर के माध्यम से भजन, कीर्तन को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा है। पिछले दिनों भी विवाद बढ़ गया था। प्रशासन ने रमजान माह के चलते दोनों समुदायों के बीच समझौता करा दिया था। नवरात्र के चलते रविवार को सवेरे हिन्दू समुदाय के लोग पूजा स्थल में पूजा अर्चना के अलावा डेक पर आरती की कैसेट बजा रहे थे। आरोप है कि दूसरे वर्ग के लोगों ने हथियारों से लैस होकर धावा बोल दिया। उन्होंने पूजा स्थल के भीतर रखी पूजा-अर्चना की सामग्री को बाहर फेंक दिया तथा डेक को बंद कराने के अलावा जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर जाने से मारने की धमकी दी। घटना की खबर मिलते ही गांव में तनाव फैल गया। हिन्दू समुदाय के लोग उपजिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे, जहां पर राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवरतन भारती के नेतृत्व में धरना देकर प्रदर्शन किया और दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। बाद में इस मांग का ज्ञापन सौंपा। उधर तनाव के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कल दोनों वर्गो की बैठक होगी।

धार्मिक स्थल बनाने को लेकर बेहटरा में गर्माया माहौल

दैनिक जागरण, ७ अक्तूबर २००८, मई-बसई (बदायूं)। वजीरगंज क्षेत्र के गाम बेहटरा में एक समुदाय के लोगों ने धर्मिक स्थल के निर्माण का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस हरकत में आ गयी और छह लोगों को पकड़ लिया। पुलिस ने निर्माण कार्य तत्काल रूकवा दिया। पकड़े गये लोगों का शांति भंग में चालान कर दिया है।

बेहटरा गांव में बीती 4 अक्तूबर को एक समुदाय के लोगों ने धार्मिक स्थल बनाने के लिए गोपनीय ढंग से नींव खोद ली और नींव भरने के लिए ईटें भी मंगवा ली। धार्मिक स्थल बनने की सूचना से गांव में तनाव की स्थिति हो गयी। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस गांव पहुंची। पुलिस ने निर्माण कार्य रूकवा दिया साथ ही काम कर रहे छह लोगों को पकड़ लिया और थाने ले आयी।

सूचना पर सीओ बिसौली आरडी पाठक भी पहुंच गये। उन्होंने बताया कि सूचना यह थी कि कुछ लोग मस्जिद बना रहे हैं जब वह मौके पर गये और उन्होंने पूछताछ की तो उन लोगों ने बताया कि वह बारात घर बना रहे है उसी के लिए नींव खुदवाई जा रही है। सीओ ने निर्माण कार्य करा रहे लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत पर यहां कोई धार्मिक स्थल नहीं बनना चाहिए। अगर मस्जिद बनानी है तो पहले शासन, प्रशासन ने अनुमति लें। इधर पकड़े गये लोगों का शांति भंग की धारा 151 के तहत चालान कर दिया गया।

बालुरघाट में सामुदायिक हिंसा,50 घायल

दैनिक जागरण, ७ अक्टूबर २००८, बालुरघाट (दक्षिण दिनाजपुर) : जिले के बालुरघाट व कुमारगंज थाने के क्रमश: बाउल व दियोर इलाके में रविवार की आधी रात को दो समुदाय के बीच भड़की हिंसा में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक समेत 50 लोग घायल हो गये। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा व आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जब इससे भी बात नहीं बनी तो उसे तीन चक्र हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में 37 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तनाव के मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। बीएसएफ ने मोर्चा संभालते हुए इलाके में फ्लैग मार्च किया। हिंसा एक धार्मिक स्थान को अपवित्र किये जाने को लेकर हुई। वहां तीन दिनों तक पूजा रोक दी गयी है। जिला प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है। जानकारी अनुसार जैसे ही एक धर्मस्थल के अपवित्र किये जाने की खबर फैली दो समुदाय के लोग उग्र हो गये और दोनों ने एक-दूसरे पर लाठी, दाब, कुदाल आदि से हमला कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी स्वप्न कुमार चटर्जी व स्वप्न बनर्जी पूर्णपात्र दल-बल के साथ वहां पहुंचे। उनके लाख समझाने-बुझाने के बाद जब उग्र भीड़ नहीं मानी तो पुलिस को पहले उसे तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और फिर लाठियां चटकायीं। फिर भी उग्र भीड़ नहीं मानी तो तीन चक्र हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। इससे भीड़ और आक्रोशित हो गयी और पुलिस-प्रशासन पर पथराव कर दिया। पथराव में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गये। बाद में उग्र व हिंसक भीड़ ने दियोर से सात किलोमीटर दूर बाउल के दस नंबर राजमार्ग पर सोमवार की सुबह नौ बजे टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। हालांकि इसकी सूचना पाते ही गंगारामपुर महकमा के एसडीपीओ, शांतिरंजन योंजन, बालुरघाट थाने के आईसी धर्मदेव चटर्जी पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गये। वहां पुलिस के साथ उग्र भीड़ का संघर्ष हो गया। जब पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी तो बीएसएफ की 57 नंबर बटालियन की दो कंपनी जवानों को तैनात किया गया। तब जाकर स्थिति संभली। जिलाधिकारी स्वपन चटर्जी ने बताया कि निसिगंज बस्ती में एक धार्मिक स्थल को अपवित्र करने वालों की तलाश की जा रही है। संघर्ष में 50 लोग जख्मी हुए हैं। हिंसा फैलाने वाले 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसडीपीओ श्री योंजन ने बताया कि पुलिस ने बाउल से 17 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। दियोर में 144 धारा लागू कर दी गयी है। पूजा कमेटी ने अगले तीन दिनों तक पूजा का आयोजन बंद कर दिया है। बीएसएफ प्रभावित इलाकों में गश्त लगा रही है।