Monday, September 29, 2008

दिल्ली में फिर धमाका, एक की मौत

दैनिक जागरण, २७ सितम्बर, २००८, नई दिल्ली। राजधानी में 13 सितंबर को हुए धमाकों के बाद एक शनिवार ही शांति से गुजरा था कि दूसरे शनिवार फिर एक बम विस्फोट हो गया। इस बार दक्षिण दिल्ली के महरौली क्षेत्र में भीड़ भरे सराय बाजार को निशाना बनाया गया। धमाकों में नौ साल के एक लड़के की मौत हो गई और 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सात की हालत गंभीर है। पुलिस को कुछ कहते नहीं बन रहा।

जानकारी के अनुसार, महरौली में अंधेरिया मोड़ के निकट स्थित सराय बाजार में दोपहर 2.15 बजे काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक पहुंचे। पीछे बैठे युवक के हाथ में एक लिफाफा था। युवक ने सड़क पर लिफाफा गिरा दिया। पास में ही खडे़ एक बच्चे संतोष ने उसे यह समझ कर उठा लिया कि मोटरसाइकिल सवार से लिफाफा गलती से गिर गया है। उसने आवाज लगाई, लेकिन तब तक वे मोटरसाइकिल सवार वहां से निकल चुके थे। इस बीच धुआं निकलते देख बच्चे ने लिफाफा नीचे फेंक दिया। तभी तेज धमाके के साथ उसके चीथड़े उड़ गए।

विस्फोट स्थल पर हर तरफ धुआं फैल गया। बाजार में अफरातफरी मच गई। धुआं कम होने पर पता चला कि कई लोग सड़क पर घायल होकर गिरे हुए हैं। वहां मौजूद लोगों ने फुर्ती से घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाना शुरू किया। पुलिस को भी सूचना दी गई।

पुलिस ने पहुंचते ही बाजार सील कर दिया। घटनास्थल की जांच के लिए दिल्ली पुलिस के बम निरोधक दस्ते के साथ डाग स्क्वाड और एनएसजी की टीम भी पहुंच गई। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी एक घंटे के अंदर मौके पर पहुंच गए। बाद में पुलिस ने बताया कि काली बाइक पर काले कपड़े और काले हेलमेट पहने दो युवकों ने बम रखा।

आज के विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और पोटैशियम का इस्तेमाल किया गया बताया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि करीब डेढ़ इंच लंबी कीलों के साथ अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया, ताकि कील चुभने से लोगों को ज्यादा नुकसान हो। सल्फर का प्रयोग धुआं निकलने के लिए किया गया। इन विस्फोटकों की पैकिंग लूज थी, इसलिए धमाका निम्न स्तर का हुआ।

एम्स तथा ट्रामा सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार, कुल चौबीस घायलों को अस्पताल लाया गया था। बाद में गृह मंत्री शिवराज पाटिल घायलों का हाल-चाल जानने एम्स पहुंचे। दिल्ली सरकार ने मृतक के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी शनिवार की घटना पर गहरा अफसोस जताया है। प्रधानमंत्री फ्रांस की यात्रा पर हैं। यहां उनके कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. नारायणन लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दिल्ली में हुए धमाके की निंदा की है और मारे गए व घायल लोगों के प्रति संवेदना जताई है।

दिल्ली में इससे पहले हुए आतंकी हमले

13 सितंबर 2008: करोलबाग, कनाट प्लेस, ग्रेटर कैलाश में हुए बम धमाकों में 20 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हो गए।

29 अक्टूबर 2005: सरोजिनी नगर/पहाड़गंज/गोविंदपुरी में हुए धमाकों में 59 लोगों की जान गई व 155 घायल हुए।

13 दिसंबर 2001: संसद पर हुए हमले में 11 लोग मारे गए और 30 घायल हो गए।

18 जून 2000: लाल किले पर हुए हमले में 2 लोग मारे गए।

16 अप्रैल 1999: होलंबीकलां रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके में 2 लोग मारे गए।

26 जुलाई 1998: अंतरराज्यीय बस अड्डे पर हुए विस्फोट में 2 लोगों की मौत, 3 घायल।

30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग में हुए विस्फोट में 4 लोग मारे गए तथा 30 घायल।

30 नवंबर 1997: चांदनी चौक में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए और 73 घायल हो गए।

1 अक्टूबर 1997: फ्रंटियर मेल में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए।

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