दैनिक जागरण, लम्भुआ (सुल्तानपुर),13 अक्टूबर २००८ : दिन दहाड़े महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश मामले के बाद कस्बे में चौथे दिन हालात पूरी तौर पर सामान्य हो गये हैं। यहां तैनात अन्य थानों की पुलिस फोर्स और अतिरिक्त बल वापस भेज दिये गये हैं। भाजपा और हिन्दू संगठनों की धरना-प्रदर्शन की घोषित तारीख बीत जाने पर अफसरों ने भी राहत की सांस ली है। उधर अल्पसंख्यक समुदाय के बुद्धिजीवियों ने भी उक्त दुष्कृत्य को इस्लाम विरु द्ध बताया है।
शुक्रवार को दोपहर दो बजे बखारी दिखाने के बहाने प्रौढ़ महिला के साथ व्यापारी पुत्र के दुष्कर्म की कोशिश को लेकर कस्बे समेत ग्रामीण इलाके में तनाव व्याप्त हो गया था। उसी दिन भाजपा व हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करके कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने चौदह घंटे के भीतर ही आरोपी युवक सलमान गिरफ्तार कर लिया। इसके बावजूद शनिवार को हिन्दू संगठनों व भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक में युवाओं के तेवर देख लोगों के होश उड़ गये। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद मामला शांतिपूर्वक निपट गया। इस दौरान पुलिस फोर्स को कई बार कस्बे में गश्त भी लगानी पड़ी थी। रविवार की सुबह से ही कस्बे में हालात पूरी तौर पर सामान्य दिखे। दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों ने भी इस मामले की कड़ी निन्दा की है। मास्टर शमीउल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में वारदात को कष्टप्रद व दु:खदायी बताया गया। दोषी अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि अपराधी किसी जाति-धर्म का नहीं होता। वह किसी धर्म से ताल्लुक नहीं रखता है।
इस्लाम धर्म में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। कुछ लोग धर्म की आड़ में उन्माद पैदा करना चाहते थे, लेकिन उनके मंसूबे सफल न हुए। कस्बे में दोनों सम्प्रदायों के लोग साथ-साथ रहे हैं। लिहाजा, हिन्दू-मुस्लिम में नफरत पैदा करने की कोशिश न की जाय। बैठक में मुख्य रूप से नियाज अहमद, शाहिद अली, मु.सफी, गुलाम दस्तगीर, हाजी मुहर्रम अली, मुख्तार अहमद, वहीद खान आदि मौजूद रहे। उधर पुलिस ने दोषी युवक की दुकान व घटनास्थल को सीज करके मामले की विवेचना प्रारम्भ कर दी है।
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