दैनिक जागरण, बहराइच, 4 जून 2009 : गुरुवार की सुबह दरगाह शरीफ के मेले के इतिहास में बदनुमा दाग बनकर रह गयी। मेले की पाकीजगी तो तार-तार हुई ही दरगाह शरीफ प्रबंधतंत्र के दामन पर जो दाग लगा उसने यहां की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप बेहद संगीन है।
रात के सर्कस की थकान उतारकर यहां के कर्मचारी पूरी तरह जग भी नहीं पाए थे कि यह धमाका हो गया। दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि कई दिनों से सर्कस के मालिक रजा खां एवं गोली लगने से घायल हुए बसंत अग्निहोत्री से दरगाह प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष सर्कस की लड़कियों को मांग करते थे, मगर सर्कस के मालिक इसके लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद प्रबंध समिति के पदाधिकारी द्वारा सर्कस के पास अधिक संख्या में मांग की गयी और सर्कस के लिए जमीन अधिक घेर लेने का आरोप लगाकर उन्हें परेशान कर रहे थे।
इसी बात को लेकर आज सुबह आठ बजे लगभग दस लोगों ने सर्कस परिसर में उस पर गोली चला दी और लूटपाट भी की। आरोप तो यह भी है कि संबंधित पदाधिकारी द्वारा दो लाख रुपए की मांग की गयी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। थानाध्यक्ष दरगाह अजीत कुमार सिंह लूटपाट की घटना को सिरे से खारिज कर रहे हैं वे गोली चलने की घटना को भी संदिग्ध मान रहे हैं।
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