सूरत। दो दिन में एक के बाद एक 23 बम मिलने की जांच में जुटी पुलिस ने दावा किया है इस साजिश में काफी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हैं। कुछ सुराग मिलने की भी बात कही जा रही है जिसका अभी खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस का यह भी मानना है कि अहमदाबाद और सूरत दोनों जगह की साजिश का मास्टर माइंड एक ही व्यक्ति हो सकता है।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोनों मामलों में कई लोगों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। उधर, अहमदाबाद में घायल 12 वर्षीय बच्चे रोहन व्यास की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। विस्फोट में उसके पिता की मौत हो गई थी जबकि उसका भाई अभी भी अस्पताल में भर्ती है।
मुंबई में पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि चुंगी [टोल टैक्स] नाका पर स्थापित क्लोज टीवी सर्किट कैमरे से प्राप्त वीडियो फुटेज से नवी मुंबई से कार चोरी कर अहमदाबाद के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट में इस्तेमाल करने वाले लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड [एनएसजी] के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी गैस सिलेंडर में विस्फोटकों को बांधकर नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सूरत के पुलिस आयुक्त आरएमएस बरार ने कहा कि स्थानीय मदद के बिना इस कदर व्यापक पैमाने पर आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे पाना संभव नहीं है। बमों को रखना, जगहों का चुनाव और विस्फोटकों को एक से दूसरी जगह तक ले जाना स्थानीय लोगों की मदद के बिना संभव नहीं है।
पुलिस को यह भी पता चला है कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार से पिछले महीने अहमदाबाद और वडोदरा के अनेक चक्कर काटे गए थे। दोनों शहरों के बीच टोल बूथों के रिकार्ड से यह जानकारी मिली है। इस कार को नवी मुंबई से चुराया गया था जिस पर जाली नंबर प्लेट थी। यह कार पिछले महीने दोनों शहरों के बीच करीब पांच बार आई-गई।
दिल्ली में एनएसजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छर्रे, पेचों, बाल बियरिंग और थैलों का इस्तेमाल तो पहले भी होता रहा है लेकिन बमों के साथ गैस सिलेंडर लगाना नया तरीका है। 27 जुलाई को सूरत में विस्फोटकों और गैस सिलेंडर से भरी दो वैगनआर कारें बरामद की गईं थीं। हालांकि बमों को निष्क्रिय कर दिया गया था। विस्फोटों के मामले में जांच कर रहे स्थानीय अधिकारियों की मदद के लिए एनएसजी के विशेषज्ञों को कर्नाटक ओर गुजरात भेजा गया।
इस बीच चेन्नई में पुलिस ने कहा कि तमिलनाडु में बम लगाने की हाल ही में बेपरदा की गई साजिश में प्रतिबंधित संगठनों स्टूडेट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया [सिमी] और लश्कर-ए-तैयबा का सीधा संबंध नहीं है। (दैनिक जागरण, १ अगस्त २००८ )
हिंदू हितों (सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक) को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाली घटनाओं से सम्बंधित प्रमाणिक सोत्रों ( राष्ट्रिय समाचार पत्र, पत्रिका) में प्रकाशित संवादों का संकलन।
Friday, August 1, 2008
बम रखने में स्थानीय लोग शामिल
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