दैनिक जागरण, २० अक्तूबर २००८, लखनऊ: अल्पसंख्यक युवकों को नौकरी के लिए प्रदेश सरकार कोचिंग करायेगी। मुख्यमंत्री मायावती ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को निर्देश दिये हैं कि कोचिंग की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिये जिससे वे पुलिस, सुरक्षा बल, पब्लिक सेक्टर, रेलवे, बैंक, बीमा कम्पनियों और स्वायत्तशासी संस्थाओं में ज्यादा से ज्यादा संख्या में नौकरी पा सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देशों में कहा है कि इंटरमीडिएट, डिग्री अथवा पीजी की शिक्षा पूरी करने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के युवकों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए कोचिंग की जरूरत होती है, पर फीस अत्यधिक होने के कारण गरीब बच्चे इसे हासिल नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार का दायित्व है कि वह इन बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने निर्देशों में कहा है कि अल्पसंख्यक बच्चों को इंजीनियरिंग, लॉ, मेडिकल, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और आईटी कालेजों में प्रवेश दिलाने के लिए भी कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाय। कहा गया है कि अल्पसंख्यक युवकों को उनके ही जिलों में उस कोचिंग से परीक्षा की तैयारी करने की सुविधा दी जायेगी जिसके माध्यम से लगातार तीन वर्षो तक 15 प्रतिशत सफलता रिकार्ड रहा हो। अल्पसंख्यक छात्रों को कोचिंग की सुविधा दिये जाने में सहयोग देने के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी, जिसमें जिलाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्था के प्रतिनिधि विश्र्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय के प्रोफेसर या प्रधानाचार्य प्रतिष्ठित समाजसेवी तथा शिक्षाविद शामिल होंगे। कोचिंग संस्थाओं के चयन हेतु शासन स्तर पर समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष, सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ होंगे। इस योजना के तहत ऐसी कोचिंग संस्थाएं जो राष्ट्रीय अथवा राज्य स्तर पर प्रतिष्ठा पा चुकी हैं, चाहे वे अन्य राज्यों में हों, इस योजना में आच्छादित मानी जायेंगी। अल्पसंख्यक छात्रों को इन कोचिंग में भेजा जायेगा और अनुदान भी दिया जायेगा।
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