Friday, October 10, 2008

धर्मस्थल निर्माण पर आमने सामने आये दो समुदाय

दैनिक जागरण, १० अक्तूबर २००८, चित्रकूट। सदर ब्लाक के ग्राम सिमरिया चरण दासी में भूमि पर धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर दो समुदाय आमने सामने आ गये। जानकारी होते ही एसडीएम व सीओ ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आठ लोगों को शांति भंग की आशंका में पाबंद कर जेल भेज दिया। फिर भी गांव में तनाव है।

जानकारी के मुताबिक गुरुवार की सुबह मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित सेमरिया चरणदासी के मुस्लिम पुरवा मजरे में ग्राम सभा की जमीन पर लकड़ी गाड़कर चारों तरफ से रस्सी व बीच में एक गाय बंधी देखकर पूरे गांव के लोग उत्तेजित हो गये। गोकशी की आशंका से पूरा गांव उस भूमि के पास एकत्र होकर भूमि के कब्जे व गाय बांधने का विरोध करने लगा। ग्रामीण लालमन व सुखलाल ने बताया कि बगैर ग्राम सभा की मंजूरी के दूसरे समुदाय के लोग धार्मिक स्थल बनाने का प्रयास कर रहे थे। इसी मामले में दूसरे समुदाय का कहना है कि ग्राम सभा की भूमि पर निर्माण की अनुमति प्रधान से ले ली गयी है। जबकि ग्राम प्रधान शांति देवी ने साफ कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव ही उनके सामने आया। भूमि नम्बर 334 ग्राम सभा की है। उस पर कोई भी निर्माण जबरन नही करने दिया जायेगा। पूरे गांव में तनाव बढ़ता ही जा रहा था तभी किसी ने पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दे दी। मौके पर एसडीएम ऋषिकेश भास्कर व सीओ आलोक जायसवाल पहुंचे। दोनों पक्षों के लोगों से यथा स्थिति की जानकारी ली। उप जिलाधिकारी ने माना है कि गांव में धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर दो समुदायों को लेकर तनाव था। भूमि ग्राम सभा की ही है। गलतफहमी के चलते यह स्थिति बनी। सीओ के अनुसार एक समुदाय के आठ लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Wednesday, October 8, 2008

असम में स्थिति गंभीर, 47 मरे

बीबीसी , 07 अक्तूबर, २००८. भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में शुक्रवार को बांग्लादेशी मुसलमानों और स्थानीय कबीलों के बीच शुरु हुआ संघर्ष राज्य के कई और इलाक़ों में फैल गया है जिसमें मरने वालों की संख्या अब 47 तक पहुंच गई है.

राज्य के पश्चिमी ज़िले चिरांग से हिंसा की ताज़ा ख़बरें हैं जहां बोडो लोगों ने दूसरे समुदाय के कम से कम तीन लोगों को मार दिया है. मारे जाने वालों में एक गर्भवती महिला भी हैं.

उधर ग्वालपाड़ा ज़िले में राबा कबीले के लोगों और मुस्लिम समुदाय के बीच हुई झड़प में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि सबसे बुरी तरह प्रभावित उदालगिरी और दरांग ज़िलों में भी कुछ घायलों की मौत हुई है.

असम पुलिस दंगों को रोकने का प्रयास कर रही है. शुक्रवार और शनिवार को कम से कम 12 स्थानों पर पुलिस ने गोलिया चलाईं जिसमें 16 लोग मारे गए. ये लोग हिंसा और आगजनी कर रहे थे.

बाकी लोग सामुदायिक हिंसा में मारे गए हैं.

अभी तक इन दंगों में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं जिसमें से कई की हालत गंभीर है. अब तक राज्य के छह ज़िले इस हिंसा से प्रभावित हो चुके हैं.

सबसे अधिक प्रभावित ज़िला उदालगिरी है जहां 25 लोग मारे गए हैं. पड़ोस के दरांग ज़िले में नौ लोग जबकि बक्सा में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

हिंसा का यह दौर उस समय शुरु हुआ जब शुक्रवार को यह अफ़वाह फ़ैली कि कुछ मुस्लिमों ने उदालगिरी ज़िले में बोडो कबीले के रौता गांवों से मवेशी चुराए हैं.

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस अफ़वाह के फ़ैलने के बाद स्थिति और ख़राब हुई कि कुछ मुस्लिम चरमपंथियों ने बम रखे हैं और पाकिस्तानी झंडे दिखाए.

इस समय हिंसा प्रभावित सभी इलाक़ों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इतना ही नहीं कई स्थानों पर दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.

राज्य में स्थिति से निपटने के लिए सेना को बुलाया गया है और उदालगिरी ज़िले के मुख्य ज़िला अधिकारी का तबादला कर दिया गया है.

उदालगिरी और दरांग ज़िले में कई स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं जहां बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं.

अधिकारियों के अनुसार राज्य में कम से कम 80 हज़ार लोग प्रभावित हैं.

Tuesday, October 7, 2008

असम में हालात गंभीर, 35 लोगों की मौत

बीबीसी न्यूज़, 06 अक्तूबर, २००८. असम के बोडो आदिवासियों और बांग्लादेशी मुसलमानों के बीच शुक्रवार से भड़की हिंसा अब पाँच ज़िलों में फैल गई है. अबतक 35 लोग मारे जा चुके हैं.

सोमवार को स्थिति और गंभीर होती नज़र आ रही है क्योंकि बोडो आदिवासियों और मुसलमानों के बीच जारी संघर्ष में अब राभा आदिवासी भी शामिल हो गए हैं.

दो दिनों से जारी इस संघर्ष का दायरा बढ़ता जा रहा है. पश्चिमी असम इसमें शामिल हो गया है जहाँ राभा आदिवासियों के साथ संघर्ष में 10 लोग घायल हो गए हैं.

अभी तक कि हिंसा में 100 से भी ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.

ताज़ा हिंसा की इन घटनाओं और व्याप्त तनाव को देखते हुए प्रभावित इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है.

इस संघर्ष में सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है असम का उदालगुड़ी ज़िला जहाँ 24 लोग मारे गए हैं. इसके अलावा दरांग में नौ लोगों के मारे जाने की और बक्सा में एक व्यक्ति के मारे जाने की ख़बर है.

हालांकि सोनितपुर ज़िले से किसी के मारे जाने की अभी तक ख़बर नहीं मिली है पर वहाँ हिंसक झड़पों के बाद तनाव व्याप्त है.

चिंताजनक स्थिति

सोमवार को असम के पश्चिमी ज़िले गोलपारा में मुस्लिम और राभा आदिवासियों के बीच संघर्ष की ख़बरें आ रही हैं.

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक इस संघर्ष में क़रीब 10 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है.

राज्य पुलिस ने दंगे की स्थिति से निपटने के लिए कड़ा रुख़ भी अपनाया है. इसके बावजूद राज्य में संघर्ष का दायरा बढ़ता जा रहा है.

पुलिस ने शनिवार और रविवार को हिंसक घटनाओं को रोकने और नियंत्रित करने के लिए 12 जगहों पर गोलियाँ भी चलाईं जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई.

पुलिस का कहना है कि ये लोग आगजनी और लूटपाट कर रहे थे.

क्यों भड़की हिंसा..?

दरअसल, तनाव की स्थिति तब पैदा हुई जब बोडो आदिवासियों ने आरोप लगाया कि मुसलमानों ने उनके मवेशी चुराए हैं. इसके बाद मुसलमानों के कुछ गाँवों पर हमला हुआ और कई घरों को आग लगा दी गई.

इसके बाद अगले दिन यानी शनिवार की सुबह एक मुसलमान व्यक्ति का शव उदालगुड़ी में कलेक्टर कार्यालय के सामने मिला. शव मिलने के बाद मुसलमानों में असंतोष व्याप्त हो गया और हिंसा फैल गई। घटना से नाराज़ मुसलमानों ने बोडो आदिवासियों के कई गाँवों पर हमला कर दिया.

पुलिस को रौता पुलिस थाने में दो जगहों और डेरागाँव पुलिस थाने में एक जगह गोलियाँ चलानी पड़ीं. इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई. रात तक रौता और सिमालगुड़ी गाँव से आठ और शव बरामद हुए.

इसके बाद दरांग ज़िले में हिंसा फैल गई, जहाँ बेसिमारी और बालाबाड़ी गाँवों में 30 घरों को आग लगा दी गई. सोनितपुर ज़िला भी हिंसा प्रभावित है. सोमवार तक बक्सा और गोलपुरा ज़िले भी इस हिंसा की चपेट में आ गए.

स्थिति तनावपूर्ण

दो दिनों की हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से तेज़ी से प्रयास किए जा रहे हैं पर हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है.

प्रभावित इलाकों में प्रशासन की ओर से स्थानीय स्कूलों में राहत शिविर भी लगाए गए हैं. सरकारी हवाले से बताया गया है कि इन शिविरों में 80 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों ने शरण ले रखी है.

राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी समुदायों से अपील की है कि वे शांति और अमन की स्थिति बहाल करने में अपनी मदद दें.

वहीं तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित न कर पाने की वजह से उदालगुड़ी के जिलाधिकारी का तबादला भी कर दिया गया है.

हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करके लौटे पत्रकारों के मुताबिक अभी भी स्थिति चिंताजनक है और पुलिस की तैनाती कम होने की वजह से हिंसक घटनाएं पूरी तरह से रोकी नहीं जा सकी हैं.

उधमपुर में फिर तनाव, पुलिस तैनात

दैनिक जागरण , ५ अक्तूबर २००८, बिलासपुर(रामपुर): उधमपुर गांव में फिर तनाव हो गया। लाउडस्पीकर बजाने को लेकर एक वर्ग ने कुछ शरारतीतत्वों में धार्मिक स्थल पर धावा बोल पूजन सामग्री फेंक दी और लाउडस्पीकर बंद करा दिया। विरोध में दूसरे वर्ग के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रशासन ने गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया है। सोमवार को प्रशासन की मध्यस्थता में दोनों वर्गो के बीच बैठक होगी।

खजुरिया के ग्राम उधमपुर में पूजा स्थल पर लाउडस्पीकर के माध्यम से भजन, कीर्तन को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा है। पिछले दिनों भी विवाद बढ़ गया था। प्रशासन ने रमजान माह के चलते दोनों समुदायों के बीच समझौता करा दिया था। नवरात्र के चलते रविवार को सवेरे हिन्दू समुदाय के लोग पूजा स्थल में पूजा अर्चना के अलावा डेक पर आरती की कैसेट बजा रहे थे। आरोप है कि दूसरे वर्ग के लोगों ने हथियारों से लैस होकर धावा बोल दिया। उन्होंने पूजा स्थल के भीतर रखी पूजा-अर्चना की सामग्री को बाहर फेंक दिया तथा डेक को बंद कराने के अलावा जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर जाने से मारने की धमकी दी। घटना की खबर मिलते ही गांव में तनाव फैल गया। हिन्दू समुदाय के लोग उपजिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे, जहां पर राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवरतन भारती के नेतृत्व में धरना देकर प्रदर्शन किया और दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की। बाद में इस मांग का ज्ञापन सौंपा। उधर तनाव के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कल दोनों वर्गो की बैठक होगी।

धार्मिक स्थल बनाने को लेकर बेहटरा में गर्माया माहौल

दैनिक जागरण, ७ अक्तूबर २००८, मई-बसई (बदायूं)। वजीरगंज क्षेत्र के गाम बेहटरा में एक समुदाय के लोगों ने धर्मिक स्थल के निर्माण का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस हरकत में आ गयी और छह लोगों को पकड़ लिया। पुलिस ने निर्माण कार्य तत्काल रूकवा दिया। पकड़े गये लोगों का शांति भंग में चालान कर दिया है।

बेहटरा गांव में बीती 4 अक्तूबर को एक समुदाय के लोगों ने धार्मिक स्थल बनाने के लिए गोपनीय ढंग से नींव खोद ली और नींव भरने के लिए ईटें भी मंगवा ली। धार्मिक स्थल बनने की सूचना से गांव में तनाव की स्थिति हो गयी। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस गांव पहुंची। पुलिस ने निर्माण कार्य रूकवा दिया साथ ही काम कर रहे छह लोगों को पकड़ लिया और थाने ले आयी।

सूचना पर सीओ बिसौली आरडी पाठक भी पहुंच गये। उन्होंने बताया कि सूचना यह थी कि कुछ लोग मस्जिद बना रहे हैं जब वह मौके पर गये और उन्होंने पूछताछ की तो उन लोगों ने बताया कि वह बारात घर बना रहे है उसी के लिए नींव खुदवाई जा रही है। सीओ ने निर्माण कार्य करा रहे लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत पर यहां कोई धार्मिक स्थल नहीं बनना चाहिए। अगर मस्जिद बनानी है तो पहले शासन, प्रशासन ने अनुमति लें। इधर पकड़े गये लोगों का शांति भंग की धारा 151 के तहत चालान कर दिया गया।

बालुरघाट में सामुदायिक हिंसा,50 घायल

दैनिक जागरण, ७ अक्टूबर २००८, बालुरघाट (दक्षिण दिनाजपुर) : जिले के बालुरघाट व कुमारगंज थाने के क्रमश: बाउल व दियोर इलाके में रविवार की आधी रात को दो समुदाय के बीच भड़की हिंसा में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक समेत 50 लोग घायल हो गये। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा व आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जब इससे भी बात नहीं बनी तो उसे तीन चक्र हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में 37 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तनाव के मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। बीएसएफ ने मोर्चा संभालते हुए इलाके में फ्लैग मार्च किया। हिंसा एक धार्मिक स्थान को अपवित्र किये जाने को लेकर हुई। वहां तीन दिनों तक पूजा रोक दी गयी है। जिला प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है। जानकारी अनुसार जैसे ही एक धर्मस्थल के अपवित्र किये जाने की खबर फैली दो समुदाय के लोग उग्र हो गये और दोनों ने एक-दूसरे पर लाठी, दाब, कुदाल आदि से हमला कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी स्वप्न कुमार चटर्जी व स्वप्न बनर्जी पूर्णपात्र दल-बल के साथ वहां पहुंचे। उनके लाख समझाने-बुझाने के बाद जब उग्र भीड़ नहीं मानी तो पुलिस को पहले उसे तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और फिर लाठियां चटकायीं। फिर भी उग्र भीड़ नहीं मानी तो तीन चक्र हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। इससे भीड़ और आक्रोशित हो गयी और पुलिस-प्रशासन पर पथराव कर दिया। पथराव में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गये। बाद में उग्र व हिंसक भीड़ ने दियोर से सात किलोमीटर दूर बाउल के दस नंबर राजमार्ग पर सोमवार की सुबह नौ बजे टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। हालांकि इसकी सूचना पाते ही गंगारामपुर महकमा के एसडीपीओ, शांतिरंजन योंजन, बालुरघाट थाने के आईसी धर्मदेव चटर्जी पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गये। वहां पुलिस के साथ उग्र भीड़ का संघर्ष हो गया। जब पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी तो बीएसएफ की 57 नंबर बटालियन की दो कंपनी जवानों को तैनात किया गया। तब जाकर स्थिति संभली। जिलाधिकारी स्वपन चटर्जी ने बताया कि निसिगंज बस्ती में एक धार्मिक स्थल को अपवित्र करने वालों की तलाश की जा रही है। संघर्ष में 50 लोग जख्मी हुए हैं। हिंसा फैलाने वाले 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसडीपीओ श्री योंजन ने बताया कि पुलिस ने बाउल से 17 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। दियोर में 144 धारा लागू कर दी गयी है। पूजा कमेटी ने अगले तीन दिनों तक पूजा का आयोजन बंद कर दिया है। बीएसएफ प्रभावित इलाकों में गश्त लगा रही है।

यूपी: तोड़फोड़ के बाद संप्रदायिक तनाव

दैनिक जागरण, ६ अक्टूबर , लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सोमवार को नमाज स्थल में हुई तोड़फोड़ के बाद पैदा हुए तनाव से उग्र हुई भीड़ को तितर-वितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग व लाठीचार्ज करना पड़ा। दोनों समुदाय के बीच हुए संघर्ष में कम से कम पांच लोग घायल हो गएं।

सहारनपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र के मेहरबानी गांव में अली हसन ने अपने घर में नमाज स्थल बना रखा था। इसे लेकर 1995 में भी तनाव हुआ था। उस समय दोनों समुदायों में हुए समझौते के अनुसार उक्त नमाज स्थल का उपयोग केवल अली हसन और उसके परिवार के द्वारा ही होना था।

पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि अली हसन ने रविवार को कुछ अन्य लोगों को भी नमाज अता करने के लिए बुला लिया था और नमाज स्थल पर कुछ नया निर्माण भी करा लिया था।

आनंद कुमार के अनुसार करीब तीन हजार आबादी वाले गांव के दूसरे समुदाय ने समझौते का उल्लंघन बताते हुए नमाजस्थल को तोड़ दिया। उसके ऊपर रखे छप्पर को उखाड़ दिया और खंभों को भी तोड़ दिया गया।

उन्होंने बताया कि इसके तोडे़ जाने की खबर गांव से 20 किलोमीटर दूर बेहटा कस्बे में जब पहुंची तो वहां भी तनाव व्याप्त हो गया। बेहटा में भी तोड़फोड़ शुरू हो गई और पथराव किया गया जिसमें कई लोग घायल हुए।

उन्होंने बताया कि बेहटा से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग गांव की ओर बढ़े और गांव और गांव के बाहर स्थित कुछ घरों में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस को उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी। रबर बुलेट दागे गए लाठी चार्ज करना पड़ा। आनंद कुमार के अनुसार पुलिस के बल प्रयोग में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन दोनों समुदाय के आपसी संघर्ष में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं।

Monday, October 6, 2008

Hindu temples in Fiji looted

October 6,2008, Radio Australia , In the Fijian town of Nausori, three Hindu temples have been looted and another partially destroyed by fire.

The Fiji Times reports the temples, located within less than five kilometres of each other are believed to have been entered early yesterday morning.

People living in the area believe the robberies were planned and are pleading to be left alone during the current prayer seasons and approaching Diwali celebrations at the end of the month.

Surendra Prasad, caretaker of the partly burnt and most damaged Naga Baba Kuti Raralevu Temple has told the Fiji Times such attacks are a shame.

The temple, famous for its 108 steps, is the largest temple in Nausori and attracts worshippers from around the country.

मालेगांव में बम विस्फोट,चार मृत

30 सितम्बर २००८, वार्ता, नासिक। महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव नगर में कल हुए एक विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।

सूत्रों के अनुसार नुरामी मस्जिद के पास अंजुमन चौक क्षेत्र में कल रात करीब पौने दस बजे हुए इस विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है जबकि घायलों की संख्या 50 से अधिक है। घायलों का यहां के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां कुछ की हालत गंभीर बताई गई है।

सूत्रों के अनुसार इस विस्फोट में तो कम ही लोग मरे गए हैं, लेकिन इसके बाद मची भगदड़ में कई लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में भी कई लोग घायल हो गए। स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर मालेगांव के पूर्वी क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार विस्फोटस्थल से एक मोटरसाइकिल का मलबा बरामद हुआ है। ऐसी आशंका जताई गई है कि यह कम तीव्रता वाला देशी बम संभवतः उसी मोटरसाइकिल पर रखा गया था।

घटना के बाद कुछ लोगों ने पथराव किया और पुलिस की एक चौकी को आग लगाने के साथ ही कुछ पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके कारण साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इस नगर में तनाव है।

पुलिस ने उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ हवा में फायरिंग की। विस्फोट के बाद पथराव और भगदड़ में आठ से दस पुलिसकर्मियों सहित 50 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है। जगह-जगह पर बेरीकेटिंग लगा दी गई हैं। इसके साथ ही नासिक से राज्य रिजर्व पुलिस बल के जवानों को मालेगांव बुलाया गया है। पुलिस के अनुसार फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन काबू में है।

ठाणे में साम्प्रदायिक झड़प, 1 की मौत

30 सितम्बर २००८, सीएनएन-आईबीएन, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नाशिक जिले के मालेगांव में कल हुए विस्फोट के बाद ठाणे जिले में भी साम्प्रदायिक झड़प होने की खबर मिली है। इस झड़प में 1 व्यक्ति की मौत हो गई है।

ठाणे जिले के राबोडी इलाके में आज से शुरु हो रहे नवरात्रि त्योहार को लेकर एक पंडाल लगाए जाने के मामले पर विवाद ने झड़प का रुप ले लिया, जिसमें करीब 50 लोग घायल हो गए।

पुलिस के अनुसार, एक खास समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि ये पंडाल उनके इलाके का अतिक्रमण कर रहा है। इसके बावजूद भी, नवरात्रि महोत्सव का आयोजन करने वाले स्थानीय मंडल समूह ने पंडाल लगाए जाने की बात पर अड़े रहे, और उसके बाद दोनों समुदाय में झड़प हो गई।

इस पूरे इलाके में धारा 144 लागू किए जाने के बावजूद भी कई जगहों पर वाहनों पर पत्थरबाजी किए जाने की घटना घटित हुई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री आर.आर.पाटिल ने ठाणे के इस हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा किया।

मालेगांव में हिंसाः

मालेगांव में भी कल रात भीकू चौक इलाके में हुए विस्फोट के बाद हिंसक घटनाओं की खबर मिली है। विस्फोट के ठीक बाद गुस्साए भीड़ ने पुलिस बलों पर पत्थरबाजी की, जिसमें अतिरिक्त सहायक पुलिस अधीक्षक विरेश प्रभु समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।

दरअसल, इस विस्फोट के बाद नाशिक जिले के इस संवेदनशील इलाके में तनाव फैल गया था।