Monday, July 28, 2008

धमाकों से दहला अहमदाबाद, 45 मरे

अहमदाबाद। आईटी सिटी बेंगलूर में बीते शुक्रवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की गूंज अभी शात भी नहीं हुई थी कि शनिवार शाम गुजरात का प्रमुख औद्योगिक शहर अहमदाबाद भी सीरियल बम धमाकों से दहल उठा। एक के बाद बाद एक हुए 17 सीरियल बम विस्फोटों में 45 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये विस्फोट शहर के मणिनगर, इसनपुर, नरोल सर्किल, बापूनगर, हाटकेश्वर, सरनागपुर ब्रिज, सरखेज, रायपुर, जुहापुर, कोरियर मंदिर, ओधव आदि इलाके में हुए। धमाकों में टिफिन का इस्तेमाल किया गया जो साइकिल पर रखे हुए थे। जांच सूत्रों के अनुसार धमाकों में जिलेटिन और अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है।
हाल के दिनों में आतंकियों ने उन्हीं राज्यों के प्रमुख शहरों को निशाना बनाया है जहां भाजपा की सरकार है। इससे पहले 13 मई को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 65 लोग मारे गए थे।
अहमदाबाद में पहला धमाका शाम 6.41 पर हुआ। इसके बाद 90 मिनट के भीतर एक के बाद एक 13 स्थानों पर धमाके हुए। विस्फोट के बाद अहमदाबाद रेलवे स्टेशन सील कर दिया गया। गुजरात के पड़ोसी राज्यों समेत पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली में हाई अलर्ट के साथ-साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जिन स्थानों पर धमाके हुए उनमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर भी शामिल है। मणिनगर और सरखेज में दो धमाके हुए। सरखेज में राज्य परिवहन निगम की सीएनजी बस और संगम थिएटर को निशाना बनाया गया। एक धमाका मणिनगर के सिविल अस्पताल के ट्रामा वार्ड में हुआ। यहां हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। पहले धमाके के करीब 40 मिनट के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विस्फोट से आतंकियों की यह मंशा साफ है कि उनकी यह कार्रवाई सुनियोजित तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत करने की थी। जाहिर है कि घायलों को अस्पताल लाए जाने के क्रम में बचावकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों की भारी भीड़ वहां जुट गई थी।
पुलिस के मुताबिक कई बम साइकिलों पर टिफिन में रखे गए थे। जयपुर में भी आतंकियों ने धमाकों के लिए साइकिल का इस्तेमाल किया था। टिफिन बाक्स का इस्तेमाल पिछले साल लखनऊ में कोर्ट के बाहर हुए विस्फोट में किया गया था। धमाकों के बाद अहमदाबाद में हर कहीं अफरातफरी का माहौल था। विस्फोटस्थलों पर बस, साइकिलों, मोटरसाइकिलों और आटोरिक्शा के उड़े हुए परखच्चे दिख रहे थे। चारों तरफ खून बिखरा पड़ा था। लोग बदहवास भाग रहे थे।
विस्फोट की खबर फैलते ही लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। एक धमाका राज्य सरकार की सीएनजी बस में भी हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि बस बीच से फट गया और इसके भीतर खून ही खून फैला था।
सभी धमाके भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए, जिससे इलाकों में दहशत और अफरातफरी का माहौल है। शहर के नौ थाना इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने शहर में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ अ‌र्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी कर दी गई है। उधर, देर रात गुजरात की राजधानी गांधीनगर के कलोल इलाके में एक टाइम बम मिला जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। बम को रात बारह बजे फटना था।
पुलिस ने बताया कि घायलों को सिविल अस्पताल, एलजी अस्पताल तथा शहर के कुछ अन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इनमें से कुछ घायलों की हालत अत्यंत नाजुक है।
जांच एजेंसी आईबी के सूत्रों के मुताबिक उनके हाथ शनिवार को भेजा गया इंडियन मुजाहिदीन का एक ईमेल लगा है, जिसमें यह धमकी दी गई है कि कुछ शहरों में जल्द ही विस्फोट को अंजाम दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को एक लाख और हर घायल को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे और घायलों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।
उधर, गुजरात के गृहमंत्री अमित शाह ने । प्राथमिक जानकारी के अनुसार तीन धमाकों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है। अहमदाबाद से बाहर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बम विस्फोटों की निंदा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने देश में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने बताया कि एनएसजी और बम विशेषज्ञों का एक दल अहमदाबाद पहुंच चुका है। दूसरा दल रविवार को रवाना होगा। (दैनिक जागरण , २७ जुलाई २००८)

No comments:

Post a Comment