Thursday, August 7, 2008

हैदराबाद विस्फोट का शक सिमी पर

हैदराबाद। शुक्रवार को मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट के पीछे हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लाम (एचयूजीआई) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) का हाथ हो सकता है। यह दावा शनिवार को आंध्रप्रदेश पुलिस ने किया है। हैदराबाद पुलिस आयुक्त बलविंदर सिंह ने सीएनएन-आईबीएन को जानकारी देते हुए कहा कि यह एक आतंकी हमला था। इस हमले के पीछे जेहादी संगठनों का हाथ था। हादसे की जांच की जा रही है और पुलिस के हाथों में कुछ सुराग भी आए हैं।

खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस विस्फोट को करने की तरीका वैसा ही था जैसा मालेगांव विस्फोट का था। इसलिए सिमी का हाथ इस विस्फोट के पीछे होने का संकेत मिलता है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि प्रतिबंधित दीनदार अंजुमन संगठन विस्फोट में सहायता दे सकता है। यह एक प्रतिबंधित संगठन है जिसका संबंध सिमी से था और अब हैदराबाद के आस पास सक्रिय है। आश्चर्य है कि मस्जिद की जिम्मेदारी त्वरित कार्यबल (आरएएफ) की निगरानी में थी। लेकिन दो दिन पहले ही आरएएफ के जवानों के यहां से कहीं और स्थानांतरित किया गया था। इससे भी इस एतेहासिक मस्जिद की सुरक्षा व्यवस्था में छेद होने और लापरवाही बरतने का संकेत मिलता है।

इधर आंध्रप्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने खुफिया विभाग की जानकारी के बाद मस्जिद प्रशासन के चेतावनी दी थी कि यहां भी मालेगांव विस्फोट जैसी घटना होने की सम्भावना है। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि इस चेतावनी पर मस्जिद प्रशासन ने उनकी कोई सहायता नहीं की। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस राजशेखर रेड्डी ने कहा कि प्रयोग किया गया बम अत्याधुनिक था और इसे बनाने में आरडीएक्स औऱ टीएनटी का इस्तमाल किया गया था। वे शुक्रवार को घटना स्थल का दौरा करने गए थे। उन्होंने कहा कि हमले के पीछे साम्प्रदायिक लोगों का हाथ था जिसका उद्देश्य शांति और सौहार्द को नुकसान पहुंचाना था।

गृहराज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल कहा अभी तक किसी भी संगठन ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इतना तय है कि विस्फोट का उद्देश्य साम्प्रदायिक सदभाव को हानि पहुंचाने का था। हैदराबाद में सुरक्षा को देखते हुए रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। शहर धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। (19 मई २००७, ibnlive.com)


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