दैनिक जागरण, १५ नवम्बर २००८, नई दिल्ली: बांग्लादेश की निर्वासित एवं विवादित लेखिका तसलीमा नसरीन पर फिर भारत छोड़कर जाने का दबाव पड़ रहा है। इस साल 8 अगस्त को भारत लौटीं तसलीमा ने कहा कि सरकार के आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर तक उन्हें देश छोड़ देना था। तसलीमा ने ई-मेल के जरिए दिए एक इंटरव्यू में कहा, हां मुझ पर एक बार फिर भारत छोड़कर जाने का दबाव पड़ रहा है। सरकार ने मुझे छह महीने का निवास परमिट दिया था, इसमें गुप्त शर्त थी कि मुझे कुछ दिनों के भीतर इस देश को फिर छोड़ना होगा। अपनी विवादित किताब लज्जा के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रही तसलीमा ने बताया कि वह इन दिनों यूरोप में किसी जगह हैं और व्याख्यान देने में व्यस्त हैं। डाक्टर से लेखिका बनी तसलीमा को सात महीने पहले भी कट्टरपंथी संगठनों के विरोध के चलते भारत छोड़कर जाना पड़ा था। विवादास्पद किताब लिखने की वजह से 1994 में बांग्लादेश से निकाले जाने के बाद तसलीमा ने अधिकांश समय कोलकाता में बिताया। तसलीमा ने कहा, मेरे लिए बांग्लादेश के दरवाजे बंद हो चुके हैं। लिहाजा मेरी नजर में अब भारत में कोलकाता ही मेरा घर है। यदि मुझे वहां लौटने की इजाजत नहीं मिली तो मेरी जिंदगी फिर खानाबदोश सरीखी हो जाएगी।
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