हिन्दुस्तान दैनिक , 2 सितम्बर २००८ । स्वामी जी ने बिनोवा भाव के गोरक्षा आंदोलन को इस इलाके में जोर-शोर से चलाया जिस कारण गैर हिन्दू समाज को खास मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कंधमाल जिल में ईसाई संगठनों ने कंधों को लुभान की हर संभव कोशिश की है। विश्व हिन्दू परिषद की ईसाईयों के प्रति आक्रोश की यही वजह है, जिसका मजबूती के साथ नेतृृत्व स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती कर रहे थे। स्वामी जी ने ईसाई बने हजारों पनस लोगों को ‘शुद्धिकरण' के जरिये फिर से हिन्दू बनाया है।
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