18 अक्टूबर 2008 ,वार्ता , नई दिल्ली। कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर उन्हें जामिया नगर के बाटला हाउस मुठभेड़ कांड को लेकर उठ रही शंकाओं से अवगत कराया तथा इन्हें दूर करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की।
कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल इन नेताओं ने डॉ. सिंह को ताजा हालत की जानकारी दी और उनसे आग्रह किया कि गत 19 सितंबर को हुई इस मुठभेड़ को लेकर मुसलमानों में तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे हैं, उनका जवाब दिया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव मोहसिना किदवई, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीके. जाफर शरीफ और सलमान खुर्शीद, राज्यसभा के उपसभापति के रहमान खान, अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान किदवई तथा अनीस दुर्रानी शामिल थे।
दुर्रानी ने बताया कि हमने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग नहीं की लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार की ओर से शंकाओं को दूर करने का जल्द से जल्द प्रयास किया जाना चाहिए।
आधा घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में नेताओं ने सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटने के चल रहे प्रयासों तथा देश के विभिन्न हिस्सों विशेषकर उड़ीसा और कर्नाटक में इसाइयों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई।
नेताओं ने कहा कि ऐसी घटनाओं से अल्पसंख्यकों में दहशत और अविश्वास की भावना पैदा हो रही है, जो देश के लिये बहुत खतरनाक है।
इन नेताओं ने मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की कार्यवाही में तेजी लाने का भी आग्रह किया।
दुर्रानी ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने हमारी बातों को ध्यान से सुना है और कहा है कि अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने बाटला मुठभेड कांड की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने इस मांग का समर्थन तो नहीं किया है लेकिन उसने साफतौर पर कहा कि इस मुठभेड के बारे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
पार्टी ने इसके लिए सरकार पर दवाब बनाना भी शुरु कर दिया है। पार्टी के कई नेताओं ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इसी तरह की मांग की थी। पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग की सलाहकार परिषद की पिछले दिनों हुई बैठक में यही मुद्दा छाया रहा।
कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल इन नेताओं ने डॉ. सिंह को ताजा हालत की जानकारी दी और उनसे आग्रह किया कि गत 19 सितंबर को हुई इस मुठभेड़ को लेकर मुसलमानों में तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे हैं, उनका जवाब दिया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव मोहसिना किदवई, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीके. जाफर शरीफ और सलमान खुर्शीद, राज्यसभा के उपसभापति के रहमान खान, अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान किदवई तथा अनीस दुर्रानी शामिल थे।
दुर्रानी ने बताया कि हमने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग नहीं की लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार की ओर से शंकाओं को दूर करने का जल्द से जल्द प्रयास किया जाना चाहिए।
आधा घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में नेताओं ने सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटने के चल रहे प्रयासों तथा देश के विभिन्न हिस्सों विशेषकर उड़ीसा और कर्नाटक में इसाइयों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई।
नेताओं ने कहा कि ऐसी घटनाओं से अल्पसंख्यकों में दहशत और अविश्वास की भावना पैदा हो रही है, जो देश के लिये बहुत खतरनाक है।
इन नेताओं ने मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की कार्यवाही में तेजी लाने का भी आग्रह किया।
दुर्रानी ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने हमारी बातों को ध्यान से सुना है और कहा है कि अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने बाटला मुठभेड कांड की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने इस मांग का समर्थन तो नहीं किया है लेकिन उसने साफतौर पर कहा कि इस मुठभेड के बारे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
पार्टी ने इसके लिए सरकार पर दवाब बनाना भी शुरु कर दिया है। पार्टी के कई नेताओं ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इसी तरह की मांग की थी। पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग की सलाहकार परिषद की पिछले दिनों हुई बैठक में यही मुद्दा छाया रहा।
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