दैनिक जागरण, 9 सितम्बर 2008, आजमगढ़। योगी आदित्यनाथ के काफिले पर रविवार को हुए प्राण घातक हमले के बाद प्रशासन ने शहर को भले ही शांत कर लिया हो मगर ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को भी ग्रामीण क्षेत्रों में योगी आदित्यनाथ के काफिले पर हमले को लेकर लोगों में आक्रोश बना रहा।
हमारे कंधरापुर/कप्तानगंज/ बूढ़नपुर संवाददाताओं के अनुसार कप्तानगंज बाजार में हालत दूसरे दिन भी नहीं सुधरे। यहां मंगलवार को भी दो पक्षों ने खुलकर मोर्चा संभाला। जमकर लाठी-डण्डे चले और पथराव हुआ जबकि एक पक्ष ने चाकू, तलवार और तमंचों को लहराकर प्रशासनिक दावे 'सब ठीक है' की पोल खोल दी। इस हिंसा में दोनों पक्षों से नौ लोग घायल हो गये। इस दौरान उपद्रवियों ने एक पीसीओ, एक मुर्गा व्यवसायी तथा एक मांस विक्रेता की दुकान के साथ ही एक मोबाइल की दुकान को भी तहस-नहस कर दिया। बाजार में घंटों पथराव और असलहों का खुला प्रदर्शन देखकर हर कोई सुरक्षित रास्ता पकड़ ले रहा था। सड़क पर घंटों हुए इस उपद्रव को देख पुलिस भी सहम गयी। चन्द मिनट के अन्दर बाजार की सभी दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गयीं। उपद्रव की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक विजय गर्ग भी मौके पर पहुंच गये। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बुलानी पड़ी। इसके बाद भी उपद्रवी शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
बाजार की सड़कों से लेकर गलियों तक में हर तरफ ईट के टुकड़े बिखरे पड़े थे और दहशत का माहौल था। भारी संख्या में फोर्स के पहुंचने के बाद भी लोग अपने घरों में दुबके रहे। कप्तानगंज थानाध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि उपद्रव के सिलसिले में दोनों पक्षों से 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके अनुसार मंगलवार को हुए उपद्रव की जड़ में मिट्टी के तेल वितरण के दौरान हुआ विवाद रहा है जबकि दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि सोमवार को बाजार बंद कराने को लेकर एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष द्वारा फब्तियां कसने के कारण स्थिति विस्फोटक हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोटेदार योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता की दुकान पर मिट्टी के तेल वितरण के दौरान कुछ लोगों ने लालू व सोनू को पीटना शुरू कर दिया और उनके चीखने पर मामले ने दूसरा रूप धारण कर लिया।
हमारे कंधरापुर/कप्तानगंज/ बूढ़नपुर संवाददाताओं के अनुसार कप्तानगंज बाजार में हालत दूसरे दिन भी नहीं सुधरे। यहां मंगलवार को भी दो पक्षों ने खुलकर मोर्चा संभाला। जमकर लाठी-डण्डे चले और पथराव हुआ जबकि एक पक्ष ने चाकू, तलवार और तमंचों को लहराकर प्रशासनिक दावे 'सब ठीक है' की पोल खोल दी। इस हिंसा में दोनों पक्षों से नौ लोग घायल हो गये। इस दौरान उपद्रवियों ने एक पीसीओ, एक मुर्गा व्यवसायी तथा एक मांस विक्रेता की दुकान के साथ ही एक मोबाइल की दुकान को भी तहस-नहस कर दिया। बाजार में घंटों पथराव और असलहों का खुला प्रदर्शन देखकर हर कोई सुरक्षित रास्ता पकड़ ले रहा था। सड़क पर घंटों हुए इस उपद्रव को देख पुलिस भी सहम गयी। चन्द मिनट के अन्दर बाजार की सभी दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गयीं। उपद्रव की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक विजय गर्ग भी मौके पर पहुंच गये। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बुलानी पड़ी। इसके बाद भी उपद्रवी शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
बाजार की सड़कों से लेकर गलियों तक में हर तरफ ईट के टुकड़े बिखरे पड़े थे और दहशत का माहौल था। भारी संख्या में फोर्स के पहुंचने के बाद भी लोग अपने घरों में दुबके रहे। कप्तानगंज थानाध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि उपद्रव के सिलसिले में दोनों पक्षों से 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके अनुसार मंगलवार को हुए उपद्रव की जड़ में मिट्टी के तेल वितरण के दौरान हुआ विवाद रहा है जबकि दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि सोमवार को बाजार बंद कराने को लेकर एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष द्वारा फब्तियां कसने के कारण स्थिति विस्फोटक हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोटेदार योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता की दुकान पर मिट्टी के तेल वितरण के दौरान कुछ लोगों ने लालू व सोनू को पीटना शुरू कर दिया और उनके चीखने पर मामले ने दूसरा रूप धारण कर लिया।
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