Wednesday, October 15, 2008

प्रदेश में खुलेंगे 58 मुस्लिम राजकीय कालेज

दैनिक जागरण, १४ अक्तूबर २००८, कौशाम्बी । बसपा सरकार ने मुसलमानों को शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए प्रदेश सरकार 58 मुस्लिम राजकीय माध्यमिक स्कूल खोलने जा रही है। यह कालेज कौशाम्बी समेत 58 जिलों में खोले जाएंगे। साथ ही प्रदेश में उर्दू को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि यह भाषा जिंदा रहे। इसके अलावा सरकार ने मुस्लिम छात्रों को वजीफे के लिए उनके अभिभावक की सालाना आय की सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये तक कर दी है। प्रदेश सरकार की इस योजना का खुलासा मंगलवार को काबीना मंत्री इन्द्रजीत सरोज ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत करते हुए किया।

उन्होंने कहा कि बसपा हमेशा मुसलमानों की तरक्की के बारे में फिक्रमंद रहती थी। सरकार ने हाल ही में मुस्लिम बुद्धिजीवियों को बुलाकर मुसलमानों की बुनियादी समस्याएं जानने की कोशिश की। इन बातचीत में यह तथ्य उभरकर आया कि मुस्लिम कौम अशिक्षा से जूझ रही है। इनमें से शिक्षा का स्तर दिन ब दिन गिरता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इसे उठाने की कोशिशें शुरू कर दी है। इसके लिए कई योजनाएं बनाई गई है। अब उन मुस्लिम छात्रों को भी वजीफा मिलेगा जिनके अभिभावकों की सालाना आमदनी एक लाख रुपये तक है। पहले उन्हीं छात्रों को वजीफा मिलता था जिनके अभिभावक 18 हजार रुपये सालाना कमाते थे। अब आय सीमा बढ़ जाने से लगभग सभी मुस्लिम छात्र वजीफे के हकदार हो जाएंगे। हाल ही में अरबी फारसी बोर्ड का गठन इसीलिए किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में 58 राजकीय माध्यमिक स्कूल खोजे जा रहे है। इन स्कूलों में मुसलमानों के लड़के पढ़ेगे। प्रदेश सरकार की सोच है कि इन स्कूलों के जरिए मुसलमानों में तालीम का स्तर ऊंचा उठाया जा सकता है। कौशाम्बी में भी राजकीय मुस्लिम माध्यमिक स्कूल खोला जाएगा।

1 comment:

  1. मुस्लिम की रक्षा करें,पाकर हिन्दू वोट.
    नेता जिम्मेदार हैम,होते जो विस्फ़ोट.
    करते हैं विस्फ़ोट,चुनौति खुल्ली देकर.
    इन्हें बचाते संविधान की दोहाई देकर.
    कह साधक अब करो समीक्षा संविधान की.
    वरना हिम्मत बढ जायेगी मुसलमान की.

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