Tuesday, October 7, 2008

यूपी: तोड़फोड़ के बाद संप्रदायिक तनाव

दैनिक जागरण, ६ अक्टूबर , लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सोमवार को नमाज स्थल में हुई तोड़फोड़ के बाद पैदा हुए तनाव से उग्र हुई भीड़ को तितर-वितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग व लाठीचार्ज करना पड़ा। दोनों समुदाय के बीच हुए संघर्ष में कम से कम पांच लोग घायल हो गएं।

सहारनपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र के मेहरबानी गांव में अली हसन ने अपने घर में नमाज स्थल बना रखा था। इसे लेकर 1995 में भी तनाव हुआ था। उस समय दोनों समुदायों में हुए समझौते के अनुसार उक्त नमाज स्थल का उपयोग केवल अली हसन और उसके परिवार के द्वारा ही होना था।

पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि अली हसन ने रविवार को कुछ अन्य लोगों को भी नमाज अता करने के लिए बुला लिया था और नमाज स्थल पर कुछ नया निर्माण भी करा लिया था।

आनंद कुमार के अनुसार करीब तीन हजार आबादी वाले गांव के दूसरे समुदाय ने समझौते का उल्लंघन बताते हुए नमाजस्थल को तोड़ दिया। उसके ऊपर रखे छप्पर को उखाड़ दिया और खंभों को भी तोड़ दिया गया।

उन्होंने बताया कि इसके तोडे़ जाने की खबर गांव से 20 किलोमीटर दूर बेहटा कस्बे में जब पहुंची तो वहां भी तनाव व्याप्त हो गया। बेहटा में भी तोड़फोड़ शुरू हो गई और पथराव किया गया जिसमें कई लोग घायल हुए।

उन्होंने बताया कि बेहटा से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग गांव की ओर बढ़े और गांव और गांव के बाहर स्थित कुछ घरों में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस को उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी। रबर बुलेट दागे गए लाठी चार्ज करना पड़ा। आनंद कुमार के अनुसार पुलिस के बल प्रयोग में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन दोनों समुदाय के आपसी संघर्ष में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं।

Monday, October 6, 2008

Hindu temples in Fiji looted

October 6,2008, Radio Australia , In the Fijian town of Nausori, three Hindu temples have been looted and another partially destroyed by fire.

The Fiji Times reports the temples, located within less than five kilometres of each other are believed to have been entered early yesterday morning.

People living in the area believe the robberies were planned and are pleading to be left alone during the current prayer seasons and approaching Diwali celebrations at the end of the month.

Surendra Prasad, caretaker of the partly burnt and most damaged Naga Baba Kuti Raralevu Temple has told the Fiji Times such attacks are a shame.

The temple, famous for its 108 steps, is the largest temple in Nausori and attracts worshippers from around the country.

मालेगांव में बम विस्फोट,चार मृत

30 सितम्बर २००८, वार्ता, नासिक। महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव नगर में कल हुए एक विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।

सूत्रों के अनुसार नुरामी मस्जिद के पास अंजुमन चौक क्षेत्र में कल रात करीब पौने दस बजे हुए इस विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है जबकि घायलों की संख्या 50 से अधिक है। घायलों का यहां के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां कुछ की हालत गंभीर बताई गई है।

सूत्रों के अनुसार इस विस्फोट में तो कम ही लोग मरे गए हैं, लेकिन इसके बाद मची भगदड़ में कई लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में भी कई लोग घायल हो गए। स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर मालेगांव के पूर्वी क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार विस्फोटस्थल से एक मोटरसाइकिल का मलबा बरामद हुआ है। ऐसी आशंका जताई गई है कि यह कम तीव्रता वाला देशी बम संभवतः उसी मोटरसाइकिल पर रखा गया था।

घटना के बाद कुछ लोगों ने पथराव किया और पुलिस की एक चौकी को आग लगाने के साथ ही कुछ पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके कारण साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इस नगर में तनाव है।

पुलिस ने उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ हवा में फायरिंग की। विस्फोट के बाद पथराव और भगदड़ में आठ से दस पुलिसकर्मियों सहित 50 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है। जगह-जगह पर बेरीकेटिंग लगा दी गई हैं। इसके साथ ही नासिक से राज्य रिजर्व पुलिस बल के जवानों को मालेगांव बुलाया गया है। पुलिस के अनुसार फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन काबू में है।

ठाणे में साम्प्रदायिक झड़प, 1 की मौत

30 सितम्बर २००८, सीएनएन-आईबीएन, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नाशिक जिले के मालेगांव में कल हुए विस्फोट के बाद ठाणे जिले में भी साम्प्रदायिक झड़प होने की खबर मिली है। इस झड़प में 1 व्यक्ति की मौत हो गई है।

ठाणे जिले के राबोडी इलाके में आज से शुरु हो रहे नवरात्रि त्योहार को लेकर एक पंडाल लगाए जाने के मामले पर विवाद ने झड़प का रुप ले लिया, जिसमें करीब 50 लोग घायल हो गए।

पुलिस के अनुसार, एक खास समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि ये पंडाल उनके इलाके का अतिक्रमण कर रहा है। इसके बावजूद भी, नवरात्रि महोत्सव का आयोजन करने वाले स्थानीय मंडल समूह ने पंडाल लगाए जाने की बात पर अड़े रहे, और उसके बाद दोनों समुदाय में झड़प हो गई।

इस पूरे इलाके में धारा 144 लागू किए जाने के बावजूद भी कई जगहों पर वाहनों पर पत्थरबाजी किए जाने की घटना घटित हुई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री आर.आर.पाटिल ने ठाणे के इस हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा किया।

मालेगांव में हिंसाः

मालेगांव में भी कल रात भीकू चौक इलाके में हुए विस्फोट के बाद हिंसक घटनाओं की खबर मिली है। विस्फोट के ठीक बाद गुस्साए भीड़ ने पुलिस बलों पर पत्थरबाजी की, जिसमें अतिरिक्त सहायक पुलिस अधीक्षक विरेश प्रभु समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।

दरअसल, इस विस्फोट के बाद नाशिक जिले के इस संवेदनशील इलाके में तनाव फैल गया था।

महाराष्‍ट्र के धुले में कर्फ्यू जारी

अक्‍टूबर 2008 , आईबीएन-7 , धुले। महाराष्‍ट्र के धुले शहर में रविवार दोपहर दो गुटों में हुई झड़प के बाद भड़की हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी।

हिंसा एक गुट के द्वारा लगाए गए पोस्‍टर फाड़ने की वजह से हुई। इससे दूसरा गुट नाराज हो गया और दोनों गुट एक दूसरे से भिड़ गए। दोनों ने एक दूसरे पर पत्‍थरबाजी की और कांच फेंके।

जल्‍द ही पूरा शहर हिंसा की चपेट में आ गया। हिंसा कर रहे लोगों ने दर्जनों वाहनों को निशाना बनाया। करीब दो घंटे तक लोग शहर भर में उत्‍पाद मचाते रहे और पुलिस इन पर काबू नहीं पा सकी।

इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में गोलियां चलाई। इसके बावजूद उपद्रवी भीड़ को काबू नहीं किया जा सका। इसके बाद पुलिस ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया। घायलों को शहर के सरकारी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

फिलहाल धुले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इसके पूर्व मुम्‍बई से सटे ठाणे शहर में भी एक पंडाल का द्वार लगाने को लेकर हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 1 व्‍यक्ति की मौत हो गई थी।

Monday, September 29, 2008

दिल्ली में फिर धमाका, एक की मौत

दैनिक जागरण, २७ सितम्बर, २००८, नई दिल्ली। राजधानी में 13 सितंबर को हुए धमाकों के बाद एक शनिवार ही शांति से गुजरा था कि दूसरे शनिवार फिर एक बम विस्फोट हो गया। इस बार दक्षिण दिल्ली के महरौली क्षेत्र में भीड़ भरे सराय बाजार को निशाना बनाया गया। धमाकों में नौ साल के एक लड़के की मौत हो गई और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सात की हालत गंभीर है। पुलिस को कुछ कहते नहीं बन रहा।

जानकारी के अनुसार, महरौली में अंधेरिया मोड़ के निकट स्थित सराय बाजार में दोपहर 2.15 बजे काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक पहुंचे। पीछे बैठे युवक के हाथ में एक लिफाफा था। युवक ने सड़क पर लिफाफा गिरा दिया। पास में ही खडे़ एक बच्चे संतोष ने उसे यह समझ कर उठा लिया कि मोटरसाइकिल सवार से लिफाफा गलती से गिर गया है। उसने आवाज लगाई, लेकिन तब तक वे मोटरसाइकिल सवार वहां से निकल चुके थे। इस बीच धुआं निकलते देख बच्चे ने लिफाफा नीचे फेंक दिया। तभी तेज धमाके के साथ उसके चीथड़े उड़ गए।

विस्फोट स्थल पर हर तरफ धुआं फैल गया। बाजार में अफरातफरी मच गई। धुआं कम होने पर पता चला कि कई लोग सड़क पर घायल होकर गिरे हुए हैं। वहां मौजूद लोगों ने फुर्ती से घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाना शुरू किया। पुलिस को भी सूचना दी गई।

पुलिस ने पहुंचते ही बाजार सील कर दिया। घटनास्थल की जांच के लिए दिल्ली पुलिस के बम निरोधक दस्ते के साथ डाग स्क्वाड और एनएसजी की टीम भी पहुंच गई। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी एक घंटे के अंदर मौके पर पहुंच गए। बाद में पुलिस ने बताया कि काली बाइक पर काले कपड़े और काले हेलमेट पहने दो युवकों ने बम रखा।

आज के विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और पोटैशियम का इस्तेमाल किया गया बताया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि करीब डेढ़ इंच लंबी कीलों के साथ अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया, ताकि कील चुभने से लोगों को ज्यादा नुकसान हो। सल्फर का प्रयोग धुआं निकलने के लिए किया गया। इन विस्फोटकों की पैकिंग लूज थी, इसलिए धमाका निम्न स्तर का हुआ।

एम्स तथा ट्रामा सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार, कुल चौबीस घायलों को अस्पताल लाया गया था। बाद में गृह मंत्री शिवराज पाटिल घायलों का हाल-चाल जानने एम्स पहुंचे। दिल्ली सरकार ने मृतक के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी शनिवार की घटना पर गहरा अफसोस जताया है। प्रधानमंत्री फ्रांस की यात्रा पर हैं। यहां उनके कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. नारायणन लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दिल्ली में हुए धमाके की निंदा की है और मारे गए व घायल लोगों के प्रति संवेदना जताई है।

दिल्ली में इससे पहले हुए आतंकी हमले

13 सितंबर 2008: करोलबाग, कनाट प्लेस, ग्रेटर कैलाश में हुए बम धमाकों में 20 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हो गए।

29 अक्टूबर 2005: सरोजिनी नगर/पहाड़गंज/गोविंदपुरी में हुए धमाकों में 59 लोगों की जान गई व 155 घायल हुए।

13 दिसंबर 2001: संसद पर हुए हमले में 11 लोग मारे गए और 30 घायल हो गए।

18 जून 2000: लाल किले पर हुए हमले में 2 लोग मारे गए।

16 अप्रैल 1999: होलंबीकलां रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके में 2 लोग मारे गए।

26 जुलाई 1998: अंतरराज्यीय बस अड्डे पर हुए विस्फोट में 2 लोगों की मौत, 3 घायल।

30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग में हुए विस्फोट में 4 लोग मारे गए तथा 30 घायल।

30 नवंबर 1997: चांदनी चौक में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए और 73 घायल हो गए।

1 अक्टूबर 1997: फ्रंटियर मेल में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए।

मूर्ति रखने को लेकर विवाद

दैनिक जागरण, मईल, लार रोड , 28 सितम्बर २००८।

रविवार को मईल थाना क्षेत्र के लार रोड रेलवे स्टेशन पर मूर्ति रखने को लेकर दो समुदायों में कहा सुनी हो गयी। सूचना पाकर पहुंची मईल पुलिस ने मामले

को शांत कराया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस गश्त कर रही थी।

Friday, September 26, 2008

धमाकों के आरोपियों की मदद देशहित में

Sep 26, २००८, नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति के दिल्ली बम विस्फोटों के मामले में आरोपी दो छात्रों को कानूनी सहायता देने के फैसले का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम देशहित में है।

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुशरुल हसन शुक्रवार को अर्जुन सिंह से मिले और दिल्ली बम विस्फोटों के मामले में आरोपी दो छात्रों को विश्वविद्यालय के कानूनी सहायता देने के फैसले से अवगत कराया। भाजपा ने कुलपति के इस फैसले का विरोध किया है।

अर्जुन सिंह ने कहा कि इस मामले में छात्रों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने में कोई हर्ज नहीं है और मुझे पूरा ब्यौरा मिल गया है। कुलपति ने मुझे जो कुछ बताया है, उससे मुझे ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय का यह फैसला देश के हित में है।

वहीं, भाजपा ने कुलपति के इस फैसले को बर्बर, राष्ट्र विरोधी और बेहद आपत्तिजनक बताते हुए कुलपति की बर्खास्तगी की मांग की है।

अर्जुन सिंह से मुलाकात के बाद हसन ने कहा कि भाजपा का यह आरोप बेबुनियाद है कि विश्वविद्यालय छात्रों को कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। हसन ने कहा कि दोनों छात्रों को कानूनी सहायता देने का फैसला विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद द्वारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता हासिल करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। हम अपने फैसले पर अडिग हैं और मेरे इस्तीफा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में कक्षाएं सामान्य रूप से चल रही हैं और हाल की घटनाओं से छात्रों का विश्वास प्रभावित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके संबोधन और उसके बाद शांति मार्च निकालने से छात्रों का विश्वास और बढ़ा है। हसन से सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे को राजनीतिक रूप नहीं दें। अगर यह राजनीतिक मुद्दा हो गया तो यह अच्छा नहीं होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनको कोई धमकी मिली है हसन ने कहा कि इससे सिद्धांत प्रभावित नहीं होने चाहिए।

संदिग्धों को कानूनी मदद देगा जामिया

नई दिल्ली (भाषा), बुधवार, 24 सितंबर २००८ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अपने दो निलंबित छात्रों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगा, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में हुए विस्फोट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

विश्वविद्यालय की प्रवक्ता रक्षंदा जलील ने कहा कि जब तक उन्हें दोषी नहीं पाया जाता तब तक उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। विश्विद्यालय ने प्रथम दृष्टया छात्रों को दिल्ली विस्फोट में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था।

गोधरा में साजिशन जलाई गई थी बोगी

दैनिक जागरण, २६ सितम्बर २००८. अहमदाबाद। छह साल पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे को पूर्व नियोजित साजिश के तहत आग के हवाले किया गया था। गुजरात सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए गठित एक आयोग का यही निष्कर्ष है। इस आयोग ने पिछले दिनों राज्य सरकार को अपनी आंशिक रिपोर्ट सौंपी थी। बृहस्पतिवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच इसे विधानसभा में पेश किया गया। रिपोर्ट में बोगी जलाए जाने के बाद भड़के दंगों के सिलसिले में राज्य की नरेंद्र मोदी सरकार और पुलिस-प्रशासन को पाक-साफ करार दिया गया है। इन दंगों में एक हजार से भी ज्यादा लोग मारे गए थे।

साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग के हवाले करने के पीछे मुख्य साजिशकर्ता के रूप में मौलाना उमरजी का नाम सामने आया है। नानावटी आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 फरवरी, 2002 को सुबह आठ बजे जब रामसेवक अयोध्या से गुजरात लौट रहे थे, तब गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 तथा एस-7 कोच पर दस से बीस मिनट तक पथराव किया गया। इसके बाद आरोपियों ने कोच के दरवाजे खोल कर पेट्रोल उड़ेल दिया। फिर हसन लालू ने जलते कपड़े फेंक कर कोच को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में 59 कारसेवक जिंदा जल गए। इनमें 27 महिलाएं तथा 10 बच्चे थे। 48 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए सलीम पानवाला तथा रजाक कुर्कुर नामक दो युवकों ने 26 फरवरी को रात्रि दस बजे 140 लीटर पेट्रोल खरीदा था। मौलवी उमरजी, रजाक कुर्कुर तथा पानवाला के अलावा इस साजिश में सौकत लालू, इमरान शेरी, रफीक बटुक, सलीम जरदा, जब्बीर, सीराजवाला को भी लिप्त बताया गया है।

समूची साजिश गोधरा के अमन गेस्ट हाउस में रची गई। रात को पेट्रोल भी यहीं पर रखा गया था। आयोग के मुताबिक आरोपियों ने राच्य सरकार, प्रशासन तंत्र तथा जनता में भय व आतंक पैदा करने के लिए इस घृणास्पद षड्यंत्र को अंजाम दिया।

आयोग ने गोधरा काड के बाद भड़के दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों तथा पुलिस अधिकारियों को क्लीन चिट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समूची घटना में मुख्यमंत्री समेत सरकार तथा प्रशासन के किसी भी व्यक्ति का हाथ होने के कोई सबूत नहीं है।

आयोग ने दंगा पीड़ितों को सुरक्षा, राहत एवं पुनर्वास के मामले में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम को संतोषजनक बताते हुए कहा है कि इस संबंध में मानव अधिकार आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने की कोई शिकायत नहीं है।

विधानसभा में यह रिपोर्ट पेश किए जाने के वक्त विपक्षी काग्रेस के सदस्य सदन से बाहर चले गए। काग्रेस ने सरकार पर इसे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास बताते हुए नाटक करार दिया है।

छह साल में 12 बार बढ़ा कार्यकाल

गुजरात सरकार ने गोधरा काड तथा इसके बाद भड़के दंगों की जाच के लिए 6 मार्च, 2002 को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश केजी शाह की नियुक्ति की। 21 मई को सुप्रीमकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जीटी नानावटी को भी इसमें बतौर अध्यक्ष शामिल कर लिया गया। 22 मार्च, 2008 को शाह के निधन के बाद उनके स्थान पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश अक्षय मेहता को आयोग में नियुक्त किया गया। आयोग का कार्यकाल पिछले छह वर्ष में 12 बार बढाया गया। हाल में कार्यकाल 31 दिसंबर, 2008 तक बढ़ाया गया है।

जटिल जांच

नानावटी आयोग ने जनता से 44 हजार 275 शपथ पत्र तथा आवेदन पत्र, राज्य सरकार की ओर से दो हजार 19 शपथ पत्र तथा एक हजार सोलह गवाहों से पूछताछ के बाद 168 पेज तथा 230 पैराग्राफ की रिपोर्ट का प्रथम हिस्सा तैयार किया है।

बनर्जी आयोग ने बताया था हादसा

गोधरा कांड की जांच के लिए रेल मंत्रालय ने भी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज यूसी बनर्जी की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग बनाया था। इस आयोग ने गोधरा कांड को हादसा करार दिया था।