२० अगस्त २००८, दैनिक जागरण , अहमदाबाद। सीरियल बम धमाकों के सूत्रधार अबुल बशर कासमी ने हमले में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। इन धमाकों में सिमी सरगना सफदर नागौरी का भी हाथ था।
गुजरात पुलिस के मुताबिक जयपुर और हैदराबाद धमाकों की साजिश भी नागौरी ने ही रची थी। नागौरी को ट्राजिट रिमाड पर अहमदाबाद लाने के लिए गुजरात पुलिस की टीम मध्यप्रदेश रवाना हो चुकी है।
बीते हफ्ते उत्तार प्रदेश से गिरफ्तार किया गया मुफ्ती अबुल बशर कासमी उर्फ अबू बशीर फिलहाल 14 दिन की पुलिस रिमांड में है। शहर की क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ कर रही है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उसने धमाकों में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। 26 जुलाई को अहमदाबाद में हुए धमाकों में 55 लोगों की मौत हो गई थी। बशर हालांकि पुलिस को सहयोग कर रहा है लेकिन ज्यादा बोल नहीं रहा। ज्यादातर सवालों का जवाब वह हां या ना में दे रहा है। अधिकारियों के मुताबिक हो सकता है उसे पुलिस पूछताछ से निपटने की ट्रेनिंग भी दी गई हो।
पुलिस ने जयपुर धमाकों में साजिद मंसूरी का हाथ होने की आशंका भी जताई है। पुलिस उपायुक्त [क्राइम ब्रांच] अभय चूड़ास्मा ने बताया कि धमाकों से दो महीने पहले वह कई बार अहमदाबाद आया था। हमले में दूसरे राज्यों के युवकों को भी शामिल किया गया था जिसमें डाक्टर और कंप्यूटर इजीनियर जैसे प्रोफेशनल भी हैं। इसमें सिमी के नेटवर्क का भी खूब इस्तेमाल किया गया।
पुलिस ने बताया कि हमले में नागौरी का हाथ भी था। पूछताछ के लिए उसे गुजरात लाया जाएगा। अभी वह इदौर की रीवा जेल में बंद है। 2007 में केरल में और जनवरी 2008 में गुजरात के हलोल में लगाए गए सिमी के ट्रेनिंग कैंप में नागौैरी और उसका भाई करीमुद्दीन मुख्य ट्रेनर थे।
बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार इमरान शेख का घर सील कर दिया गया है। उसके बाहर राज्य रिजर्व पुलिस [एसआरपी] तैनात है। धमाकों में इस्तेमाल किए गए बमों को रखने के लिए मुंबई के कंप्यूटर इंजीनियर अब्दुल सुभान उर्फ तौफीक बिलाल ने शेख का घर इस्तेमाल किया था। हमले के लिए जरूरी तकनीकी सहायता भी उसी ने मुहैया कराई थी। तौफीक अभी फरार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि वडोदरा के साजिद मंसूरी ने जयपुर धमाकों में हाथ होने की बात स्वीकार की है।
गुजरात पुलिस के मुताबिक जयपुर और हैदराबाद धमाकों की साजिश भी नागौरी ने ही रची थी। नागौरी को ट्राजिट रिमाड पर अहमदाबाद लाने के लिए गुजरात पुलिस की टीम मध्यप्रदेश रवाना हो चुकी है।
बीते हफ्ते उत्तार प्रदेश से गिरफ्तार किया गया मुफ्ती अबुल बशर कासमी उर्फ अबू बशीर फिलहाल 14 दिन की पुलिस रिमांड में है। शहर की क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ कर रही है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उसने धमाकों में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। 26 जुलाई को अहमदाबाद में हुए धमाकों में 55 लोगों की मौत हो गई थी। बशर हालांकि पुलिस को सहयोग कर रहा है लेकिन ज्यादा बोल नहीं रहा। ज्यादातर सवालों का जवाब वह हां या ना में दे रहा है। अधिकारियों के मुताबिक हो सकता है उसे पुलिस पूछताछ से निपटने की ट्रेनिंग भी दी गई हो।
पुलिस ने जयपुर धमाकों में साजिद मंसूरी का हाथ होने की आशंका भी जताई है। पुलिस उपायुक्त [क्राइम ब्रांच] अभय चूड़ास्मा ने बताया कि धमाकों से दो महीने पहले वह कई बार अहमदाबाद आया था। हमले में दूसरे राज्यों के युवकों को भी शामिल किया गया था जिसमें डाक्टर और कंप्यूटर इजीनियर जैसे प्रोफेशनल भी हैं। इसमें सिमी के नेटवर्क का भी खूब इस्तेमाल किया गया।
पुलिस ने बताया कि हमले में नागौरी का हाथ भी था। पूछताछ के लिए उसे गुजरात लाया जाएगा। अभी वह इदौर की रीवा जेल में बंद है। 2007 में केरल में और जनवरी 2008 में गुजरात के हलोल में लगाए गए सिमी के ट्रेनिंग कैंप में नागौैरी और उसका भाई करीमुद्दीन मुख्य ट्रेनर थे।
बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार इमरान शेख का घर सील कर दिया गया है। उसके बाहर राज्य रिजर्व पुलिस [एसआरपी] तैनात है। धमाकों में इस्तेमाल किए गए बमों को रखने के लिए मुंबई के कंप्यूटर इंजीनियर अब्दुल सुभान उर्फ तौफीक बिलाल ने शेख का घर इस्तेमाल किया था। हमले के लिए जरूरी तकनीकी सहायता भी उसी ने मुहैया कराई थी। तौफीक अभी फरार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि वडोदरा के साजिद मंसूरी ने जयपुर धमाकों में हाथ होने की बात स्वीकार की है।
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